इंदौर: शहर के छत्रीपुरा थाना क्षेत्र में एक पोस्टर को लेकर विवाद हो गया. विभिन्न संगठनों ने पोस्टर को सोशल मीडिया पर शेयर कर विरोध जताया है. दरअसल लगभग तीन महीने मुहर्रम के मौके पर यह पोस्टर लगाया गया था. जिस पर अब विवाद उठा है. बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ ने फेसबुक पर उस पोस्टर को शेयर करते हुए लिखा कि, ''इंदौर के कागदीपुरा क्षेत्र में 'गजवा-ए-हिंद' के पोस्टर को लगाया गया था. आतंक को दर्शाता यह पोस्टर प्रशासन की शांति व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहा है. इस पोस्टर की अनुमति आखिर किस कट्टर पंथी ने दी है. प्रशासन से निवेदन है इसे तत्काल संज्ञान में लेकर इसे लगाने वाले पर कठोरता कार्रवाई करें.''
विधायक के बेटे ने पोस्टर शेयर कर जताया विरोध
एकलव्य गौड़ ने जिस तरह से फेसबुक पर तमाम तरह की बातें लिखकर इस पोस्टर को शेयर किया. इसके बाद सोशल मीडिया पर इस पोस्टर को लेकर विरोध बढ़ता गया. वहीं, विश्व हिंदू परिषद के नेता संतोष शर्मा ने सार्वजनिक बयान देते हुए कहा कि, ''गजवा ए हिंद क्या होता है. यह तो हिंदुओं का स्थान हिंदुस्तान है. आज विश्व में भारत मजबूती से खड़ा है, एक ताकतवर देश अमेरिका में चुनाव होते तो वहां के नेता हिंदुओं के संरक्षण की बात करते हैं और दिवाली मनाते हैं. तो इससे बड़ा संदेश विश्व में कुछ नहीं है. भारत एक शक्तिशाली देश बन रहा है और आज यह लोग भारत के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए इस प्रकार की अराजकता का माहौल पैदा कर रहे हैं.''
पोस्टर पर जमकर विवाद हो रहा है. वहीं, पोस्टर लगाने वाले क्षेत्रीय लोग भी सामने आए हैं. उन्होंने पोस्टर को लेकर कहा कि, ''यह पोस्टर हमारे धर्म से संबंधित है. इस पोस्टर में किसी संगठन या किसी धर्म की धार्मिक भावना को आहत करने का उपदेश नहीं था. सोशल मीडिया पर असामाजिक तत्वों के द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है. हम प्रशासन से मांग करेंगे कि जिस भी सोशल मीडिया एकाउंट से यह पोस्टर वायरल किए जा रहे हैं, उन पर करवाई की जाए. इस पोस्टर का गजवा ए हिंद से कोई ताल्लुक नहीं है. यह पोस्टर कर्बला का है और यह पोस्टर शिया समाज से संबंधित है. इस पोस्टर को हटा लिया गया है.''
स्वेच्छा से हटाया पोस्टर
इस मामले में इंदौर एसीपी हेमंत चौहान का कहना है कि, ''शिया समाज से संबंधित कुछ लोग मुलाकात करने के लिए आए थे और उन्होंने पोस्टर के बारे में पूरी जानकारी पुलिस को दी. साथ ही शिया समाज के लोगों ने ही पुलिस को यह आश्वासन दिया था कि यह पोस्टर इंटरनेट सहित अन्य जगहों पर उपलब्ध है और ईद सहित अन्य कार्यक्रमों पर इस पोस्टर का उपयोग करते थे. यदि इस पोस्टर से किसी की धार्मिक भावना आहत होती है तो हम इस पोस्टर को हटा लेंगे और शिया समाज के लोगों ने उस पोस्टर को स्वेच्छा से हटा भी लिया है.''