जयपुर : एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता और अर्जुन अवॉर्डी, जयपुर की दिव्यकृति सिंह ने सऊदी अरब के रियाद में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ड्रेसाज प्रतियोगिता (सीडीआई) में शानदार प्रदर्शन किया. इस प्रतियोगिता में अन्य ओलंपिक राइडर्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करते हुए दिव्यकृति सिंह ने भारत के लिए सिल्वर और ब्रॉन्ज पदक जीते. ड्रेसाज में दो प्रमुख प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं,जिसमें प्रिक्स सेंट जॉर्ज और इंटर 1 फ्रीस्टाइल टू म्यूजिक शामिल है. दिव्यकृति ने इंटर 1 फ्रीस्टाइल टू म्यूजिक इवेंट में व्यक्तिगत रूप से सिल्वर पदक जीता, जिसमें उन्होंने पेरिस ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाले एक यूरोपीय राइडर को हराया. इसके बाद उन्होंने प्रिक्स सेंट जॉर्ज टेस्ट में भारत के लिए ब्रॉन्ज पदक जीता. दिव्यकृति ने दोनों प्रतियोगिताओं में करियर के सर्वश्रेष्ठ स्कोर हासिल किए. उन्होंने फ्री स्टाईल में 71 अंक और प्रिक्स सेंट जॉर्ज में 69.8 अंक प्राप्त किए. प्रिक्स सेंट जॉर्ज में उन्हें सिल्वर पदक से केवल 0.05 अंक से चूक गईं.
विश्व भर के शीर्ष खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा : रियाद में आयोजित इस प्रतियोगिता का आयोजन फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल एक्वेस्ट्रियन (एफईआई) द्वारा किया गया था और इसमें विश्व भर के शीर्ष इक्कीस राइडरों ने हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में पुरस्कारों का वितरण सऊदी अरब के रॉयल फैमिली के सदस्य अब्दुल्ला बिन फहद बिन अब्दुल्ला अल सऊद द्वारा किया गया. इस अवसर पर दिव्यकृति ने कहा कि रियाद में अंतर्राष्ट्रीय ड्रेसेज प्रतियोगिता में अपने देश के लिए दो पदक जीतकर काफी उत्साहित हूं. इस जीत की सफलता का श्रेय मेरे घोड़े एड्रेनालिन फिरफोड को भी जाता है और अब एशियाई खेलों, वर्ल्ड एक्वेस्ट्रियन गेम्स और ओलंपिक्स की तैयारी में अपना ध्यान केंद्रित कर रही हूं.
इसे भी पढ़ें - Exclusive Interview with Divyakriti Singh : भारत में स्पोर्ट्स बढ़ा, लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना है
ओलंपिक की तैयारी में जुटी : वर्तमान में दिव्यकृति नीदरलैंड्स में लॉस एंजिल्स ओलंपिक्स 2028 के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं. वह एशियाई चैम्पियनशिप 2025 (थाईलैंड), एशियाई खेल 2026 (जापान) और वर्ल्ड एक्वेस्ट्रियन गेम्स 2026 (जर्मनी) में भी प्रतिस्पर्धा करेंगी. दिव्यकृति ने इन प्रतियोगिताओं में अपना प्रदर्शन करके एशियाई चैम्पियनशिप में प्रतिस्पर्धा करने के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय राइडर बनने का गौरव प्राप्त किया है. भारतीय खेल जगत को दिव्यकृति से ओलंपिक में ड्रेसाज में पदक की बड़ी उम्मीद है. यदि वह यह उपलब्धि हासिल करती हैं, तो वह ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय राइडर बन जाएंगी. घुड़सवारी एकमात्र जेंडर-न्यूट्रल ओलंपिक स्पोर्ट है, क्योंकि इसमें पुरुषों और महिलाओं के लिए कोई अलग-अलग श्रेणियां नहीं हैं. वे समान रूप से प्रतिस्पर्धा करते हैं.