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वरुण जैन को हाथी ट्रैकिंग ऐप के लिए मिला इको वॉरियर अवॉर्ड 2024 - Varun Jain Eco Warrior Award 2024

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 15, 2024, 4:12 PM IST

छत्तीसगढ़ के वन अधिकारी वरुण जैन को बड़ा सम्मान मिला है. एआई-आधारित हाथी ट्रैकिंग ऐप के उपयोग के लिए दिल्ली में उन्हें सम्मानित किया गया. वरुण जैन को दिल्ली में इको वॉरियर अवार्ड 2024 से नवाजा गया है.

Eco Warrior Award 2024
इको वॉरियर अवार्ड 2024 (ETV Bharat)

रायपुर: छत्तीसगढ़ कैडर के भारतीय वन सेवा अधिकारी को बड़े पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित ट्रैकिंग और अलर्ट एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए 'इको वॉरियर अवॉर्ड 2024' मिला है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

फरवरी 2023 से कर रहे ऐप का यूज: वन विभाग की तरफ से इसको लेकर जानकारी मुहैया कराई गई है. गरियाबंद जिले में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व (यूएसटीआर) के उप निदेशक वरुण जैन इको वॉरियर पुरस्कार दिया गया है. बीते सप्ताह दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में "संरक्षण में प्रौद्योगिकी के सर्वोत्तम उपयोग" श्रेणी में पुरस्कार दिया गया है. वरुण जैन और यूएसटीआर की टीम ने एफएमआईएस (वन प्रबंधन सूचना प्रणाली) और वन्यजीव विंग के सहयोग से 'छत्तीसगढ़ हाथी ट्रैकिंग और अलर्ट' एप्लिकेशन विकसित किया. फरवरी 2023 से रिजर्व में इस ऐप का उपयोग कर रहे हैं.

मैसेज भेजकर किया जाता है अलर्ट: मीडिया से बातचीत के दौरान वरुण जैन ने कहा कि, "यह ऐप 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को फोन कॉल, एसएमएस और व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से अलर्ट भेजकर एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के रूप में काम करता है. जब भी पैदल गश्त करने वाले ट्रैकर टस्कर की उपस्थिति का पता लगाते हैं. एआई सिस्टम हाथियों के झुंड के 10 किलोमीटर के दायरे में गांवों की पहचान करता है."

"गांव के लोगों को फोन कॉल, वॉयस मैसेज और टेक्स्ट मैसेज के जरिए सूचनाएं भेजता है.खास तौर पर उन लोगों को जिनके मोबाइल नंबर उनके नाम और जीपीएस लोकेशन से जुड़े हैं. अलर्ट खास तौर पर "कोटवारों", पंचायत सदस्यों और वन प्रबंधन समितियों को भेजे जाते हैं. चेतावनी के तौर पर ऑडियो संदेश भी प्रसारित किए जाते हैं. डेढ़ साल पहले ऐप लॉन्च होने के बाद से यूएसटीआर क्षेत्र में कोई मानव-हाथी संघर्ष नहीं हुआ है." : वरुण जैन, उप निदेशक, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व

ऐप मिली मदद, हाथी मानव संघर्ष में आई कमी: चेतावनी प्रणाली के रूप में काम करने के अलावा, ऐप डेटा के व्यवस्थित संग्रह और विश्लेषण की सुविधा भी देता है, जिससे हाथियों के गलियारों, आवास विकास और मानव-हाथी संघर्ष को कम करने में मदद मिलती है. राज्य में हाथियों के खतरे का सामना कर रहे 15 वन प्रभागों ने ऐप को अपनाया है, जिससे इस तरह के संघर्षों में काफी कमी आई है.

सोर्स: PTI

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हिंसक हुआ लोनर हाथी, एक महीने के भीतर 4 लोगों को उतारा मौत के घाट, कटघोरा वनमंडल में दहशत - Elephant Attack

रायपुर: छत्तीसगढ़ कैडर के भारतीय वन सेवा अधिकारी को बड़े पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित ट्रैकिंग और अलर्ट एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए 'इको वॉरियर अवॉर्ड 2024' मिला है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

फरवरी 2023 से कर रहे ऐप का यूज: वन विभाग की तरफ से इसको लेकर जानकारी मुहैया कराई गई है. गरियाबंद जिले में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व (यूएसटीआर) के उप निदेशक वरुण जैन इको वॉरियर पुरस्कार दिया गया है. बीते सप्ताह दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में "संरक्षण में प्रौद्योगिकी के सर्वोत्तम उपयोग" श्रेणी में पुरस्कार दिया गया है. वरुण जैन और यूएसटीआर की टीम ने एफएमआईएस (वन प्रबंधन सूचना प्रणाली) और वन्यजीव विंग के सहयोग से 'छत्तीसगढ़ हाथी ट्रैकिंग और अलर्ट' एप्लिकेशन विकसित किया. फरवरी 2023 से रिजर्व में इस ऐप का उपयोग कर रहे हैं.

मैसेज भेजकर किया जाता है अलर्ट: मीडिया से बातचीत के दौरान वरुण जैन ने कहा कि, "यह ऐप 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को फोन कॉल, एसएमएस और व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से अलर्ट भेजकर एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के रूप में काम करता है. जब भी पैदल गश्त करने वाले ट्रैकर टस्कर की उपस्थिति का पता लगाते हैं. एआई सिस्टम हाथियों के झुंड के 10 किलोमीटर के दायरे में गांवों की पहचान करता है."

"गांव के लोगों को फोन कॉल, वॉयस मैसेज और टेक्स्ट मैसेज के जरिए सूचनाएं भेजता है.खास तौर पर उन लोगों को जिनके मोबाइल नंबर उनके नाम और जीपीएस लोकेशन से जुड़े हैं. अलर्ट खास तौर पर "कोटवारों", पंचायत सदस्यों और वन प्रबंधन समितियों को भेजे जाते हैं. चेतावनी के तौर पर ऑडियो संदेश भी प्रसारित किए जाते हैं. डेढ़ साल पहले ऐप लॉन्च होने के बाद से यूएसटीआर क्षेत्र में कोई मानव-हाथी संघर्ष नहीं हुआ है." : वरुण जैन, उप निदेशक, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व

ऐप मिली मदद, हाथी मानव संघर्ष में आई कमी: चेतावनी प्रणाली के रूप में काम करने के अलावा, ऐप डेटा के व्यवस्थित संग्रह और विश्लेषण की सुविधा भी देता है, जिससे हाथियों के गलियारों, आवास विकास और मानव-हाथी संघर्ष को कम करने में मदद मिलती है. राज्य में हाथियों के खतरे का सामना कर रहे 15 वन प्रभागों ने ऐप को अपनाया है, जिससे इस तरह के संघर्षों में काफी कमी आई है.

सोर्स: PTI

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