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दिवाली पर आतिशबाजी में 'वक्त' बनेगा दुश्मन, रात भर नहीं फोड़ पाएंगे पटाखे

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में इन पटाखों पर बैन लगा है. अगर तय समय सीमा के बाद आप पटाखे फोड़ते हैं तो एक्शन होगा.

JABALPUR FIRECRACKER BAN
जबलपुर में दिवाली पर रात भर नहीं फोड़ पाएंगे पटाखे (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 27, 2024, 1:06 PM IST

Updated : Oct 27, 2024, 1:39 PM IST

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में जिला प्रशासन ने यह हिदायत जारी की है कि जिन पटाखों का इस्तेमाल हम दीपावली में खुशियां मनाने के लिए कर रहे हैं. वह आपके लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं. इनमें कई ऐसे रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, जो मानव शरीर पर दुष्प्रभाव डालते हैं. इसलिए पटाखे चलाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि कहीं यह पटाखे आपकी खुशियों में विघ्न न डाल दे. जानिए इन सुंदर रोशनियों के पीछे कौन से खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है.

पटाखों के खतरनाक रसायन

जबलपुर जिला प्रशासन ने एक आदेश जारी किया है. जिसमें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के एक आदेश का जिक्र करते हुए कहा गया है कि जिन पटाखों में बेरियम साल्ट आर्सेनिक लिथियम मर्करी एंटीमनी जैसे रासायनों का इस्तेमाल किया गया होगा. उनको खरीदने और बेचने पर पूरी तरह रोक है. इन पटाखों के परिवहन पर भी रोक है. यदि कोई इन पटाखों को खरीदते बेचते पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

रात भर नहीं फोड़ पाएंगे पटाखे (ETV Bharat)

डॉक्टर की सलाह

जबलपुर के डॉक्टर अवतार पचौरी का कहना है, "पटाखों में चमकीली रोशनी के लिए कई रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, जो मानव शरीर के लिए ठीक नहीं है. इसलिए पटाखों का इस्तेमाल करते वक्त अपने शरीर को पटाखों से काफी दूर रखें. वहीं उन्होंने बताया कि आर्सेनिक एक स्लो प्वाइजन है. यदि यह शरीर में एक निश्चित मात्रा से ज्यादा चला जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है. इसी तरह से लेड और बेरियम साल्ट भी मानव शरीर के लिए घातक है."

दूरी बनाकर चलाए पटाखे

डॉक्टर अवतार पचौरी का कहना है, "पटाखे चलाते वक्त यदि इनका धुआं आपके शरीर में जाता है, तो आपके फेफड़े क्षतिग्रस्त हो सकते हैं. इसके साथ ही आपकी त्वचा पर छाले आ सकते हैं और आंखों में जलन पैदा हो सकती है. ज्यादा तेज रोशनी को लगातार देखने से भी आंखें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं. इसलिए पटाखे को बहुत सहज ना लेते हुए पूरी सतर्कता से चलाना चाहिए."

यहां पढ़ें...

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रात 8 से 10 बजे तक चला सकते हैं पटाखे

इसके साथ ही जिन पटाखे की तीव्रता 4 मीटर से ज्यादा और 125 डेसिमल से अधिक होगी, उन पर भी रोक लगाई गई है. जिला प्रशासन ने अपने आदेश में कहा है कि रात 8:00 बजे से 10:00 तक ही पटाखे चलाए जा सकते हैं. वहीं कोर्ट अस्पताल और स्कूलों के आसपास पटाखे चलाने पर प्रतिबंध है.

जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में जिला प्रशासन ने यह हिदायत जारी की है कि जिन पटाखों का इस्तेमाल हम दीपावली में खुशियां मनाने के लिए कर रहे हैं. वह आपके लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं. इनमें कई ऐसे रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, जो मानव शरीर पर दुष्प्रभाव डालते हैं. इसलिए पटाखे चलाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि कहीं यह पटाखे आपकी खुशियों में विघ्न न डाल दे. जानिए इन सुंदर रोशनियों के पीछे कौन से खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है.

पटाखों के खतरनाक रसायन

जबलपुर जिला प्रशासन ने एक आदेश जारी किया है. जिसमें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के एक आदेश का जिक्र करते हुए कहा गया है कि जिन पटाखों में बेरियम साल्ट आर्सेनिक लिथियम मर्करी एंटीमनी जैसे रासायनों का इस्तेमाल किया गया होगा. उनको खरीदने और बेचने पर पूरी तरह रोक है. इन पटाखों के परिवहन पर भी रोक है. यदि कोई इन पटाखों को खरीदते बेचते पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

रात भर नहीं फोड़ पाएंगे पटाखे (ETV Bharat)

डॉक्टर की सलाह

जबलपुर के डॉक्टर अवतार पचौरी का कहना है, "पटाखों में चमकीली रोशनी के लिए कई रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, जो मानव शरीर के लिए ठीक नहीं है. इसलिए पटाखों का इस्तेमाल करते वक्त अपने शरीर को पटाखों से काफी दूर रखें. वहीं उन्होंने बताया कि आर्सेनिक एक स्लो प्वाइजन है. यदि यह शरीर में एक निश्चित मात्रा से ज्यादा चला जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है. इसी तरह से लेड और बेरियम साल्ट भी मानव शरीर के लिए घातक है."

दूरी बनाकर चलाए पटाखे

डॉक्टर अवतार पचौरी का कहना है, "पटाखे चलाते वक्त यदि इनका धुआं आपके शरीर में जाता है, तो आपके फेफड़े क्षतिग्रस्त हो सकते हैं. इसके साथ ही आपकी त्वचा पर छाले आ सकते हैं और आंखों में जलन पैदा हो सकती है. ज्यादा तेज रोशनी को लगातार देखने से भी आंखें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं. इसलिए पटाखे को बहुत सहज ना लेते हुए पूरी सतर्कता से चलाना चाहिए."

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रात 8 से 10 बजे तक चला सकते हैं पटाखे

इसके साथ ही जिन पटाखे की तीव्रता 4 मीटर से ज्यादा और 125 डेसिमल से अधिक होगी, उन पर भी रोक लगाई गई है. जिला प्रशासन ने अपने आदेश में कहा है कि रात 8:00 बजे से 10:00 तक ही पटाखे चलाए जा सकते हैं. वहीं कोर्ट अस्पताल और स्कूलों के आसपास पटाखे चलाने पर प्रतिबंध है.

Last Updated : Oct 27, 2024, 1:39 PM IST
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