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अपने शहर से ही नाराज स्वच्छता 'दूत', ट्रांसजेंडर टॉयलेट की उठी मांग, स्वच्छ भारत मिशन में प्रावधान - Indore Transgender Toilet - INDORE TRANSGENDER TOILET

देश के सबसे साफ शहर में ट्रांसजेंडर टॉयलेट की समस्या से जूझ रहे हैं. स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर संध्या घावरी ने ट्रांसजेंडर यूरिनल की मांग की है. जिसके बाद इंदौर नगर निगम ट्रांसजेंडर यूरिनल बनाने पर विचार कर रहा है. दरअसल महिला या पुरुष टॉयलेट जाने पर ट्रांसजेंडरों को विरोध का सामना करना पड़ता है, इसलिए अलग से टॉयलेट बनाने की मांग उठ रही है.

INDORE TRANSGENDER TOILET
ट्रांसजेंडर टॉयलेट की मांग (ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 23, 2024, 9:01 PM IST

Updated : Sep 23, 2024, 10:31 PM IST

इंदौर: देश के सबसे स्वच्छ शहर में मेल फीमेल यूरिनल तो हैं, लेकिन शहर के ट्रांसजेंडर अब अलग से थर्ड जेंडर के लिए यूरिनल की मांग कर रहे हैं. हाल ही में इस मांग के चलते स्वच्छ भारत मिशन में इसका प्रावधान किया गया है. नतीजतन इंदौर नगर निगम अब प्रदेश में पहली बार ट्रांसजेंडर के लिए भी यूरिनल तैयार करने पर विचार कर रहा है. दरअसल स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर संध्या घावरी ने ट्रांसजेंडर साथियों की मांग पर कुछ समय पहले इंदौर जिला प्रशासन के समक्ष यह मांग रखी थी. हालांकि तब से अब तक यह मामला लंबित है.

ट्रांसजेंडर के लिए भी यूरिनल की मांग
अब जबकि शहर में एक बार फिर स्वच्छता को लेकर सर्वे होने जा रहा है, इसके पहले ट्रांसजेंडर समुदाय के किसी प्रतिनिधि ने इंदौर नगर निगम से शहर में महिला पुरुष यूरिनल के अलावा ट्रांसजेंडर के लिए भी यूरिनल का प्रावधान करने की मांग की है. हालांकि इस मामले के चर्चा में आने के बाद अब इंदौर नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में तैयार किए गए टॉयलेट और यूरिनल में थर्ड जेंडर के लिए भी यूरिनल तैयार करने की सहमति दी है. माना जा रहा है कि जल्द ही थर्ड जेंडर के लिए शहर में यूरिनल तैयार किए जा सकते हैं जो प्रदेश में अपनी तरह की पहली कोशिश होगी.

स्वच्छ भारत मिशन में थर्ड जेंडर के लिए शौचालय का प्रावधान (ETV Bharat)

इसलिए हो रही मांग
दरअसल ट्रांसजेंडर इसलिए भी अलग से टॉयलेट और यूरिनल तैयार करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि महिला और पुरुष टॉयलेट में सामाजिक रूप से थर्ड जेंडर के लोगों की स्वीकार्यता में परेशानी आती है. इसके अलावा महिला टॉयलेट या शौचालय में जाने पर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ता है. यही स्थिति पुरुष टॉयलेट को लेकर भी बनती है.

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थर्ड जेंडर के लिए भी टॉयलेट का प्रावधान
स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर संध्या घावरी का कहना है कि, ''भारत सरकार ने जब पुरुषों महिलाओं के अलावा बच्चों और दिव्यांगों के लिए यह व्यवस्था की है तो उन्हें क्यों वंचित किया गया है.'' वहीं, इस मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने स्पष्ट किया कि यह मामला अभी संज्ञान में आया है. हालांकि स्वच्छ भारत मिशन की नई गाइडलाइन में थर्ड जेंडर के लिए भी टॉयलेट का प्रावधान है. उन्होंने बताया, ''शहर में जो टॉयलेट अथवा सुलभ शौचालय हैं उनमें ही अलग से स्थान निर्धारित करके थर्ड जेंडर के लिए टॉयलेट अथवा यूरिनल तैयार किए सकते हैं. जिस पर जल्द ही चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा.''

इंदौर: देश के सबसे स्वच्छ शहर में मेल फीमेल यूरिनल तो हैं, लेकिन शहर के ट्रांसजेंडर अब अलग से थर्ड जेंडर के लिए यूरिनल की मांग कर रहे हैं. हाल ही में इस मांग के चलते स्वच्छ भारत मिशन में इसका प्रावधान किया गया है. नतीजतन इंदौर नगर निगम अब प्रदेश में पहली बार ट्रांसजेंडर के लिए भी यूरिनल तैयार करने पर विचार कर रहा है. दरअसल स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर संध्या घावरी ने ट्रांसजेंडर साथियों की मांग पर कुछ समय पहले इंदौर जिला प्रशासन के समक्ष यह मांग रखी थी. हालांकि तब से अब तक यह मामला लंबित है.

ट्रांसजेंडर के लिए भी यूरिनल की मांग
अब जबकि शहर में एक बार फिर स्वच्छता को लेकर सर्वे होने जा रहा है, इसके पहले ट्रांसजेंडर समुदाय के किसी प्रतिनिधि ने इंदौर नगर निगम से शहर में महिला पुरुष यूरिनल के अलावा ट्रांसजेंडर के लिए भी यूरिनल का प्रावधान करने की मांग की है. हालांकि इस मामले के चर्चा में आने के बाद अब इंदौर नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में तैयार किए गए टॉयलेट और यूरिनल में थर्ड जेंडर के लिए भी यूरिनल तैयार करने की सहमति दी है. माना जा रहा है कि जल्द ही थर्ड जेंडर के लिए शहर में यूरिनल तैयार किए जा सकते हैं जो प्रदेश में अपनी तरह की पहली कोशिश होगी.

स्वच्छ भारत मिशन में थर्ड जेंडर के लिए शौचालय का प्रावधान (ETV Bharat)

इसलिए हो रही मांग
दरअसल ट्रांसजेंडर इसलिए भी अलग से टॉयलेट और यूरिनल तैयार करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि महिला और पुरुष टॉयलेट में सामाजिक रूप से थर्ड जेंडर के लोगों की स्वीकार्यता में परेशानी आती है. इसके अलावा महिला टॉयलेट या शौचालय में जाने पर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ता है. यही स्थिति पुरुष टॉयलेट को लेकर भी बनती है.

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थर्ड जेंडर के लिए भी टॉयलेट का प्रावधान
स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर संध्या घावरी का कहना है कि, ''भारत सरकार ने जब पुरुषों महिलाओं के अलावा बच्चों और दिव्यांगों के लिए यह व्यवस्था की है तो उन्हें क्यों वंचित किया गया है.'' वहीं, इस मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने स्पष्ट किया कि यह मामला अभी संज्ञान में आया है. हालांकि स्वच्छ भारत मिशन की नई गाइडलाइन में थर्ड जेंडर के लिए भी टॉयलेट का प्रावधान है. उन्होंने बताया, ''शहर में जो टॉयलेट अथवा सुलभ शौचालय हैं उनमें ही अलग से स्थान निर्धारित करके थर्ड जेंडर के लिए टॉयलेट अथवा यूरिनल तैयार किए सकते हैं. जिस पर जल्द ही चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा.''

Last Updated : Sep 23, 2024, 10:31 PM IST
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