इंदौर। अक्सर कोर्ट पत्नी को गुजारा भत्ता देने के लिए पति को आदेश देते हैं लेकिन इंदौर फैमिली कोर्ट ने एक अनोखा फैसला सुनाते हुए पत्नी को आदेश दिया है कि वह अपने पति को गुजारा भत्ता दे. इस मामले में खास बात यह है कि पत्नी ने गुजारा भत्ता देने के लिए याचिका दायर की थी. कुटुंब न्यायालय का यह आदेश सुर्खियों में बना हुआ है.
पहले दोस्ती हुई फिर शादी
मामला इंदौर के कुटुंब न्यायालय का है. बता दें यहां पर 2023 में पत्नी ने कोर्ट के समक्ष याचिका लगाई थी. इस पूरे मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट में पति की ओर से वकील मनीष ने बताया कि उज्जैन के रहने वाले अमन की 2020 में कॉमन फ्रेंड के जरिए नंदनी से दोस्ती हुई थी. इसके बाद बातचीत का सिलसिला बढ़ता गया और उसके बाद अमन ने नंदनी को प्रपोज कर दिया. हालांकि अमन शादी नहीं करना चाहता था लेकिन नंदिनी ने उसे आत्महत्या करने की धमकी दी. जिसके कारण अमन ने उससे 2021 में आर्य मंदिर में शादी कर ली. इसके बाद दोनों इंदौर में किराए के मकान में रहने लगे. शादी के बाद नंदिनी छोटी-छोटी बातों को लेकर अमन को परेशान करने लगी और इस दौरान अमन ने उसे काफी समझाइश भी दी लेकिन वह समझने को तैयार नहीं हुई.
अमन ने नंदिनी को छोड़ा
नंदिनी का व्यवहार अमन के प्रति लगातार बदलता गया. परेशान होकर अमन शादी के महज 2 महीने बाद ही नंदनी को इंदौर में ही छोड़कर अपने माता-पिता के पास वापस चला गया. इसके बाद पत्नी नंदिनी ने अमन के अचानक घर छोड़कर जाने के बाद इंदौर के एक थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी. अमन ने इस पूरी घटना की अपने परिवार को जानकारी दे दी.
नंदिनी ने घरेलू हिंसा का केस लगाया
नंदिनी ने पहले अमन के खिलाफ कोर्ट में घरेलू हिंसा का केस लगाया उसके बाद कोर्ट में भरण पोषण को लेकर भी एक दावा लगा दिया. कोर्ट के समक्ष अमन ने कहा कि वह मां के साथ रहना चाहता है, साथ ही वह जब भी घर से बाहर जाने की बात करता है तो उसे घर में ही बंद कर दिया जाता है और नंदिनी उसका अपहरण कर घर में साथ रखना चाहती है. इन्हीं सब बातों से वह परेशान हो गया था.
नंदिनी की वजह से छूटी पढ़ाई
अमन ने कोर्ट के समक्ष यह भी कहा कि वह 12वीं पास है और कॉलेज में एडमिशन भी लिया था लेकिन नंदिनी की वजह से उसने पढ़ाई छोड़ दी और अब वह बेरोजगार है. वही नंदिनी ब्यूटी पार्लर चलाती है ऐसे में मुझे पत्नी के द्वारा भरण पोषण भत्ता दिलाया जाए. इसके बाद कोर्ट के समक्ष नंदिनी ने भी अपने बेरोजगार होने की जानकारी दी और भत्ता देने में असमर्थता जाहिर की. इस पर अमन की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि जब नंदिनी ने थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई थी तब पुलिस को बताया था कि वह ब्यूटी पार्लर चलाती है.
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फैमिली कोर्ट का आदेश
कोर्ट के समक्ष नंदिनी किसी तरह की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवा पाई. इसके बाद अमन के एडवोकेट मनीष ने विभिन्न तरह के तर्क रखे और तर्कों से सहमत होते हुए फैमिली कोर्ट ने अमन के वाद के रूप में अतिरिक्त राशि अदा करने के साथ ही उसे गुजारा भत्ता देने का भी आदेश दिया है.