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म्यांमार पर बांग्लादेशी उच्चायुक्त ने जताई चिंता, कहा- अंतरराष्ट्रीय समुदाय गंभीरता से निकाले हल - Bangladesh Envoy To India

Bangladeshi envoy Mustafizur Rahman: भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मोहम्मद मुस्तफिजुर रहमान ने म्यांमार की स्थिति पर चिंता जाहिर की है. उच्चायुक्त रहमान ने कहा कि ढाका म्यांमार की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. यह न केवल बांग्लादेश की बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता पर हल करे.ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त से इस मुद्दे पर खास बातचीत की.

BANGLADESHI ENVOY ON MYANMAR
म्यांमार पर बांग्लादेश के उच्चायुक्त भारत में बोले
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 30, 2024, 9:20 PM IST

नई दिल्ली: भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मोहम्मद मुस्तफिजुर रहमान ने म्यांमार की स्थिति पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि ढाका म्यांमार की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. यह न केवल बांग्लादेश, बल्कि भारत के लिए भी सुरक्षा चुनौतियां पैदा करता है. ऐसा तब हुआ है, जब म्यांमार की सैन्य-संचालित सरकार कई मोर्चों पर सशस्त्र विद्रोही समूहों के साथ संघर्ष में है. उसे सीमांत क्षेत्रों में लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है, जिसके बाद म्यांमार में स्थिति अस्थिर हो गई है.

म्यांमार की सेना, जिसने एक निर्वाचित नागरिक सरकार को अपदस्थ करने के बाद 2021 में तख्तापलट करके सत्ता संभाली थी. उसको जातीय विद्रोही समूहों और एक नागरिक मिलिशिया आंदोलन के ढीले गठबंधन के खिलाफ कई असफलताओं का सामना करना पड़ा है. मंगलवार को यहां अनंत एस्पेन द्वारा भारत-बांग्लादेश संबंधों पर आयोजित बातचीत के दौरान रहमान ने कहा, 'यह एक गंभीर चिंता का विषय है. म्यांमार हमारा पड़ोसी है इसलिए अगर वहां कुछ भी होता है, तो इसका असर ढाका और अन्य पड़ोसियों पर पड़ेगा'.

उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश म्यांमार की स्थिति पर नजर रख रहा है. दुर्भाग्य से, मुद्दों पर ध्यान न देने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा व्यावहारिक पहल की कमी के कारण संकट लंबा खिंच गया है. म्यांमार की स्थिति हमारे साथ-साथ भारत के लिए भी सुरक्षा चुनौतियां खड़ी करती है. इसके अलावा, मौजूदा अस्थिरता ने बांग्लादेश से म्यांमार तक रोहिंग्याओं की संभावित वापसी में भी महत्वपूर्ण बाधा पैदा की है'. उच्चायुक्त ने कहा, 'यह न केवल बांग्लादेश की बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से ले. यह सुनिश्चित करे कि ये लोग सुरक्षित अपने देश लौट सकें'.

उन्होंने आगे कहा कि जहां तक म्यांमार में हाल ही में बढ़े संघर्ष का सवाल है, बांग्लादेश भारत के साथ-साथ अन्य पड़ोसी देशों के साथ परामर्श कर रहा है. इस बीच, क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं के कारण भारत ने अपने वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों को म्यांमार के सिटवे से यांगून में स्थानांतरित कर दिया है. इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था कि भारत स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. उन्होंने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'हम म्यांमार में सुरक्षा स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं, खासकर राखीन राज्य में. हमारे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं'.

पढ़ें: बांग्लादेश के साथ संबंधों में आया 'नाटकीय सुधार', पूर्वोत्तर के जरिए बढ़ रही 'गेम-चेंजिंग' कनेक्टिविटी :विदेश मंत्री जयशंकर

नई दिल्ली: भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मोहम्मद मुस्तफिजुर रहमान ने म्यांमार की स्थिति पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि ढाका म्यांमार की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. यह न केवल बांग्लादेश, बल्कि भारत के लिए भी सुरक्षा चुनौतियां पैदा करता है. ऐसा तब हुआ है, जब म्यांमार की सैन्य-संचालित सरकार कई मोर्चों पर सशस्त्र विद्रोही समूहों के साथ संघर्ष में है. उसे सीमांत क्षेत्रों में लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है, जिसके बाद म्यांमार में स्थिति अस्थिर हो गई है.

म्यांमार की सेना, जिसने एक निर्वाचित नागरिक सरकार को अपदस्थ करने के बाद 2021 में तख्तापलट करके सत्ता संभाली थी. उसको जातीय विद्रोही समूहों और एक नागरिक मिलिशिया आंदोलन के ढीले गठबंधन के खिलाफ कई असफलताओं का सामना करना पड़ा है. मंगलवार को यहां अनंत एस्पेन द्वारा भारत-बांग्लादेश संबंधों पर आयोजित बातचीत के दौरान रहमान ने कहा, 'यह एक गंभीर चिंता का विषय है. म्यांमार हमारा पड़ोसी है इसलिए अगर वहां कुछ भी होता है, तो इसका असर ढाका और अन्य पड़ोसियों पर पड़ेगा'.

उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश म्यांमार की स्थिति पर नजर रख रहा है. दुर्भाग्य से, मुद्दों पर ध्यान न देने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा व्यावहारिक पहल की कमी के कारण संकट लंबा खिंच गया है. म्यांमार की स्थिति हमारे साथ-साथ भारत के लिए भी सुरक्षा चुनौतियां खड़ी करती है. इसके अलावा, मौजूदा अस्थिरता ने बांग्लादेश से म्यांमार तक रोहिंग्याओं की संभावित वापसी में भी महत्वपूर्ण बाधा पैदा की है'. उच्चायुक्त ने कहा, 'यह न केवल बांग्लादेश की बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से ले. यह सुनिश्चित करे कि ये लोग सुरक्षित अपने देश लौट सकें'.

उन्होंने आगे कहा कि जहां तक म्यांमार में हाल ही में बढ़े संघर्ष का सवाल है, बांग्लादेश भारत के साथ-साथ अन्य पड़ोसी देशों के साथ परामर्श कर रहा है. इस बीच, क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं के कारण भारत ने अपने वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों को म्यांमार के सिटवे से यांगून में स्थानांतरित कर दिया है. इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था कि भारत स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है. उन्होंने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'हम म्यांमार में सुरक्षा स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं, खासकर राखीन राज्य में. हमारे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं'.

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