ETV Bharat / bharat

मध्य प्रदेश के थानों में धार्मिक स्थलों के निर्माण पर जबलपुर हाई कोर्ट ने लगाई रोक - JABALPUR HIGH COURT

एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिया आदेश. मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह विभाग, नगरीय प्रशासन, डीजीपी, कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक जबलपुर को नोटिस जारी कर मांगा जवाब.

JABALPUR HIGH COURT
जबलपुर हाई कोर्ट (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 4, 2024, 10:04 PM IST

जबलपुर: जबलपुर हाई कोर्ट मध्य प्रदेश के थानों में धार्मिक स्थलों के निर्माण पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह विभाग, नगरीय प्रशासन, डीजीपी, कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक जबलपुर सहित जिले के सिविल लाइंस, विजय नगर, मदन महल और लार्डगंज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को निर्धारित की है.

चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने लगाई रोक

बता दें सार्वजनिक स्थल होने के बावजूद प्रदेश के पुलिस थानों में मंदिर निर्माण किये जाने को चुनौती देते हुए जबलपुर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने थानों में धार्मिक स्थलों के निर्माण पर रोक लगा दी है.

ये भी पढ़ें:

गलत हलफनामा पेश करने पर एसीएस मोहम्मद सुलेमान ने हाई कोर्ट से मांगी माफी

मेडिकली अनफिट बैंककर्मी के पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति दे बैंक, जबलपुर हाई कोर्ट ने दिया आदेश

जबलपुर निवासी एडवोकेट ओपी यादव की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय ने सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे. पुलिस थाने भी सार्वजनिक स्थलों की श्रेणी में आते है. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद मध्य प्रदेश के कई थानों में मंदिरों का निर्माण करवाया गया है या करवाया जा रहा है. थाना परिसर के अंदर मंदिर निर्माण कराया सुप्रीम कोर्ट आदेशों का खुला उल्लंघन है.

याचिका के साथ चार थानों में किए गए मंदिर निर्माण की फोटो भी की गई थी पेश

याचिकाकर्ता की तरफ से जिले के चार थानों में किए गए मंदिर निर्माण की फोटो भी याचिका के साथ प्रस्तुत की गई थी. याचिका में मांग की गई थी कि थाना परिसर में बने सभी मंदिरों को तत्काल हटाया जाए. इसके अलावा संबंधित थाना प्रभारियों के खिलाफ सिविल सर्विस रूल्स के तहत कार्यवाही की जाए. याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात उक्त आदेश के साथ अनावेकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सतीश वर्मा, अमित पटेल व ग्रीष्म जैन ने पक्ष रखा.

जबलपुर: जबलपुर हाई कोर्ट मध्य प्रदेश के थानों में धार्मिक स्थलों के निर्माण पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह विभाग, नगरीय प्रशासन, डीजीपी, कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक जबलपुर सहित जिले के सिविल लाइंस, विजय नगर, मदन महल और लार्डगंज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को निर्धारित की है.

चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने लगाई रोक

बता दें सार्वजनिक स्थल होने के बावजूद प्रदेश के पुलिस थानों में मंदिर निर्माण किये जाने को चुनौती देते हुए जबलपुर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने थानों में धार्मिक स्थलों के निर्माण पर रोक लगा दी है.

ये भी पढ़ें:

गलत हलफनामा पेश करने पर एसीएस मोहम्मद सुलेमान ने हाई कोर्ट से मांगी माफी

मेडिकली अनफिट बैंककर्मी के पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति दे बैंक, जबलपुर हाई कोर्ट ने दिया आदेश

जबलपुर निवासी एडवोकेट ओपी यादव की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. सर्वोच्च न्यायालय ने सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक स्थलों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे. पुलिस थाने भी सार्वजनिक स्थलों की श्रेणी में आते है. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद मध्य प्रदेश के कई थानों में मंदिरों का निर्माण करवाया गया है या करवाया जा रहा है. थाना परिसर के अंदर मंदिर निर्माण कराया सुप्रीम कोर्ट आदेशों का खुला उल्लंघन है.

याचिका के साथ चार थानों में किए गए मंदिर निर्माण की फोटो भी की गई थी पेश

याचिकाकर्ता की तरफ से जिले के चार थानों में किए गए मंदिर निर्माण की फोटो भी याचिका के साथ प्रस्तुत की गई थी. याचिका में मांग की गई थी कि थाना परिसर में बने सभी मंदिरों को तत्काल हटाया जाए. इसके अलावा संबंधित थाना प्रभारियों के खिलाफ सिविल सर्विस रूल्स के तहत कार्यवाही की जाए. याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात उक्त आदेश के साथ अनावेकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सतीश वर्मा, अमित पटेल व ग्रीष्म जैन ने पक्ष रखा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.