जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक दादी ने अपनी जान दांव पर लगाकर अपने पोते की जान बचा ली है. 71 साल की दादी को 23 साल के नौजवान पोते की बीमारी की हालत देखी नहीं गई. डॉक्टर ने बताया कि पोते की किडनी खराब है, तो तुरंत दादी ने अपनी किडनी दान करने का फैसला कर लिया. जबलपुर की एक निजी अस्पताल में यह सफल ऑपरेशन हुआ है.
70 साल की दादी ने पोते को दी किडनी
जबलपुर में 70 साल की बुजुर्ग महिला ने अपने 23 साल के पोते की जिंदगी बचाने के लिए अपनी एक किडनी दान कर दी. यह परिवार सिहोरा का रहने वाला है. जबकि यह ऑपरेशन जबलपुर के मेट्रो अस्पताल में हुआ है. इलाज के बाद पोता और दादी दोनों ही पूरी तरह स्वस्थ हैं. सिहोरा में रहने वाले परिवार का एक 23 साल का नौजवान किडनी की बीमारी की वजह से परेशान था. उसकी किडनी पूरी तरह खराब हो गई थी. वह अक्सर बीमार रहता था. काफी इलाज के बाद भी उसकी किडनी ठीक नहीं हो रही थी. जब उसने डॉक्टर से इस मामले में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट करना होगा. इसके बाद किडनी की खोज शुरू की गई.
किडनी ट्रांसप्लांट से पहले रखा जाता है कई बातों का ध्यान
किडनी ट्रांसप्लांट करने में ऑपरेशन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि दान देने वाला और दान लेने वाला दोनों का ब्लड ग्रुप एक होना चाहिए. साथ ही उनके कई टेस्ट किए जाते हैं. जिसमें इस बात का टेस्ट किया जाता है कि एक दूसरे शरीर से आने वाले अंग को यह शरीर स्वीकार करेगा या नहीं करेगा. इसके साथ ही जो किडनी दान दे रहा है, वह किडनी दान देने के बाद स्वस्थ रहेगा या नहीं रहेगा. इस बात की भी जांच की जाती है. जबलपुर के डॉक्टर विशाल बडेरा और राजेश पटेल ने इन सब पैमानों पर जब दादी और पोते को खरा पाया तब यह ऑपरेशन किया.
यहां पढ़ें... जबलपुर में 66 साल की मां ने अपने जवान बेटे को किडनी देकर नया जीवन दिया भोपाल एम्स में किया गया पहला किडनी ट्रांसप्लांट, मरीज ठीक हुआ और किडनी भी अच्छे से कर रही काम |
70 वर्षीय बुजुर्ग की किडनी ट्रांसप्लांट करना गंभीर मामला
किडनी ट्रांसप्लांट अब एक सामान्य घटना मानी जाती है, लेकिन यह पहला मौका है जब 70 साल की बुजुर्ग महिला ने अपने पोते के लिए किडनी दी है. हालांकि इस उम्र में बुजुर्ग महिला के शरीर से किडनी निकालना एक गंभीर मामला हो सकता है, लेकिन डॉक्टरों ने बुजुर्ग महिला की शारीरिक क्षमता का पूरे महीने अवलोकन किया. उसके बाद ही इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. बुजुर्ग महिला ने अपने पोते की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी.