नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को आएंगे. ऐसे में कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में आए प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में राहुल गांधी, कांग्रेस, अरविंद केजरीवाल, ईवीएम, मोदी मीडिया, एग्जिट पोल सहित कई अहम मुद्दों पर पूछे गए तमाम सवालों का बड़ी सहजता से जवाब दिया. क्या आपको 4 जून के नतीजों के बाद कांग्रेस में कोई विद्रोह या बगावत नजर आती है? गौरव वल्लभ ने कहा कि पार्टी में विद्रोह तब होता है, जब पार्टी के लोग मजबूत नेतृत्व से भयभीत या दबा हुआ महसूस करते हैं. कांग्रेस आज नेतृत्वहीन और दिशाहीन हो गई है.
गौरव वल्लभ ने राहुल गांधी की मीडिया से लड़ाई के सवाल कि इस अप्रोच को आप कैसे देखते हैं? इसके जवाब में कहा कि इसको डिस्ट्रक्टिव अप्रोच कहते हैं. मैंने अपने पत्र में लिखा था कि विपक्ष का काम सकारात्मक आलोचना करना है. कांग्रेस एक और पॉलिसी पर काम कर रही है. ए का मतलब 'अब्यूज' और आर का मतलब 'रन', कांग्रेस का काम है गाली दो और भाग जाओ. इस पॉलिसी पर कांग्रेस काम कर रही है और इस पॉलिसी को देश स्वीकार नहीं करता है. एग्जिट पोल ने भी यही साफ जाहिर कर दिया है.
सुप्रिया श्रीनेत से जुड़े सवाल पर गौरव वल्लभ ने कहा कि मैं नहीं जानता सुप्रिया श्रीनेत की पार्टी के अंदर क्या भूमिका है, क्योंकि उन्होंने मेरे साथ कभी काम नहीं किया. लेकिन, मैं यह जानता हूं वह ना तो कभी कम्युनिकेशन की इंचार्ज हैं, मेरी जानकारी में तो नहीं हैं. लेकिन, अगर अब वह बन गईं हो तो मुझे नहीं पता. मैं यह जानता हूं कि उनके पास कांग्रेस पार्टी में रहने का बहुत बड़ा अप्रोच है. वह यह है कि वह उनके पिता पूर्व सांसद रह चुके हैं. कांग्रेस पार्टी सिर्फ वंशवाद को बढ़ाती है. वह वंशवाद की उपज हैं और इसी वजह से कांग्रेस पार्टी में हैं.
राहुल गांधी को 'जननायक' कहने की परंपरा कांग्रेस में किसने शुरू की और इसके पीछे मंशा क्या है? इसके जवाब में गौरव ने कहा कि 'जननायक' का संधि विच्छेद होता है जन और नायक. ना तो राहुल गांधी 'जन' हैं ना हीं 'नायक' हैं तो जननायक कैसे हो सकते हैं. मैंने कल उनका टीवी पर वीडियो देखा था कि फलाना का अपने गाना सुना क्या? यह उनका तरीका है. मीडिया से बात करने का, देश की मीडिया जब खड़ी है वह आपसे बात करना चाहती है. आप बात करते नहीं हैं, भाग जाते हैं. कोई गाना बता रहे हैं कि इसने कहा कि इस गाने की तरह 295 सीटें आ रही है. मैं आपको पुनः कहता हूं कि ताश के जितने पत्ते होते हैं, उतनी लोकसभा में कांग्रेस की सीटें नहीं आ रही है.
क्या कांग्रेस पार्टी पर चाटुकारों का कब्जा हो चुका है? इसके जवाब में गौरव वल्लभ ने कहा कि मैंने पहले ही कह दिया कि कांग्रेस में दो ही तरह के लोग हैं या तो वह सिस्टम में हैं, क्योंकि वह वंशवाद के कारण वहां पर बैठे हुए हैं. किसी का पिता मुख्यमंत्री रह चुका है तो कोई राजा-महाराजा के घर से आते हैं या दूसरा कारण है जो सुबह से शाम एक ही काम करते हैं. राहुल गांधी ने कुछ कहा उसे जस्टिफाई करो, उसे रिपीट करो, उसे फॉरवर्ड करो और उस पर ताली मारो. कांग्रेस पार्टी में ऐसे लोगों की कोई जरूरत नहीं है. यह काम गलत है. कांग्रेस पार्टी को लगता है कि यह हमारे विरोधी हैं. मैं कांग्रेस पार्टी में रहते हुए भी, सनातन पर चुप्पी तोड़ो, भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में न जाने का पाप मत करो, सुबह से शाम अडाणी-अंबानी को गालियां देना बंद करो, चिल्लाता रहा. कांग्रेस पार्टी में चाटुकारिता बहुत छोटा शब्द है. वहां पर ऐसे लोगों की जरूरत है जो सुबह-शाम मोदी को गालियां दे सके, देश के वेल्थ क्रिएटर को गाली दे सके.
कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को काउंटिंग के दिन शाम तक मतगणना केंद्र में रहने के फरमान पर गौरव वल्लभ ने कहा कि मतगणना में कोई गड़बड़ी नहीं होगी, देश का इलेक्शन कमीशन एक संवैधानिक संस्थान है. जिसके ऊपर देश के प्रत्येक वोटर को पूरा विश्वास है. कांग्रेस का भी अभी तक है, लेकिन, कल शाम को 4 बजे कांग्रेस को विश्वास नहीं रहेगा. मैं यह बात पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं.
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