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पुरी में भक्तों ने खींचा भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ, एक श्रद्धालु की मौत - Jagannath Rath Yatra 2024

Jagannath Rath Yatra 2024 odisha puri Srimandir : विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा रथों में सवार हो गए. वहीं पुरी के राजा दिब्यसिंह देबा ने झाड़ू लगाकर रस्म पूरी की. इसके बाद भक्तों ने भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ खींचना शुरू किया. वहीं रथ खींचने के दौरान हुई दुर्घटना में एक श्रद्धालु की मौत हो गई.पढ़िए पूरी खबर...

Jagannath Rath Yatra 2024
भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 7, 2024, 9:49 AM IST

Updated : Jul 7, 2024, 10:26 PM IST

पुरी: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गई है. सबसे पहले बलभद्र का रथ खींचा गया है. इसके बाद सुभद्रा और जगन्नाथ जी का रथ खींचा गया. आज सूर्यास्त तक ही रथयात्रा चलेगी और कल सुबह आठ बजे से रथयात्रा फिर शुरू होगी. रथ खींचने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व राज्यपाल रघुवर दास भी शामिल हुए. वहीं रथ खींचने के दौरान हुई दुर्घटना में एक श्रद्धालु की मौत हो गई. बताया जाता है कि पुरी रथ यात्रा के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति के कारण एक पुरुष श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, डॉक्टरों ने दम घुटने के कारण एक पुरुष श्रद्धालु को मृत घोषित कर दिया.

मृतक की शिनाख्त नहीं : मृतक श्रद्धालु की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में सुरक्षित रख दिया गया है. सभी को घायलों को इलाज के लिए पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया. ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने अस्पताल प्रशासन को घायल भक्तों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का भी निर्देश दिया.

देखें वीडियो (ETV Bharat-Courtesy DD Odisha)

पुरी शहर में जय जगन्नाथ के जयघोष के साथ, पहांडी बिजे, सिंहद्वार के सामने खड़े भगवान के रथों की शानदार शोभायात्रा, देवताओं की पहांडी बिजे के रूप में जानी जाने वाली शोभायात्रा, रथ यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है. लाखों भक्त त्रिदेवों की दुर्लभ रस्म को देखने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. रथ यात्रा के दिन इस रस्म को धाड़ी पहांडी कहा जाता है.

इसका अर्थ है कि देवताओं को श्रीमंदिर के गर्भगृह से एक भव्य जुलूस में ले जाया जाता है. इसे धाड़ी पहांडी इसलिए कहा जाता है क्योंकि देवताओं को एक के बाद एक ले जाया जाता है, जिसमें सेवकों के एक विशेष समूह द्वारा घंटियां, झांझ और शंख बजाए जाते हैं. रथयात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल रघुवर दास, मुख्यमंत्री मोहनचरण माझी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक मौजूद थे.

भगवान जगन्नाथ की पहांडी बिजे रस्म, पुरी के राजा दिब्यसिंह देबा ने चेरा पहांरा रस्म निभाई. छेरा पहानरा हर साल पुरी के राजा द्वारा रथ यात्रा के दौरान किया जाता है. भगवान की मूर्तियों को रथों पर स्थापित करने के बाद, पुरी के राजा दिव्यसिंह देबा भगवान के रथों को सोने की झाड़ू से साफ करते हैं. इसके बाद राजा आरती करके देवताओं की पूजा करते हैं.

छेरा पहानरा एक ओडिया शब्द है जिसका अर्थ है झाड़ू लगाना और पवित्र जल छिड़कना. यह अनुष्ठान राज्य के मुखिया की भगवान के प्रति भक्ति दिखाने के लिए किया जाता है. पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू होने के साथ ही भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों - भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को रथों पर रखा गया.

रथयात्रा शुरू होने से पहले नृत्य प्रस्तुत करते कलाकार (ETV Bharat)

बताया जाता है कि भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा आज ओडिशा के पुरी शहर में रथ यात्रा के अवसर पर नौ दिनों के प्रवास के लिए श्रीगुंडिचा मंदिर की यात्रा पर निकलने वाले हैं. इस भव्य उत्सव के सुचारू संचालन के लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. तीन रथ - नंदीघोष, तलध्वज और दर्पदलन को पवित्र देवताओं को गुंडिचा मंदिर ले जाने के लिए श्रीमंदिर के सिंहद्वार पर तैयार रखा गया है.

यह आमतौर पर रथ यात्रा से एक दिन पहले मनाया जाता है. हालांकि, इस साल देवताओं के नबाजौबन दर्शन और नेत्रोत्सव अनुष्ठान रथ यात्रा के दिन किए जाएंगे. इससे पहले यह दुर्लभ संयोग 1971 में हुआ था. भारतीय रेलवे ने घोषणा की है कि पुरी रथ यात्रा के लिए 315 से अधिक विशेष ट्रेनों की योजना बनाई गई है. पुरी में रथ यात्रा के लिए स्पेशल ट्रेनें ओडिशा के लगभग सभी हिस्सों और पड़ोसी राज्यों से जुड़ी है.

ये भी पढ़ें- पुरी जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा के लिए मंच तैयार, अनुष्ठान कार्यक्रम को दिया गया अंतिम रूप

पुरी: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गई है. सबसे पहले बलभद्र का रथ खींचा गया है. इसके बाद सुभद्रा और जगन्नाथ जी का रथ खींचा गया. आज सूर्यास्त तक ही रथयात्रा चलेगी और कल सुबह आठ बजे से रथयात्रा फिर शुरू होगी. रथ खींचने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व राज्यपाल रघुवर दास भी शामिल हुए. वहीं रथ खींचने के दौरान हुई दुर्घटना में एक श्रद्धालु की मौत हो गई. बताया जाता है कि पुरी रथ यात्रा के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति के कारण एक पुरुष श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, डॉक्टरों ने दम घुटने के कारण एक पुरुष श्रद्धालु को मृत घोषित कर दिया.

मृतक की शिनाख्त नहीं : मृतक श्रद्धालु की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में सुरक्षित रख दिया गया है. सभी को घायलों को इलाज के लिए पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया. ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने अस्पताल प्रशासन को घायल भक्तों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का भी निर्देश दिया.

देखें वीडियो (ETV Bharat-Courtesy DD Odisha)

पुरी शहर में जय जगन्नाथ के जयघोष के साथ, पहांडी बिजे, सिंहद्वार के सामने खड़े भगवान के रथों की शानदार शोभायात्रा, देवताओं की पहांडी बिजे के रूप में जानी जाने वाली शोभायात्रा, रथ यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है. लाखों भक्त त्रिदेवों की दुर्लभ रस्म को देखने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. रथ यात्रा के दिन इस रस्म को धाड़ी पहांडी कहा जाता है.

इसका अर्थ है कि देवताओं को श्रीमंदिर के गर्भगृह से एक भव्य जुलूस में ले जाया जाता है. इसे धाड़ी पहांडी इसलिए कहा जाता है क्योंकि देवताओं को एक के बाद एक ले जाया जाता है, जिसमें सेवकों के एक विशेष समूह द्वारा घंटियां, झांझ और शंख बजाए जाते हैं. रथयात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल रघुवर दास, मुख्यमंत्री मोहनचरण माझी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक मौजूद थे.

भगवान जगन्नाथ की पहांडी बिजे रस्म, पुरी के राजा दिब्यसिंह देबा ने चेरा पहांरा रस्म निभाई. छेरा पहानरा हर साल पुरी के राजा द्वारा रथ यात्रा के दौरान किया जाता है. भगवान की मूर्तियों को रथों पर स्थापित करने के बाद, पुरी के राजा दिव्यसिंह देबा भगवान के रथों को सोने की झाड़ू से साफ करते हैं. इसके बाद राजा आरती करके देवताओं की पूजा करते हैं.

छेरा पहानरा एक ओडिया शब्द है जिसका अर्थ है झाड़ू लगाना और पवित्र जल छिड़कना. यह अनुष्ठान राज्य के मुखिया की भगवान के प्रति भक्ति दिखाने के लिए किया जाता है. पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू होने के साथ ही भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों - भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को रथों पर रखा गया.

रथयात्रा शुरू होने से पहले नृत्य प्रस्तुत करते कलाकार (ETV Bharat)

बताया जाता है कि भगवान जगन्नाथ और उनके भाई भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा आज ओडिशा के पुरी शहर में रथ यात्रा के अवसर पर नौ दिनों के प्रवास के लिए श्रीगुंडिचा मंदिर की यात्रा पर निकलने वाले हैं. इस भव्य उत्सव के सुचारू संचालन के लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. तीन रथ - नंदीघोष, तलध्वज और दर्पदलन को पवित्र देवताओं को गुंडिचा मंदिर ले जाने के लिए श्रीमंदिर के सिंहद्वार पर तैयार रखा गया है.

यह आमतौर पर रथ यात्रा से एक दिन पहले मनाया जाता है. हालांकि, इस साल देवताओं के नबाजौबन दर्शन और नेत्रोत्सव अनुष्ठान रथ यात्रा के दिन किए जाएंगे. इससे पहले यह दुर्लभ संयोग 1971 में हुआ था. भारतीय रेलवे ने घोषणा की है कि पुरी रथ यात्रा के लिए 315 से अधिक विशेष ट्रेनों की योजना बनाई गई है. पुरी में रथ यात्रा के लिए स्पेशल ट्रेनें ओडिशा के लगभग सभी हिस्सों और पड़ोसी राज्यों से जुड़ी है.

ये भी पढ़ें- पुरी जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा के लिए मंच तैयार, अनुष्ठान कार्यक्रम को दिया गया अंतिम रूप
Last Updated : Jul 7, 2024, 10:26 PM IST
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