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झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलहः लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद नेतृत्व परिवर्तन की उठी मांग! - Jharkhand Congress Inner Politics - JHARKHAND CONGRESS INNER POLITICS

Infighting in Jharkhand Congress. लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के लेकर चिंतन और आत्ममंथन के बीच झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलह तेज हो गयी है. राज्य की 07 में से 05 सीट पर मिली हार के बाद नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठने लगी है.

Infighting in Jharkhand Congress after losing five parliamentary seats in Lok Sabha Election 2024
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 15, 2024, 5:53 PM IST

रांची: झारखंड में लोकसभा की 07 में से 05 सीट पर कांग्रेस की हार हुई है. इस नतीजे के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग एक बार फिर तेज होने लगी है. पिछले दिनों पार्टी की ओर से बुलाई गई विस्तारित कार्यसमिति की बैठक से लेकर कांग्रेस विधायक दल की बैठक तक में प्रदेश प्रभारी की उपस्थिति में यह मुद्दा जोरशोर से उठाया गया.

झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलह को लेकर पार्टी नेताओं के बयान (ETV Bharat)

इस मीटिंग में प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की के साथ-साथ कई आदिवासी समुदाय से आने वाले विधायक और मंत्रियों ने भी परोक्ष या अपरोक्ष रूप से यह कहते हुए नजर आए कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कमेटी में बदलाव हो. पार्टी के वरिष्ठ नेता के अनुसार बंधु तिर्की ने तो मीटिंग में ही 07 में से 05 सीट गंवाने की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से इस्तीफे तक की मांग कर दी.

सिर्फ नाम के लिए विस्तारित कार्यसमिति की समीक्षा बैठक

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता जगदीश साहू कहते हैं कि 12 जून को हुई झारखंड प्रदेश कांग्रेस की विस्तारित कार्यसमिति की समीक्षा बैठक सिर्फ दिखावे के लिए था. इसमें सिर्फ चार जिला (धनबाद, कोडरमा, पलामू और गिरिडीह) के जिलाध्यक्ष को अपनी बात रखने का मौका दिया गया. वहीं अनुसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष केदार पासवान को ही मौका मिला. इसके बाद बाकी सभी लोगों की बात सुनने की जगह एक फार्म भरने को कहा गया, इस पर कई लोग नाराज दिखे.

कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन तक प्रदीप यादव को कार्यकारी नेता बनाये जाने को लेकर भी पार्टी के अंदर विवाद गहराने की अपुष्ट सूचना है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जेवीएम के सिंबल पर चुनाव जीतने वाले प्रदीप यादव का मामला विधानसभा ट्रिब्यूनल में चल रहा है, विधानसभा में तकनीकी रूप से उन्हें जेविएम विधायक के रूप में मान्यता मिली हुई है. ऐसे में वे कांग्रेस विधायक दल के कार्यकारी नेता कैसे बन सकते हैं.

स्वस्थ लोकतंत्र का हिस्सा है विरोध- अमूल्य नीरज खलखो

झारखंड कांग्रेस के प्रभारी महासचिव महासचिव अमूल्य नीरज खलखो ने इन सवालों पर अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर से ही प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के उठ रहे सवाल के जवाब में कहा कि जब नतीजे आपके अनुकूल नहीं आते हैं तो इस तरह की बातें होती है. उन्होंने कहा कि बंद कमरे में यह बात हुई है और यह पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र का हिस्सा है.

20 वर्षों में पहली बार झारखंड से कांग्रेस के 02 सांसद बनें हैं- राजेश ठाकुर

राज्य में 07 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के बाद 05 पर मिली हार के बाद प्रदेश नेतृत्व में बदलाव की मांग और पार्टी के अंदर के अंतर्कलह पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने अपना वक्तव्य दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है, नए-नए लोग पार्टी में आते हैं और अपनी-अपनी बात कहते हैं. झारखंड में लोकसभा चुनाव में जो भी परफॉरमेंस पार्टी का रहा, उसके लिए मेरे साथ साथ सभी पदाधिकारियों की भी जिम्मेदारी है. इसलिए हमने सभी पार्टी पदाधिकारियों को भी अपने-अपने बारे में 10-10 लाइन लिख कर देने को कहा है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में पहली बार झारखंड से दो प्रत्याशी लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनें हैं. मेरे से पहले भी राज्य में प्रदेश अध्यक्ष थे और मेरे बाद भी प्रदेश अध्यक्ष होंगे. कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है और हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है.

इसे भी पढ़ें- कांग्रेस वर्किंग कमेटी की विस्तारित बैठक कल दिल्ली में, झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर करेंगे शिरकत - Congress Working Committee Meeting In Delhi

इसे भी पढ़ें- झारखंड कांग्रेस की बैठक में लोकसभा चुनाव परिणाम की हुई समीक्षा, राज्य प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा- बॉटम से टॉप तक हर किसी की जवाबदेही तय होगी - Jharkhand Congress Meeting

इसे भी पढ़ें- चुनावी हार का आकलन करने के लिए प्रदीप बालमुचू की अगुवाई में बनीं कांग्रेस की कमिटी, 15 दिनों के अंदर आलकमान को सौपेंगी रिपोर्ट - Congress will review the defeat

रांची: झारखंड में लोकसभा की 07 में से 05 सीट पर कांग्रेस की हार हुई है. इस नतीजे के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग एक बार फिर तेज होने लगी है. पिछले दिनों पार्टी की ओर से बुलाई गई विस्तारित कार्यसमिति की बैठक से लेकर कांग्रेस विधायक दल की बैठक तक में प्रदेश प्रभारी की उपस्थिति में यह मुद्दा जोरशोर से उठाया गया.

झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलह को लेकर पार्टी नेताओं के बयान (ETV Bharat)

इस मीटिंग में प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की के साथ-साथ कई आदिवासी समुदाय से आने वाले विधायक और मंत्रियों ने भी परोक्ष या अपरोक्ष रूप से यह कहते हुए नजर आए कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कमेटी में बदलाव हो. पार्टी के वरिष्ठ नेता के अनुसार बंधु तिर्की ने तो मीटिंग में ही 07 में से 05 सीट गंवाने की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से इस्तीफे तक की मांग कर दी.

सिर्फ नाम के लिए विस्तारित कार्यसमिति की समीक्षा बैठक

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता जगदीश साहू कहते हैं कि 12 जून को हुई झारखंड प्रदेश कांग्रेस की विस्तारित कार्यसमिति की समीक्षा बैठक सिर्फ दिखावे के लिए था. इसमें सिर्फ चार जिला (धनबाद, कोडरमा, पलामू और गिरिडीह) के जिलाध्यक्ष को अपनी बात रखने का मौका दिया गया. वहीं अनुसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष केदार पासवान को ही मौका मिला. इसके बाद बाकी सभी लोगों की बात सुनने की जगह एक फार्म भरने को कहा गया, इस पर कई लोग नाराज दिखे.

कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन तक प्रदीप यादव को कार्यकारी नेता बनाये जाने को लेकर भी पार्टी के अंदर विवाद गहराने की अपुष्ट सूचना है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जेवीएम के सिंबल पर चुनाव जीतने वाले प्रदीप यादव का मामला विधानसभा ट्रिब्यूनल में चल रहा है, विधानसभा में तकनीकी रूप से उन्हें जेविएम विधायक के रूप में मान्यता मिली हुई है. ऐसे में वे कांग्रेस विधायक दल के कार्यकारी नेता कैसे बन सकते हैं.

स्वस्थ लोकतंत्र का हिस्सा है विरोध- अमूल्य नीरज खलखो

झारखंड कांग्रेस के प्रभारी महासचिव महासचिव अमूल्य नीरज खलखो ने इन सवालों पर अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर से ही प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के उठ रहे सवाल के जवाब में कहा कि जब नतीजे आपके अनुकूल नहीं आते हैं तो इस तरह की बातें होती है. उन्होंने कहा कि बंद कमरे में यह बात हुई है और यह पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र का हिस्सा है.

20 वर्षों में पहली बार झारखंड से कांग्रेस के 02 सांसद बनें हैं- राजेश ठाकुर

राज्य में 07 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के बाद 05 पर मिली हार के बाद प्रदेश नेतृत्व में बदलाव की मांग और पार्टी के अंदर के अंतर्कलह पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने अपना वक्तव्य दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है, नए-नए लोग पार्टी में आते हैं और अपनी-अपनी बात कहते हैं. झारखंड में लोकसभा चुनाव में जो भी परफॉरमेंस पार्टी का रहा, उसके लिए मेरे साथ साथ सभी पदाधिकारियों की भी जिम्मेदारी है. इसलिए हमने सभी पार्टी पदाधिकारियों को भी अपने-अपने बारे में 10-10 लाइन लिख कर देने को कहा है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में पहली बार झारखंड से दो प्रत्याशी लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनें हैं. मेरे से पहले भी राज्य में प्रदेश अध्यक्ष थे और मेरे बाद भी प्रदेश अध्यक्ष होंगे. कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है और हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है.

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