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वेटिंग टिकट लेकर आरक्षित कोच में चढ़ने पर जेब होगी ढीली, जानें कितना लगेगा जुर्माना - Railways Waiting Ticket Rules

India Railways Waiting Ticket Rules: भारतीय रेलवे ने ट्रेन के आरक्षित कोच में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वेटिंग टिकट के नियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है. यात्री अब वेटिंग टिकट पर सिर्फ जनरल डिब्बे में ही सफर कर सकते हैं. आरक्षित डिब्बे में चढ़ने पर उन्हें भारी जुर्माना देना पड़ा सकता है.

India Railways Waiting Ticket Rules
वेटिंग टिकट पर आरक्षित कोच में नहीं कर पाएंगे सफर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 31, 2024, 4:01 PM IST

नई दिल्ली: ट्रेनों में भीड़ को नियंत्रित करने को भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट के लिए सख्त कदम उठाया है. अब टीटीई खिड़की से लिए गए वेटिंग टिकट पर आरक्षित कोच में सफर करने वाले यात्रियों को ट्रेन से उतार सकते हैं और ऐसे यात्रियों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. आपको बता दें कि यह नियम पहले से ही है कि वेटिंग लिस्ट वाले यात्री सिर्फ जनरल कोच में ही सफर सकते हैं, भले ही उनके पास थर्ड एसी या अन्य श्रेणी का वेटिंग टिकट हो. इन नियम का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा था. लेकिन आरक्षित स्लीपर और एसी कोच में वेटिंग टिकट पर चलने वाले यात्रियों की भीड़ को लेकर शिकायत के बाद रेलवे ने सभी मंडलों को इस नियम को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं.

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को आरक्षित कोच में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे टिकट काउंटर से लिया गया हो. नियम के मुताबिक, अगर कोई यात्री वेटिंग टिकट पर ट्रेन के आरक्षित कोच में चढ़ता है तो पकड़े जाने पर टीटीई उसे अगले स्टेशन पर उतार देगा और और जुर्माना लगाया जाएगा.

कितना लग सकता है जुर्माना
अब सवाल उठ रहा है कि जुर्माना कितना लग सकता है. रेल यात्रियों को इसकी जानकारी होना भी बहुत जरूरी है. रेलवे नियम के तहत, वेटिंग टिकट पर आरक्षित कोच में सफर करने वाले यात्री से कम से कम 250 रुपये का जुर्माना और ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से यात्रा के स्थान तक का किराया वसूला जा सकता है.

इस कदम से रेलवे यह सुनिश्चित करना चाहता है कि आरक्षित कोच में सिर्फ कन्फर्म टिकट वाले यात्री ही सफर करें, जिससे उन्हें कोई असुविधा न हो. आरक्षित कोच से उतारने और जुर्माना देने के बाद यात्री जनरल कोच में चढ़ सकते हैं और बाकी सफर को उसी ट्रेन से पूरा कर सकते हैं.

आधे घंटे पहले तक वेटिंग टिकट रद्द करा सकते हैं...
रेलवे के मुताबिक, यात्री ट्रेन के छूटने के समय से कम से कम आधे घंटे पहले काउंटर से वेटिंग टिकट रद्द करा सकते हैं या वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था का चयन कर सकते हैं.

रेलवे टिकट बुकिंग सुविधा
गौरतलब है कि वर्तमान में रेलवे का टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन यानी काउंटर (खिड़की) दोनों तरह से बुक किया जा सकता है. रेलवे वेटिंग टिकट बुक करने की भी सुविधा देता है. यात्री की तारीख में कंफर्म टिकट न मिलने पर बहुत से लोग इस उम्मीद में वेटिंग टिकट बुक कर लेते हैं कि तब तक यह कंफर्म हो जाएगा. टिकट कंफर्म न होने पर ऑनलाइन टिकट खुद से कैंसिल हो जाता है और बाद में यात्री के बैंक खाते में पैसा रिफंड हो जाता है. लेकिन काउंटर टिकट कैंसिल नहीं होता है. कुछ यात्री काउंटर पर जाकर टिकट कैंसिल करा देते हैं, लेकिन कुछ वेटिंग टिकट के सहारे ट्रेन के स्लीपर या एसी कोच में चढ़ जाते हैं. अब पकड़े जाने पर ऐसे यात्रियों की मुसीबत बढ़ सकती है. काउंटर टिकट पर यात्री अब सिर्फ जनरल कोट में ही सफर कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें- रद्द या देरी से चलने वाली ट्रेनों का टिकट कर दिया है कैंसिल, रिफंड की न करें चिंता, ऐसे वापस मिलेगा पैसा

नई दिल्ली: ट्रेनों में भीड़ को नियंत्रित करने को भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट के लिए सख्त कदम उठाया है. अब टीटीई खिड़की से लिए गए वेटिंग टिकट पर आरक्षित कोच में सफर करने वाले यात्रियों को ट्रेन से उतार सकते हैं और ऐसे यात्रियों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. आपको बता दें कि यह नियम पहले से ही है कि वेटिंग लिस्ट वाले यात्री सिर्फ जनरल कोच में ही सफर सकते हैं, भले ही उनके पास थर्ड एसी या अन्य श्रेणी का वेटिंग टिकट हो. इन नियम का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा था. लेकिन आरक्षित स्लीपर और एसी कोच में वेटिंग टिकट पर चलने वाले यात्रियों की भीड़ को लेकर शिकायत के बाद रेलवे ने सभी मंडलों को इस नियम को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं.

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को आरक्षित कोच में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे टिकट काउंटर से लिया गया हो. नियम के मुताबिक, अगर कोई यात्री वेटिंग टिकट पर ट्रेन के आरक्षित कोच में चढ़ता है तो पकड़े जाने पर टीटीई उसे अगले स्टेशन पर उतार देगा और और जुर्माना लगाया जाएगा.

कितना लग सकता है जुर्माना
अब सवाल उठ रहा है कि जुर्माना कितना लग सकता है. रेल यात्रियों को इसकी जानकारी होना भी बहुत जरूरी है. रेलवे नियम के तहत, वेटिंग टिकट पर आरक्षित कोच में सफर करने वाले यात्री से कम से कम 250 रुपये का जुर्माना और ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से यात्रा के स्थान तक का किराया वसूला जा सकता है.

इस कदम से रेलवे यह सुनिश्चित करना चाहता है कि आरक्षित कोच में सिर्फ कन्फर्म टिकट वाले यात्री ही सफर करें, जिससे उन्हें कोई असुविधा न हो. आरक्षित कोच से उतारने और जुर्माना देने के बाद यात्री जनरल कोच में चढ़ सकते हैं और बाकी सफर को उसी ट्रेन से पूरा कर सकते हैं.

आधे घंटे पहले तक वेटिंग टिकट रद्द करा सकते हैं...
रेलवे के मुताबिक, यात्री ट्रेन के छूटने के समय से कम से कम आधे घंटे पहले काउंटर से वेटिंग टिकट रद्द करा सकते हैं या वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था का चयन कर सकते हैं.

रेलवे टिकट बुकिंग सुविधा
गौरतलब है कि वर्तमान में रेलवे का टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन यानी काउंटर (खिड़की) दोनों तरह से बुक किया जा सकता है. रेलवे वेटिंग टिकट बुक करने की भी सुविधा देता है. यात्री की तारीख में कंफर्म टिकट न मिलने पर बहुत से लोग इस उम्मीद में वेटिंग टिकट बुक कर लेते हैं कि तब तक यह कंफर्म हो जाएगा. टिकट कंफर्म न होने पर ऑनलाइन टिकट खुद से कैंसिल हो जाता है और बाद में यात्री के बैंक खाते में पैसा रिफंड हो जाता है. लेकिन काउंटर टिकट कैंसिल नहीं होता है. कुछ यात्री काउंटर पर जाकर टिकट कैंसिल करा देते हैं, लेकिन कुछ वेटिंग टिकट के सहारे ट्रेन के स्लीपर या एसी कोच में चढ़ जाते हैं. अब पकड़े जाने पर ऐसे यात्रियों की मुसीबत बढ़ सकती है. काउंटर टिकट पर यात्री अब सिर्फ जनरल कोट में ही सफर कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें- रद्द या देरी से चलने वाली ट्रेनों का टिकट कर दिया है कैंसिल, रिफंड की न करें चिंता, ऐसे वापस मिलेगा पैसा

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