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चीन के लिए बड़ी चुनौती : भारतीय सेना में शामिल हुई इजरायल की खतरनाक मिसाइल 'Rampage' - rampage missile in indian air force

rampage missile in indian air force : जरूरत पड़ने पर दुश्मन को कड़ा जवाब दिया जा सके, इसके लिए भारत अपनी सैन्य ताकत में लगातार इजाफा कर रहा है. इसी कड़ी में उसने इजरायल में बनी रैम्पेज मिसाइल को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है. ये बालाकोट में इस्तेमाल की गई मिसाइल से भी ज्यादा खतरनाक है. जानिए क्या है इसकी खासियत.

Rampage
इजरायल में बनी रैम्पेज मिसाइल
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By ANI

Published : Apr 28, 2024, 4:59 PM IST

Updated : Apr 28, 2024, 6:45 PM IST

देखिए वीडियो

नई दिल्ली : दुनिया अभी तक यही मानती थी कि सिर्फ अमेरिका ही दुश्मनों को उसके घर में घुसकर मारने का माद्दा रखता है, लेकिन अब हिंदुस्तान के कदम भी इस दिशा में बहुत आगे बढ़ चुके हैं. दुश्मन छोटा हो या बड़ा अब भारत आंखों में आंखें डालकर बात करता है. भारत जहां खुद अपने लिए लड़ाकू हथियार बना रहा है वहीं, दूसरी ओर मित्र देशों से भी एडवांस और खतरनाक हथियारों की खरीद जारी है.

बेड़े में शामिल रैम्पेज मिसाइल : इसी कड़ी में इजराइल की रैम्पेज मिसाइल को लड़ाकू विमान के बेड़े में शामिल कर लिया गया है. भारतीय वायु सेना ने लगभग 250 किलोमीटर दूर वस्तुओं को निशाना बनाने में सक्षम रैम्पेज लंबी दूरी की सुपरसोनिक हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों को शामिल करके अपने लड़ाकू विमान बेड़े को मजबूत किया है.

इजरायल ने ईरान के खिलाफ किया था इस्तेमाल : भारतीय वायु सेना के भीतर हाई-स्पीड लो ड्रैग-मार्क 2 मिसाइल के रूप में संदर्भित, इस हथियार का उपयोग मुख्य रूप से ईरानी लक्ष्यों के खिलाफ हालिया ऑपरेशन के दौरान इजरायली वायु सेना द्वारा भी किया गया था.

रक्षा सूत्रों के मुताबिक भारतीय वायु सेना ने अपने रूसी मूल के विमान बेड़े में जगुआर लड़ाकू जेट के साथ एसयू -30 एमकेआई और मिग -29 लड़ाकू विमानों सहित रैम्पेज को शामिल किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने मिग-29K नौसैनिक लड़ाकू विमानों के लिए मिसाइल को भी अपने बेड़े में शामिल किया है.

सूत्रों ने कहा कि स्टैंड-ऑफ हथियार भारतीय लड़ाकू पायलटों को संचार केंद्रों या रडार स्टेशनों जैसे लक्ष्यों पर हमला करने और उन्हें मार गिराने का विकल्प देगा. यह खरीद 2020 में चीन के साथ गतिरोध शुरू होने के बाद रक्षा मंत्रालय द्वारा सशस्त्र बलों को महत्वपूर्ण हथियारों और उपकरणों से लैस करने के लिए दी गई आपातकालीन शक्तियों का हिस्सा थी. भारतीय वायु सेना अब इस बात पर भी विचार कर रही है कि क्या मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत रैम्पेज का उत्पादन किया जा सकता है. और इसे बड़ी संख्या में शामिल किया जा सकता है.

  • यह बालाकोट में इस्तेमाल की गई स्पाइस-2000 की तुलना में लंबी दूरी की मिसाइल है.
  • इजरायल ने हाल ही में इसी मिसाइल से ईरानी ठिकानों पर कहर बरपाया था.
  • यह मिसाइल सटीक टारगेट हिट करने के लिए उड़ान के मध्य में रास्ता बदलने में सक्षम है.
  • सभी मौसम में इसका उपयोग किया जा सकता है.

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नई दिल्ली : दुनिया अभी तक यही मानती थी कि सिर्फ अमेरिका ही दुश्मनों को उसके घर में घुसकर मारने का माद्दा रखता है, लेकिन अब हिंदुस्तान के कदम भी इस दिशा में बहुत आगे बढ़ चुके हैं. दुश्मन छोटा हो या बड़ा अब भारत आंखों में आंखें डालकर बात करता है. भारत जहां खुद अपने लिए लड़ाकू हथियार बना रहा है वहीं, दूसरी ओर मित्र देशों से भी एडवांस और खतरनाक हथियारों की खरीद जारी है.

बेड़े में शामिल रैम्पेज मिसाइल : इसी कड़ी में इजराइल की रैम्पेज मिसाइल को लड़ाकू विमान के बेड़े में शामिल कर लिया गया है. भारतीय वायु सेना ने लगभग 250 किलोमीटर दूर वस्तुओं को निशाना बनाने में सक्षम रैम्पेज लंबी दूरी की सुपरसोनिक हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों को शामिल करके अपने लड़ाकू विमान बेड़े को मजबूत किया है.

इजरायल ने ईरान के खिलाफ किया था इस्तेमाल : भारतीय वायु सेना के भीतर हाई-स्पीड लो ड्रैग-मार्क 2 मिसाइल के रूप में संदर्भित, इस हथियार का उपयोग मुख्य रूप से ईरानी लक्ष्यों के खिलाफ हालिया ऑपरेशन के दौरान इजरायली वायु सेना द्वारा भी किया गया था.

रक्षा सूत्रों के मुताबिक भारतीय वायु सेना ने अपने रूसी मूल के विमान बेड़े में जगुआर लड़ाकू जेट के साथ एसयू -30 एमकेआई और मिग -29 लड़ाकू विमानों सहित रैम्पेज को शामिल किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने मिग-29K नौसैनिक लड़ाकू विमानों के लिए मिसाइल को भी अपने बेड़े में शामिल किया है.

सूत्रों ने कहा कि स्टैंड-ऑफ हथियार भारतीय लड़ाकू पायलटों को संचार केंद्रों या रडार स्टेशनों जैसे लक्ष्यों पर हमला करने और उन्हें मार गिराने का विकल्प देगा. यह खरीद 2020 में चीन के साथ गतिरोध शुरू होने के बाद रक्षा मंत्रालय द्वारा सशस्त्र बलों को महत्वपूर्ण हथियारों और उपकरणों से लैस करने के लिए दी गई आपातकालीन शक्तियों का हिस्सा थी. भारतीय वायु सेना अब इस बात पर भी विचार कर रही है कि क्या मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत रैम्पेज का उत्पादन किया जा सकता है. और इसे बड़ी संख्या में शामिल किया जा सकता है.

  • यह बालाकोट में इस्तेमाल की गई स्पाइस-2000 की तुलना में लंबी दूरी की मिसाइल है.
  • इजरायल ने हाल ही में इसी मिसाइल से ईरानी ठिकानों पर कहर बरपाया था.
  • यह मिसाइल सटीक टारगेट हिट करने के लिए उड़ान के मध्य में रास्ता बदलने में सक्षम है.
  • सभी मौसम में इसका उपयोग किया जा सकता है.

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Last Updated : Apr 28, 2024, 6:45 PM IST
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