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लंबी छुट्टी पर चल रहीं IPS इल्मा अफरोज ने तोड़ी चुप्पी; बोलीं, हिमाचल में ईमानदारी से किया काम, खनन माफिया की कमर तोड़ी

हिमाचल प्रदेश के बद्दी जिले में एसपी इल्मा अफरोज छुट्टी पर चल रही हैं. आजकल वह मुरादाबाद स्थित अपने घर पर रह रही हैं.

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मुरादाबाद में शिक्षण संस्थान में छात्र-छात्राओं के साथ IPS इल्मा अफरोज. (Photo Credit; ETV BharatPhoto Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

मुरादाबाद: हिमाचल प्रदेश में तैनात IPS इल्मा अफरोज अपनी लंबी छुट्टी की वजह से चर्चा में बनी हुई है. भले ही इस लंबी छुट्टी को लेकर उन्होंने मीडिया के सामने अभी तक कुछ नहीं बोला हो लेकिन, एक यूपी के मुरादाबाद के एक शिक्षण संस्थान के कार्यक्रम में उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ दी.

उन्होंने कार्यक्रम में अपने पुलिस अधीक्षक के कार्य को शेयर किया. बताया कि किस तरह से नशे से जुड़े कारोबारियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा. साथ ही खनन माफिया की किस तरह से कमर तोड़ी. झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को अपने खाली समय में पढ़ाने का काम किया.

मुरादाबाद में शिक्षण संस्थान के कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को संबोधित करतीं IPS इल्मा अफरोज. (Video Credit; ETV Bharat)

मुरादाबाद के डिंगरपुर में हबीबी इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन गुरेर के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने हिमाचल प्रदेश कैडर की IPS इल्मा अफरोज पहुंचीं. इल्मा अफरोज को शासन ने लंबी छुट्टी पर भेजा हुआ है. जिसके बाद से वह अपने घर मुरादाबाद की कुंदरकी में ही रह रही हैं.

हबीबी इंस्टिट्यूट के कार्यक्रम में इल्मा ने कहा कि जब वह हिमाचल के बद्दी जिले की पुलिस अधीक्षक बनीं तो सबसे पहले वहां पर बढ़ते नशे के सौदागरों की नाक में नकेल कसने का काम किया. जो युवा नशे के शिकार हो चले थे, उनको नशे की लत से बाहर निकाला. ड्रग्स माफिया के खिलाफ कार्रवाई करके उनको जेल भिजवाया. खनन माफिया ड्रग्स तस्करों के साथ मिलकर बच्चों को नशे के इंजेक्शन की लत लगाकर उनकी जिंदगी बर्बाद कर रहे थे.

इस सबके खिलाफ बड़े पैमाने पर एक अभियान चलाकर इनकी कमर तोड़कर सलाखों के पीछे भेजने का काम किया. साथ ही झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चे जो हमेशा फुटपाथ पर खेलते दिखाई देते थे, उनके लिए समय निकालकर अपने यहां बुलाकर पढ़ाना शुरू किया. अब उनको पढ़ता और खेलता देखती हैं तो उनके चेहरे की मुस्कान बहुत अच्छी लगती है.

बता दें कि कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश के एक कद्दावर नेता के साथ टकराव के कारण आईपीएस इल्मा पर परोक्ष रूप से दबाव बनाया जा रहा था. बद्दी में एसपी रहते हुए इल्मा ने कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कई कदम उठाए थे. एक मामले की सुनवाई के दौरान सितंबर में हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया था कि बिना अदालत की स्पष्ट अनुमति के इल्मा का तबादला न किया जाए.

पूर्व सीएम शांता कुमार ने भी दो बार इस मामले को उठाया. उन्होंने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया था. IPS इल्मा अफरोज पहले 21 नवम्बर तक अवकाश पर गई थीं. बाद में उन्होंने अवकाश को 28 नवम्बर तक बढ़ाया था.

ये भी पढ़ेंः एसपी इल्मा अफरोज के अचानक छुट्टी जाने पर घिरी सुक्खू सरकार, महिला ऑफिसर के समर्थन में आए शांता कुमार

ये भी पढ़ेंः IPS इल्मा अफरोज के छुट्टी जाने पर सरकार ने रखा अपना पक्ष, महिला ऑफिसर को लेकर कही ये बात

मुरादाबाद: हिमाचल प्रदेश में तैनात IPS इल्मा अफरोज अपनी लंबी छुट्टी की वजह से चर्चा में बनी हुई है. भले ही इस लंबी छुट्टी को लेकर उन्होंने मीडिया के सामने अभी तक कुछ नहीं बोला हो लेकिन, एक यूपी के मुरादाबाद के एक शिक्षण संस्थान के कार्यक्रम में उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ दी.

उन्होंने कार्यक्रम में अपने पुलिस अधीक्षक के कार्य को शेयर किया. बताया कि किस तरह से नशे से जुड़े कारोबारियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा. साथ ही खनन माफिया की किस तरह से कमर तोड़ी. झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को अपने खाली समय में पढ़ाने का काम किया.

मुरादाबाद में शिक्षण संस्थान के कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को संबोधित करतीं IPS इल्मा अफरोज. (Video Credit; ETV Bharat)

मुरादाबाद के डिंगरपुर में हबीबी इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन गुरेर के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने हिमाचल प्रदेश कैडर की IPS इल्मा अफरोज पहुंचीं. इल्मा अफरोज को शासन ने लंबी छुट्टी पर भेजा हुआ है. जिसके बाद से वह अपने घर मुरादाबाद की कुंदरकी में ही रह रही हैं.

हबीबी इंस्टिट्यूट के कार्यक्रम में इल्मा ने कहा कि जब वह हिमाचल के बद्दी जिले की पुलिस अधीक्षक बनीं तो सबसे पहले वहां पर बढ़ते नशे के सौदागरों की नाक में नकेल कसने का काम किया. जो युवा नशे के शिकार हो चले थे, उनको नशे की लत से बाहर निकाला. ड्रग्स माफिया के खिलाफ कार्रवाई करके उनको जेल भिजवाया. खनन माफिया ड्रग्स तस्करों के साथ मिलकर बच्चों को नशे के इंजेक्शन की लत लगाकर उनकी जिंदगी बर्बाद कर रहे थे.

इस सबके खिलाफ बड़े पैमाने पर एक अभियान चलाकर इनकी कमर तोड़कर सलाखों के पीछे भेजने का काम किया. साथ ही झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चे जो हमेशा फुटपाथ पर खेलते दिखाई देते थे, उनके लिए समय निकालकर अपने यहां बुलाकर पढ़ाना शुरू किया. अब उनको पढ़ता और खेलता देखती हैं तो उनके चेहरे की मुस्कान बहुत अच्छी लगती है.

बता दें कि कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश के एक कद्दावर नेता के साथ टकराव के कारण आईपीएस इल्मा पर परोक्ष रूप से दबाव बनाया जा रहा था. बद्दी में एसपी रहते हुए इल्मा ने कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कई कदम उठाए थे. एक मामले की सुनवाई के दौरान सितंबर में हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया था कि बिना अदालत की स्पष्ट अनुमति के इल्मा का तबादला न किया जाए.

पूर्व सीएम शांता कुमार ने भी दो बार इस मामले को उठाया. उन्होंने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया था. IPS इल्मा अफरोज पहले 21 नवम्बर तक अवकाश पर गई थीं. बाद में उन्होंने अवकाश को 28 नवम्बर तक बढ़ाया था.

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