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हौसलों की उड़ान! डाउन सिंड्रोम से पीड़ित इंदौर के अवनीश तिवारी को मिलेगा प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार, जानिये वंडर ब्वॉय का कमाल - Avnish Tiwari Child Icon

Indore Boy Avnish Tiwari Got Award: अवनीश तिवारी, जिसकी उम्र अभी महज 8 साल है. लेकिन उसने समाज में ऐसे बड़े काम किये हैं जिसके चलते उसे प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से नवाजा जाएगा. 26 जनवरी को दिल्ली में पीएम मोदी उसे अवार्ड प्रदान करेंगे.

Avnish Tiwari Disabled Child Award
अवनीश तिवारी को मिलेगा पीएम बाल पुरस्कार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 21, 2024, 8:22 AM IST

Updated : Jan 23, 2024, 5:19 PM IST

अवनीश तिवारी को मिलेगा प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में 8 साल के बच्चे अवनीश तिवारी को इस साल का प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार मिलने जा रहा है. डाउन सिंड्रोम से पीड़ित देश का यह पहला बच्चा है जिसे दिव्यांग होने के बावजूद समाज सेवा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार प्राप्त होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अवनीश को गणतंत्र दिवस पर सामाजिक सेवा श्रेणी में प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. Avnish Tiwari Child Icon

अनाथालय में छोड़ गए माता-पिता

दरअसल 8 साल के बच्चे के होश संभालने से पहले ही जब उसके माता-पिता को पता चला कि उनका बच्चा जेनेटिक क्रोमोसोम डिसऑर्डर डाउन सिंड्रोम से पीड़ित है तो वह उसे इंदौर के अनाथालय में छोड़कर चले गए. इसके बाद अनाथालय से अवनीश बाल तस्करी करने वाले गिरोह के चंगुल में फंस गया. इसी बीच इंदौर के एक समाज सेवी आदित्य तिवारी से इस बच्चे की एक अनाथालय में मुलाकात हुई तो आदित्य को बताया गया कि एक पागल बच्चा है, जो कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित है, जिसकी कुछ महीनो में ही मौत हो जाएगी.

सिंगल पैरंट आदित्य ने लिया अवनीश को गोद

इसके बाद जब इस बच्चे को किसी ने भी गोद नहीं लिया तो आदित्य ने सिंगल पैरंट होते हुए इस बच्चे को गोद ले लिया. इसके बाद आदित्य ने अपने सहयोगियों की मदद से बाल तस्करी के गिरोह के खिलाफ अभियान छेड़ा. जिसके बाद हजारों अनाथ और दिव्यांग बच्चों तस्करी से बचाए गए. इसके बाद से ही यह बच्चा अवनीश और उसके पिता आदित्य तिवारी सामाजिक खेतों और अनाथ बच्चों के अधिकार के लिए काम करने लगे.

Indore Boy Avnish Tiwari PM Award
इंदौर का वंडर ब्वॉय अवनीश तिवारी

1000 कॉन्फ्रेंस अटेंड की

बीते 8 सालों में आदित्य तिवारी ने अपने डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे अवनीश की प्रतिभा पहचान कर उसे मनचाही दिशा में आगे बढ़ने का हर संभव मौका दिया. जिसके फल स्वरुप यह बच्चा दिव्यांग होने के बावजूद अपनी तमाम बीमारियों को हराकर सामान्य बच्चों से भी बढ़कर विलक्षण और गतिविधियों में विशाल बन चुका है. जिसने भारत में सामाजिक क्षेत्र की 1000 कॉन्फ्रेंस अटेंड की है. वहीं, अवनीश यूनाइटेड नेशन और जिनेवा में भी कई कॉन्फ्रेंस अटेंड कर चुका है.

अवनीश ने टाइगर को लिया है गोद

फिलहाल अवनीश इस साल भारत भ्रमण के गोल्डन कॉन्टिनेंटल हाईवे पर यात्रा करते हुए एक लाख दिव्यांग बच्चों के बीच जन जागरूकता अभियान शुरू करने वाला है. वह सात महाद्वीपों की ट्रैकिंग की तैयारी भी कर रहा है. अवनीश ने अपने ट्रैकिंग के शौक के कारण एवरेस्ट पर 6000 मीटर की ट्रैकिंग भी की है. अवनीश ने टाइगर मिशन से जुड़कर इंदौर के चिड़ियाघर में एक टाइगर को भी गोद ले रखा है. Avnish Climbed Mount Everest

Also Read:

10 बीमारियों को हराकर बना विजेता

अवनीश के जन्म के दौरान डॉक्टर ने बताया था कि उसके हृदय में दो छेद हैं जबकि घुटने भी ठीक नहीं हैं. वहीं, क्रोमोसोम डिसऑर्डर डाउन सिंड्रोम के कारण उसकी कुछ दिनों में मौत हो जाएगी. लेकिन उसके पिता की मदद से अवनीश ने सभी बीमारियों को हराया और वह अब अपने जैसे कई बच्चों के लिए समाज सेवा के विभिन्न मोर्चे पर सक्रिय रहकर काम कर रहा है. अवनीश को 2022 में भारत की राष्ट्रपति की ओर से राष्ट्रीय दिव्यांग बाल पुरस्कार प्राप्त हुआ है. इसके बाद 2023 में अवनीश को चाइल्ड आइकन अवार्ड मिल चुका है. अब समाज सेवा और दिव्यांग बच्चों को लेकर जागरूकता के लिए उनके काम के कारण अवनीश को प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. इसके अलावा उसके नाम पर कई वर्ल्ड रिकॉर्ड है और वह 30 से ज्यादा एक्सीलेंस अवार्ड भी ले चुका है.

अवनीश तिवारी को मिलेगा प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में 8 साल के बच्चे अवनीश तिवारी को इस साल का प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार मिलने जा रहा है. डाउन सिंड्रोम से पीड़ित देश का यह पहला बच्चा है जिसे दिव्यांग होने के बावजूद समाज सेवा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार प्राप्त होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अवनीश को गणतंत्र दिवस पर सामाजिक सेवा श्रेणी में प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. Avnish Tiwari Child Icon

अनाथालय में छोड़ गए माता-पिता

दरअसल 8 साल के बच्चे के होश संभालने से पहले ही जब उसके माता-पिता को पता चला कि उनका बच्चा जेनेटिक क्रोमोसोम डिसऑर्डर डाउन सिंड्रोम से पीड़ित है तो वह उसे इंदौर के अनाथालय में छोड़कर चले गए. इसके बाद अनाथालय से अवनीश बाल तस्करी करने वाले गिरोह के चंगुल में फंस गया. इसी बीच इंदौर के एक समाज सेवी आदित्य तिवारी से इस बच्चे की एक अनाथालय में मुलाकात हुई तो आदित्य को बताया गया कि एक पागल बच्चा है, जो कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित है, जिसकी कुछ महीनो में ही मौत हो जाएगी.

सिंगल पैरंट आदित्य ने लिया अवनीश को गोद

इसके बाद जब इस बच्चे को किसी ने भी गोद नहीं लिया तो आदित्य ने सिंगल पैरंट होते हुए इस बच्चे को गोद ले लिया. इसके बाद आदित्य ने अपने सहयोगियों की मदद से बाल तस्करी के गिरोह के खिलाफ अभियान छेड़ा. जिसके बाद हजारों अनाथ और दिव्यांग बच्चों तस्करी से बचाए गए. इसके बाद से ही यह बच्चा अवनीश और उसके पिता आदित्य तिवारी सामाजिक खेतों और अनाथ बच्चों के अधिकार के लिए काम करने लगे.

Indore Boy Avnish Tiwari PM Award
इंदौर का वंडर ब्वॉय अवनीश तिवारी

1000 कॉन्फ्रेंस अटेंड की

बीते 8 सालों में आदित्य तिवारी ने अपने डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चे अवनीश की प्रतिभा पहचान कर उसे मनचाही दिशा में आगे बढ़ने का हर संभव मौका दिया. जिसके फल स्वरुप यह बच्चा दिव्यांग होने के बावजूद अपनी तमाम बीमारियों को हराकर सामान्य बच्चों से भी बढ़कर विलक्षण और गतिविधियों में विशाल बन चुका है. जिसने भारत में सामाजिक क्षेत्र की 1000 कॉन्फ्रेंस अटेंड की है. वहीं, अवनीश यूनाइटेड नेशन और जिनेवा में भी कई कॉन्फ्रेंस अटेंड कर चुका है.

अवनीश ने टाइगर को लिया है गोद

फिलहाल अवनीश इस साल भारत भ्रमण के गोल्डन कॉन्टिनेंटल हाईवे पर यात्रा करते हुए एक लाख दिव्यांग बच्चों के बीच जन जागरूकता अभियान शुरू करने वाला है. वह सात महाद्वीपों की ट्रैकिंग की तैयारी भी कर रहा है. अवनीश ने अपने ट्रैकिंग के शौक के कारण एवरेस्ट पर 6000 मीटर की ट्रैकिंग भी की है. अवनीश ने टाइगर मिशन से जुड़कर इंदौर के चिड़ियाघर में एक टाइगर को भी गोद ले रखा है. Avnish Climbed Mount Everest

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10 बीमारियों को हराकर बना विजेता

अवनीश के जन्म के दौरान डॉक्टर ने बताया था कि उसके हृदय में दो छेद हैं जबकि घुटने भी ठीक नहीं हैं. वहीं, क्रोमोसोम डिसऑर्डर डाउन सिंड्रोम के कारण उसकी कुछ दिनों में मौत हो जाएगी. लेकिन उसके पिता की मदद से अवनीश ने सभी बीमारियों को हराया और वह अब अपने जैसे कई बच्चों के लिए समाज सेवा के विभिन्न मोर्चे पर सक्रिय रहकर काम कर रहा है. अवनीश को 2022 में भारत की राष्ट्रपति की ओर से राष्ट्रीय दिव्यांग बाल पुरस्कार प्राप्त हुआ है. इसके बाद 2023 में अवनीश को चाइल्ड आइकन अवार्ड मिल चुका है. अब समाज सेवा और दिव्यांग बच्चों को लेकर जागरूकता के लिए उनके काम के कारण अवनीश को प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. इसके अलावा उसके नाम पर कई वर्ल्ड रिकॉर्ड है और वह 30 से ज्यादा एक्सीलेंस अवार्ड भी ले चुका है.

Last Updated : Jan 23, 2024, 5:19 PM IST
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