अलवर. ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आरोप लगाया है कि अभी देश में डर का माहौल है, लोकतंत्र को चलने नहीं दिया जा रहा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में गोसेवक प्रत्याशी को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है. प्रशासन की ओर से उनके प्रस्तावकों को डराया जा रहा है. वहां के मेयर रात के दो बजे प्रस्तावकों के दरवाजे खटखटा कर उन्हें प्रस्तावक से नाम वापस लेने के लिए दवाब डाल रहे हैं.
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बुधवार को अलवर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्र की मोदी सरकार, भाजपा, कांग्रेस और आप सहित अन्य पार्टियों पर खूब बरसे. उन्होंने कहा कि इस बार वाराणसी में गोभक्त आंध्र प्रदेश के पोलीसती के शिवकुमार ने सबसे पहले नामांकन दाखिल किया है. वे गोमाता गठबंधन में शामिल हैं और उनके अधिकृत प्रत्याशी हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि अब वाराणसी के मेयर उनके प्रस्तावकों को डराकर उनसे हटने के लिए दवाब डाल रहे हैं. आरोप लगाया है कि भाजपा का प्रयास है कि प्रस्तावकों को हटाकर गोभक्त शिवकुमार का नामांकन खारिज हो जाए. उन्होंने कहा कि गोमाता की रक्षा के लिए उनकी ओर से देश में कई जगह प्रत्याशी खड़े किए गए हैं. गोहत्या पर रोक लगाने के लिए पांच महीने पहले भाजपा, कांग्रेस, आप सहित अन्य बड़ी पार्टियों से शपथ देने को कहा था, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.
हर रोज होते हैं कोई न कोई चुनाव : जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हम लोग गोमाता की रक्षा की बात उठा रहे हैं. यह प्रयास कोई लोकसभा चुनाव के लिए नहीं है, बल्कि हर रोज कोई न कोई चुनाव होते हैं. इस कारण हम देश में 33 करोड़ मतदाताओं को गोमाता की रक्षा के लिए संकल्पित कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि उन्हें खूब धमकियां मिल रहीं हैं. उन्हें बोलने से रोका जा रहा है, मारने की बात कही जा रही है. मठ उजाड़ने, नकली शंकराचार्ज खड़े करने की बात हो रही है. इन सबके बावजूद वो गोमाता की रक्षा के कार्य से पीछे हटने वाले नहीं हैं. वे किसी पार्टी के खिलाफ नहीं हैं. भाजपा के हारने या जीतने से उन्हें कुछ नहीं मिलेगा. वे केवल गोहत्या का कानून चाहते हैं. राजनीति से उनका कोई सरोकार नहीं है. वे चाहते हैं कि उनके अनुयायियों के माथे पर लग रहा गोहत्या का पाप हटे. जो भी प्रत्याशी या पार्टी यह शपथ पत्र दे कि जीतने के बाद गोहत्या रोकने के लिए संघर्ष करेगी, वे उनके साथ हैं.
देश में सच्चे हिंदुत्व की जरूरत : शंकराचार्ज ने कहा कि देश में सच्चे हिंदुत्व की जरूरत है न कि राजनीतिक हिंदुत्व की. दस साल सरकार में रहकर भी गोहत्या रोकने का कानून नहीं बना पाए, वे राजनीतिक हिंदू हैं. सच बोलने वालों का विरोध होता है, हमें भी लाखों लोगों ने गालियां दी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है, बल्कि एक इवेंट हुआ है. शास्त्रों में उल्लेखित है कि जब तक मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक भगवान की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो सकती. अयोध्या में अभी राम मंदिर का केवल 30 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ है, इस कारण वहां मंदिर निर्माण पूरा होने पर ही प्राण प्रतिष्ठा कराई जाएगी. अभी तो केवल इवेंट हुआ है. उन्होंने कहा चुनाव से पहले राम मंदिर का इवेंट करने से उन्हें सिद्धि नहीं मिलेगी.