जबलपुर: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में आपकी पर्सनल डायरी भी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डायरी बन गई है. जबलपुर के दो इंजीनियरिंग के छात्रों ने ऐसी ही एक डायरी बनाई है, जो व्यक्तिगत रूप से हमारे लिए एक फिलोसोफर और गाइड का काम करेगी. इससे हम अपनी बातें कर सकेंगे और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसकी हर सलाह हमारे लिए होगी. यह किसी को हमारा डाटा शेयर नहीं करेगी.
हम में से बहुत से लोग पर्सनल डायरी लिखते हैं. डायरी में आदमी खुद से बात करता है. अपनी अच्छाई, बुराई, अनुभव अपनी हार-जीत सब कुछ डायरी से शेयर करता है लोगों को अपनी पर्सनल डायरी से बड़ा लगाव होता है कुछ ऐसी बातें होती हैं जो केवल आदमी अपनी डायरी से ही शेयर करता है. डायरी इन सब बातों को अपने भीतर समेट लेती है, लेकिन इस डायरी से लिखने वाले को कोई दूसरी मदद नहीं मिलती. डायरी तुम्हारी सारी बातें जानती है, लेकिन वह तुम्हारी बातों के आधार पर तुम्हें कोई सलाह नहीं दे सकती.
जबलपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र अभिनव और उनके दोस्त अभय बैरागी ने डायरी के महत्व को जानते हुए एक ऐसा सॉफ्टवेयर डेवलप किया है, जो पर्सनल डायरी के साथ ही एक अच्छा सलाहकार भी बन सकता है.
राज को राज रहने देगा
अभय बैरागी का कहना है कि 'उन्होंने जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की डायरी तैयार की है. उसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि जो शख्स अपनी पर्सनल डायरी से बात शेयर कर रहा है, वह लीक नहीं होगी. इंटरनेट के जमाने में कई ऐसे गैजेट्स आ गए हैं. जिसे हम अपनी बातें तो शेयर कर सकते हैं, लेकिन इसका कोई भरोसा नहीं कि वह इन बातों के आधार पर डेटा बनाकर हमारा गलत इस्तेमाल न करने लगे.'
आपका सबसे अच्छा सलाहकार
अभय बैरागी ने बताया कि 'उसकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की डायरी आपको बताएगी कि आप दिन भर में सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव कब होते हो दिन का कौन सा समय है, जब आपका उत्साह बहुत कम हो जाता है. आपको कब काम करना है, कितने बजे सोना चाहिए, कौन आपका खास दोस्त है. किसी आदमी से आपको अपनी बातें शेयर नहीं करनी चाहिए. कब डिप्रेस फील कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में आपको किसी से बात करनी चाहिए. हालांकि यह सारी जानकारियां आपके माध्यम से ही आपकी डायरी तक पहुंचेंगी.
डायरी आपकी जानकारी को प्रक्रिया करके आपके लिए बेहतर सलाह देने की कोशिश करेगी. कई बार हम ऐसी स्थिति में होते हैं कि विपरीत परिस्थितियों में सही फैसला नहीं कर पाते. हमें एक ऐसी सलाहकार की जरूरत होती है, जो बताती कि हमें क्या करना चाहिए, यह पर्सनल डायरी आपकी ऐसी मदद करेगी.
इस्तेमाल करना बहुत सरल
इस डायरी का इस्तेमाल बहुत ही आसान तरीके से किया जा सकता है, बल्कि आप बातचीत करके भी इसमें अपनी बातें रिकॉर्ड कर सकते हैं. उसके आधार पर डायरी आपका भला और बुरा बता देगी. यह डायरी आपको अकेलेपन डिप्रेशन जैसी बीमारियों से राहत दिलाएगा. इस डायरी में यहां तक डेवलप किया गया है कि यदि आप डायरी से ज्यादा बात करने लगे हैं, तो डायरी आपसे कहेगी कि अब आप सोशली डिस्कनेक्ट हो रहे हैं. इसलिए जाइए बाहर घूम आईये नए लोगों से मिलिए दोस्त बनाईये.
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कॉलेज के स्टूडेंट का यह प्रयोग अभी कॉलेज के एक प्रोजेक्ट के रूप में बनाया गया है. अभिनव और अभय बैरागी का कहना है कि 'इस पर और काम करना चाहते हैं, क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में इसी तरह के सॉफ्टवेयर की मांग सबसे ज्यादा होगी.' फिलहाल यह दोनों ही छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और पढ़ाई करने के बाद भी दोबारा अपने इस प्रोजेक्ट को और बेहतर तरीके से बनाएंगे.