पुरी: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गई है. सबसे पहले बलभद्र का रथ खींचा गया है. इसके बाद सुभद्रा और जगन्नाथ जी का रथ खींचा गया. आज सूर्यास्त तक ही रथयात्रा चलेगी और कल सुबह आठ बजे से रथयात्रा फिर शुरू होगी. रथ खींचने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व राज्यपाल रघुवर दास भी शामिल हुए. वहीं रथ खींचने के दौरान हुई दुर्घटना में एक श्रद्धालु की मौत हो गई. बताया जाता है कि पुरी रथ यात्रा के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति के कारण एक पुरुष श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, डॉक्टरों ने दम घुटने के कारण एक पुरुष श्रद्धालु को मृत घोषित कर दिया.
मृतक की शिनाख्त नहीं : मृतक श्रद्धालु की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में सुरक्षित रख दिया गया है. सभी को घायलों को इलाज के लिए पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया. ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने अस्पताल प्रशासन को घायल भक्तों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का भी निर्देश दिया.
#WATCH | Lord Jagannath Rath Yatra chariot procession underway in Puri, Odisha
— ANI (@ANI) July 7, 2024
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पुरी शहर में जय जगन्नाथ के जयघोष के साथ, पहांडी बिजे, सिंहद्वार के सामने खड़े भगवान के रथों की शानदार शोभायात्रा, देवताओं की पहांडी बिजे के रूप में जानी जाने वाली शोभायात्रा, रथ यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है. लाखों भक्त त्रिदेवों की दुर्लभ रस्म को देखने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. रथ यात्रा के दिन इस रस्म को धाड़ी पहांडी कहा जाता है.
Jai Jagannath! It was a deeply divine experience to witness the pulling of the three chariots of Bhagwan Balabhadra, Mata Subhadra and Mahaprabhu Shri Jagannathji by thousands of devotees during the annual Rath Yatra festival in Puri today. I too participated in this centuries… pic.twitter.com/AmceqXokbM
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 7, 2024
VIDEO | President Droupadi Murmu witnesses the Gundicha Jatra (car festival) of Lord Jagannath in Puri, Odisha.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 7, 2024
(Source: Third Party)
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इसका अर्थ है कि देवताओं को श्रीमंदिर के गर्भगृह से एक भव्य जुलूस में ले जाया जाता है. इसे धाड़ी पहांडी इसलिए कहा जाता है क्योंकि देवताओं को एक के बाद एक ले जाया जाता है, जिसमें सेवकों के एक विशेष समूह द्वारा घंटियां, झांझ और शंख बजाए जाते हैं. रथयात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल रघुवर दास, मुख्यमंत्री मोहनचरण माझी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक मौजूद थे.
#WATCH | Odisha | Puri Maharaja sweeps chariots as part of Rath Yatra rituals.
— ANI (@ANI) July 7, 2024
Dibyasingha Deb, the Gajapati Maharaja of Puri, sweeps the chariots of Lord Jagannath and his siblings - Balabhadra and Goddess Subhadra before they are ceremoniously pulled by devotees.
(Source -… pic.twitter.com/i62KTQ05Bv
भगवान जगन्नाथ की पहांडी बिजे रस्म, पुरी के राजा दिब्यसिंह देबा ने चेरा पहांरा रस्म निभाई. छेरा पहानरा हर साल पुरी के राजा द्वारा रथ यात्रा के दौरान किया जाता है. भगवान की मूर्तियों को रथों पर स्थापित करने के बाद, पुरी के राजा दिव्यसिंह देबा भगवान के रथों को सोने की झाड़ू से साफ करते हैं. इसके बाद राजा आरती करके देवताओं की पूजा करते हैं.
#WATCH | Odisha | Idols of Lord Jagannath and his siblings - Lord Balabhadra and Goddess Subhadra, are placed on chariots as Jagannath Rath Yatra will begin in Puri. pic.twitter.com/GyHfUc1p71
— ANI (@ANI) July 7, 2024
छेरा पहानरा एक ओडिया शब्द है जिसका अर्थ है झाड़ू लगाना और पवित्र जल छिड़कना. यह अनुष्ठान राज्य के मुखिया की भगवान के प्रति भक्ति दिखाने के लिए किया जाता है. पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू होने के साथ ही भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों - भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को रथों पर रखा गया.
बताया जाता है कि भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा आज ओडिशा के पुरी शहर में रथ यात्रा के अवसर पर नौ दिनों के प्रवास के लिए श्रीगुंडिचा मंदिर की यात्रा पर निकलने वाले हैं. इस भव्य उत्सव के सुचारू संचालन के लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. तीन रथ - नंदीघोष, तलध्वज और दर्पदलन को पवित्र देवताओं को गुंडिचा मंदिर ले जाने के लिए श्रीमंदिर के सिंहद्वार पर तैयार रखा गया है.
यह आमतौर पर रथ यात्रा से एक दिन पहले मनाया जाता है. हालांकि, इस साल देवताओं के नबाजौबन दर्शन और नेत्रोत्सव अनुष्ठान रथ यात्रा के दिन किए जाएंगे. इससे पहले यह दुर्लभ संयोग 1971 में हुआ था. भारतीय रेलवे ने घोषणा की है कि पुरी रथ यात्रा के लिए 315 से अधिक विशेष ट्रेनों की योजना बनाई गई है. पुरी में रथ यात्रा के लिए स्पेशल ट्रेनें ओडिशा के लगभग सभी हिस्सों और पड़ोसी राज्यों से जुड़ी है.