नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल 'चेनाब रेल ब्रिज' पर गुरुवार को सफल ट्रायल रन किया. इसके साथ ही अब रामबन और रियासी जिलों के बीच बनी इस लाइन पर जल्द ही रेल सेवाएं शुरू हो जाएंगी.
बिजनेस टाइकून आनंद महिंद्रा ने ट्रायल का वीडियो शेयर किया है. उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए एक्स पर लिखा कि दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल- चेनाब ब्रिज को पार करने वाली भारत की पहली ट्रेन. चूंकि यह योग दिवस है. ऐसे में यह इस बात का संकेत देने के लिए एकदम सही तस्वीर है कि हमारा बुनियादी ढांचा जितना संभव हो सके, उतना आसमान की ओर बढ़ रहा है.
इससे पहले हुआ था इलेक्ट्रिक इंजन का परीक्षण
इससे पहले भारतीय रेल ने संगलदान से रियासी तक इलेक्ट्रिक इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. इसका वीडियो केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था. पोस्ट में रेल मंत्री ने लिखा कि संगलदान से रियासी तक पहली ट्रायल ट्रेन सफलतापूर्वक चली. इस दौरान उसने चिनाब ब्रिज को भी पार किया.
पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
बता दें कि फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था, जबकि चेनाब ब्रिज प्रोजेक्ट को 2003 में मंजूरी दी गई थी. इसकी सुरक्षा और स्थिरता पर चिंताओं के बावजूद 2008 में इसे अनुबंध किया गया था. जम्मू-कश्मीर में चेनाब नदी पर बना एकल मेहराब पुल नदी से 1,178 फीट ऊपर है और पेरिस के प्रतिष्ठित एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है.
यहां अब तक हुए सभी अनिवार्य परीक्षण सफल रहे हैं और अब यह भारतीय रेलवे के इतिहास में अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं. मेहराब पुल को जम्मू -कश्मीर के रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच बनाया गया है. यह कटरा से बनिहाल तक एक महत्वपूर्ण संपर्क बनाता है.
पुल बनाने में कितना आई लागत
यह पुल 35,000 करोड़ रुपये की उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है. इस लगभग 14,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इसका उद्देश्य जम्मू कश्मीर के चुनौतीपूर्ण इलाकों में कनेक्टिविटी को बढ़ाना है.