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जबलपुर में बड़ा हादसा, अवैध रेत खदान धंसने से तीन मजदूरों की मौत, 3 घायल - Jabalpur Sand Mine Collapse

जबलपुर में बुधवार को बड़ा हादसा हो गया. यहां रेत के खदान का एक हिस्सा धसने से तीन लोगों की मौत हो गई. जबकि तीन लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. प्रशासन ने माफियों पर कार्रवाई की बात कही है.

JABALPUR SAND MINE COLLAPSE
अवैध रेत खदान धंसने से तीन मजदूरों की मौत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 7:25 PM IST

जबलपुर। एमपी में जबलपुर के गोहलपुर थाने के पास खमरिया गांव में एक अवैध रेत खदान में मिट्टी में दबने से तीन मजदूरों की मौत हो गई. जबकि तीन घायल हुए हैं. इस इलाके में बर्नु नाम की एक छोटी सी नदी है. जिसके किनारे बड़े पैमाने पर अवैध रेत उत्खनन होता है. यहीं एक अवैध खदान में यह हादसा हुआ. स्थानीय लोगों का कहना है कि 'प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से इन गैर कानूनी खदानों का संचालन होता है.'

अवैध रेत खदान धंसने से तीन मजदूरों की मौत (ETV Bharat)

नदी किनारे बने रेत के बड़े-बड़े टीले

जबलपुर के गोसलपुर के पास कटरा खमरिया गांव है. इस गांव में बर्नु नाम की एक नदी है. इसी नदी के किनारे मिट्टी के बड़े-बड़े टीले हैं. इन टीलों के नीचे रेत की खदानें होती हैं. इन खदानों से अवैध तरीके से रेत का उत्खनन किया जाता है. यह मिट्टी काफी कमजोर होती है और इसके गिरने का भी डर होता है, लेकिन इसके बावजूद जान जोखिम में डालकर लोग उनके नीचे से रेत निकलते हैं. यह काम पूरी तरह से गैरकानूनी है.

Jabalpur Sand Mine Collapse
जबलपुर में धंसी रेत खदान (ETV Bharat)

मिट्टी धंसने से तीन मजदूरों की मौत

5 जून की सुबह मुकेश मुन्नी बाई और राजकुमार भी ऐसी ही एक खदान से रेत निकालने के लिए गए थे. इन्हें एक रेत के ठेकेदार ने एक गैर कानूनी खदान में उतार दिया. यह लोग यहां मजदूरी करने आए थे, इन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि जिस टीले के नीचे में काम कर रहे हैं. वह टीला ऊपर से गिर जाएगा और यह उसमें दब जाएंगे. अचानक से ऊपर से टीला गिर गया और यह तीनों लोग उसमें दब गए. उस दौरान इस खदान में दूसरे लोग भी काम कर रहे थे. इनमें से तीन लोगों को बचा लिया गया है. जबकि तीन की मौत हो गई है. वहीं एक आदमी अभी भी लापता है.

यहां पढ़ें...

भरभराकर गिरी कच्चे मकान की छत, खाना खा रहे मां और तीन बच्चे दबे, 7 साल के मासूम की मौत

ठेकेदार के चलते हुआ जौरा नैरोगेज ट्रेन पुल हादसा, रेल विभाग ठेकेदार ने दर्ज कराई FIR

घायलों के इलाज का इंतजाम, पकड़े जाएंगे माफिया

इस क्षेत्र के पटवारी आनंद चौकसे का कहना है कि 'बीते दिनों पूरा प्रशासन चुनाव में लगा हुआ था, इसलिए रेत माफियाओं को मौका मिल गया. उन लोगों ने अवैध खदानें शुरू कर दी. आए दिन लोगों को अवैध रेत उत्खनन करने से रोकते हैं, लेकिन लोग उनकी बात नहीं मानते. मामले में जबलपुर पुलिस की एडिशनल एसपी सोनाली का कहना है कि 'गैर कानूनी तरीके से खदान चलाने वाले माफिया को पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल जो तीन लोग घायल हुए हैं. उनके इलाज का इंतजाम किया गया है.'

जबलपुर। एमपी में जबलपुर के गोहलपुर थाने के पास खमरिया गांव में एक अवैध रेत खदान में मिट्टी में दबने से तीन मजदूरों की मौत हो गई. जबकि तीन घायल हुए हैं. इस इलाके में बर्नु नाम की एक छोटी सी नदी है. जिसके किनारे बड़े पैमाने पर अवैध रेत उत्खनन होता है. यहीं एक अवैध खदान में यह हादसा हुआ. स्थानीय लोगों का कहना है कि 'प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से इन गैर कानूनी खदानों का संचालन होता है.'

अवैध रेत खदान धंसने से तीन मजदूरों की मौत (ETV Bharat)

नदी किनारे बने रेत के बड़े-बड़े टीले

जबलपुर के गोसलपुर के पास कटरा खमरिया गांव है. इस गांव में बर्नु नाम की एक नदी है. इसी नदी के किनारे मिट्टी के बड़े-बड़े टीले हैं. इन टीलों के नीचे रेत की खदानें होती हैं. इन खदानों से अवैध तरीके से रेत का उत्खनन किया जाता है. यह मिट्टी काफी कमजोर होती है और इसके गिरने का भी डर होता है, लेकिन इसके बावजूद जान जोखिम में डालकर लोग उनके नीचे से रेत निकलते हैं. यह काम पूरी तरह से गैरकानूनी है.

Jabalpur Sand Mine Collapse
जबलपुर में धंसी रेत खदान (ETV Bharat)

मिट्टी धंसने से तीन मजदूरों की मौत

5 जून की सुबह मुकेश मुन्नी बाई और राजकुमार भी ऐसी ही एक खदान से रेत निकालने के लिए गए थे. इन्हें एक रेत के ठेकेदार ने एक गैर कानूनी खदान में उतार दिया. यह लोग यहां मजदूरी करने आए थे, इन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि जिस टीले के नीचे में काम कर रहे हैं. वह टीला ऊपर से गिर जाएगा और यह उसमें दब जाएंगे. अचानक से ऊपर से टीला गिर गया और यह तीनों लोग उसमें दब गए. उस दौरान इस खदान में दूसरे लोग भी काम कर रहे थे. इनमें से तीन लोगों को बचा लिया गया है. जबकि तीन की मौत हो गई है. वहीं एक आदमी अभी भी लापता है.

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इस क्षेत्र के पटवारी आनंद चौकसे का कहना है कि 'बीते दिनों पूरा प्रशासन चुनाव में लगा हुआ था, इसलिए रेत माफियाओं को मौका मिल गया. उन लोगों ने अवैध खदानें शुरू कर दी. आए दिन लोगों को अवैध रेत उत्खनन करने से रोकते हैं, लेकिन लोग उनकी बात नहीं मानते. मामले में जबलपुर पुलिस की एडिशनल एसपी सोनाली का कहना है कि 'गैर कानूनी तरीके से खदान चलाने वाले माफिया को पकड़ा जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल जो तीन लोग घायल हुए हैं. उनके इलाज का इंतजाम किया गया है.'

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