देहरादून: उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में आईटीबीपी यानी भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने जवानों को सुविधा मुहैया कराने के लिए एक और सफल परीक्षण किया है. इसके तहत आईटीबीपी ने अग्रिम चौकी ढाकर से बेदांग तक लॉजिस्टिक ड्रोन उड़ाकर दवा और सब्जियां भेजी है. आईटीबीपी लंबे समय से इस प्रयास में थी कि कैसे ड्रोन के माध्यम से तत्काल उन चौकियों तक सामान भिजवा सके, जिन चौकियों पर पहुंचने के लिए आइटीबीपी को काफी वक्त लगता है. अब ड्रोन का ट्रायल सफल हो चुका है. ऐसे में अब आईटीबीपी ऊंचाई वाले इलाकों में सब्जी, दवाइयां समेत अन्य जरूरी सामान भेज सकेगी.
दरअसल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल ने यह परीक्षण 36वीं वाहिनी आईटीबीपी लोहाघाट कैंप से किया. जहां आईटीबीपी ने अग्रिम चौकी ढाकर से बेदांग तक लॉजिस्टिक ड्रोन के जरिए सब्जी समेत कुछ दवाइयां भेजी. बताया जा रहा है कि शुरुआती दौर में करीब 8 से 10 किलो का सामान भेजा गया. जिसमें कद्दू, आलू, टमाटर और कुछ अन्य सामान शामिल रहा. ऊंचाई वाले इलाकों में ड्रोन को अच्छी तरह से उड़ाया और लैंड करवाया जा सके, इसके लिए पहले भी कई बार प्रयास किए जा चुके हैं. 17 मई को यह ड्रोन सफलतापूर्वक दो बार ऊंचाई वाली चौकी पर सामान उतारने में कामयाब रहा.
आईटीबीपी ने यह सामान उन जगहों पर भेजा है, जहां पर बर्फ ज्यादा है और जवान बर्फबारी के बीच ही ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे में इस परीक्षण के सफल होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में अन्य इलाकों में भी इसी तरह से ड्रोन का इस्तेमाल कर समय-समय पर सामान भेजा जा सकेगा. इससे न केवल आईटीबीपी समय सेना का समय बचेगा. बल्कि, समय पर सामान भी भेजा जा सकेगा. जिससे आईटीबीपी को काफी सहूलियत मिलेगी.
आईटीबीपी में इस तरह के प्रयोग की शुरुआत पिछले साल नवंबर महीने में हुई थी. जब गृह मंत्री अमित शाह ने ऊंचाई वाले स्थानों पर लॉजिस्टिक ड्रोन से दवाएं और रसद (करीब 15 किलोग्राम तक) पहुंचाने के लिए ड्रोन को उड़ाने की अनुमति दी थी. हालांकि, इसकी शुरुवात वैसे तो लद्दाख से हुई थी, लेकिन आईटीबीपी ने इसकी शुरुआत उत्तराखंड के लोहाघाट से की है. आईटीबीपी के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि लगातार इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है. सब्जी के साथ जरूरत पड़ने पर हर वो सामान भेजा जाएगा, जिसकी जरूरत सीमा पर होगी.
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