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सुप्रीम कोर्ट ने जिंदा बम मामले में आरोपी सलमान को जमानत देने से किया इनकार, कहा- 15 मई तक ट्रायल पूरी करे विशेष कोर्ट

Jaipur serial bomb blast case, सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर मिले जिंदा बम मामले के आरोपी सलमान को फिलहाल जमानत देने से इनकार कर दिया है. साथ ही अदालत ने जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट को 15 मई तक मामले की ट्रायल पूरी करने के लिए कहा है.

Jaipur serial bomb blast case
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 9, 2024, 5:41 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने मई 2008 में जयपुर शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर मिले जिंदा बम मामले में आरोपी सलमान को फिलहाल जमानत देने से इनकार कर दिया. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट को 15 मई तक मामले की ट्रायल पूरी करने के लिए कहा है. अदालत ने कहा कि यदि तब तक ट्रायल पूरी नहीं हो तो आरोपी की जमानत याचिका पर पुनर्विचार किया जाएगा. जस्टिस एमएम सुंदरेश व एसवीएन भट्टी की बेंच ने यह निर्देश शुक्रवार को आरोपी सलमान की जमानत याचिका पर दिया.

आरोपी की ओर से कहा गया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने उसे जयपुर बम ब्लास्ट केस में दोषमुक्त कर दिया है और जिंदा बम मामले की ट्रायल में समय लगेगा. इसलिए उसे जमानत दी जाए. इसके जवाब में भारत के अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि व विशेष अधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि आरोपी सलमान प्रतिबंधित संगठन इंडियन मुजाहिदीन का सदस्य रहा है और उसे जयपुर, दिल्ली व अहमदाबाद के सीरियल बम धमाकों में शामिल माना गया था. जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया था. हाईकोर्ट के इस फैसले को राज्य सरकार व बम ब्लास्ट पीड़ितों ने एसएलपी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है.

इसे भी पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट ने जिंदा बम के आरोपी सरवर की जमानत रखी बरकरार, सरकार की एसएलपी खारिज

साथ ही कहा गया कि आरोपी को जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा और संभावना है कि वह वापस आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो सकता है. इसलिए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जाए. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर आरोपी सलमान को फिलहाल राहत से इनकार करते हुए ट्रायल पूरी नहीं होने पर उसकी जमानत याचिका पर पुनर्विचार करने के लिए कहा. गौरतलब है कि 13 मई, 2008 को शहर में सिलसिलेवार 8 बम धमाके हुए थे, जबकि एक जगह जिंदा बम मिला था. बम ब्लास्ट के मामले में हाईकोर्ट सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर चुका है, जबकि जिंदा बम मिलने से जुड़े मामले में अभी विशेष न्यायालय में सुनवाई लंबित चल रही है.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने मई 2008 में जयपुर शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर मिले जिंदा बम मामले में आरोपी सलमान को फिलहाल जमानत देने से इनकार कर दिया. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट को 15 मई तक मामले की ट्रायल पूरी करने के लिए कहा है. अदालत ने कहा कि यदि तब तक ट्रायल पूरी नहीं हो तो आरोपी की जमानत याचिका पर पुनर्विचार किया जाएगा. जस्टिस एमएम सुंदरेश व एसवीएन भट्टी की बेंच ने यह निर्देश शुक्रवार को आरोपी सलमान की जमानत याचिका पर दिया.

आरोपी की ओर से कहा गया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने उसे जयपुर बम ब्लास्ट केस में दोषमुक्त कर दिया है और जिंदा बम मामले की ट्रायल में समय लगेगा. इसलिए उसे जमानत दी जाए. इसके जवाब में भारत के अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि व विशेष अधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि आरोपी सलमान प्रतिबंधित संगठन इंडियन मुजाहिदीन का सदस्य रहा है और उसे जयपुर, दिल्ली व अहमदाबाद के सीरियल बम धमाकों में शामिल माना गया था. जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया था. हाईकोर्ट के इस फैसले को राज्य सरकार व बम ब्लास्ट पीड़ितों ने एसएलपी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है.

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साथ ही कहा गया कि आरोपी को जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा और संभावना है कि वह वापस आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो सकता है. इसलिए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जाए. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर आरोपी सलमान को फिलहाल राहत से इनकार करते हुए ट्रायल पूरी नहीं होने पर उसकी जमानत याचिका पर पुनर्विचार करने के लिए कहा. गौरतलब है कि 13 मई, 2008 को शहर में सिलसिलेवार 8 बम धमाके हुए थे, जबकि एक जगह जिंदा बम मिला था. बम ब्लास्ट के मामले में हाईकोर्ट सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर चुका है, जबकि जिंदा बम मिलने से जुड़े मामले में अभी विशेष न्यायालय में सुनवाई लंबित चल रही है.

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