रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव बेहद करीब है. लिहाजा राज्य की राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से मुद्दे भी तलाशने लगे हैं. वहीं विरोधी पार्टियां उस मुद्दे की काट ढूंढने में लग जाती हैं. झारखंड की राजनीति में इन दिनों भाजपा एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दे को झारखंड विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा बनाने में जुटी है.
ऐसा ही एक मुद्दा बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से संथाल इलाके में हुई डेमोग्राफिक चेंज का है. भाजपा लगातार कह रही है कि राज्य में महागठबंधन की सरकार में वोट की राजनीति की वजह से आदिवासियों की जनसंख्या घटी है और मुस्लिमों की आबादी बेतहाशा बढ़ी है. इतना ही नहीं, भाजपा का आरोप है कि घुसपैठियों का नाम इलेक्टोरल शीट पर चढ़ाकर चुनावी नतीजों को भी प्रभावित किया जा रहा है.
घुसपैठ के लिए भाजपा और NDA को ही कटघरे में खड़ा करने की रणनीति
संथाल में डेमोग्राफी चेंज और बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर भाजपा के आक्रमक तेवर का जवाब उसी की भाषा में देने की रणनीति झामुमो और कांग्रेस ने बनाई है. दोनों दलों केंद्र के साथ साथ झारखंड में भी लंबे समय तक शासन करने वाली भाजपा को ही कटघरे में खड़ा करने की योजना बनाई है.
ये पाकुड़ है या पाकिस्तान ?
— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) July 18, 2024
चरम पर है घुसपैठियों का आंतक
दहशत में जी रहे 30 हिंदू परिवार... pic.twitter.com/akLDHCMaKi
इस रणनीति के तहत कांग्रेस और झामुमो के नेता बांग्लादेशी घुसपैठियों के देश में प्रवेश को मोदी सरकार और गृह मंत्रालय की विफलता बताएंगे. इसके साथ दोनों दलों नें भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर भी सीधा हमला करने की रणनिति बना रहे हैं. इतना ही नही असम की ओर भी से हो रहे घुसपैठ का मुद्दा उठाकर महागठबंधन के नेता राज्य की जनता को यह संदेश देने का काम करेंगे कि भाजपा सिर्फ राज्य का माहौल बिगाड़ने के लिए इसे मुद्दा बना रही है.
राज्य के अन्य इलाकों में डेमोग्राफिक चेंज को भी मुद्दा बनाकर भाजपा को घेरेगी कांग्रेस
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने साफ कर दिया है कि पार्टी सिर्फ संथाल ही नही बल्कि राजधानी रांची, बोकारो, जमशेदपुर और अन्य इलाकों में कम होती आदिवासियों की आबादी और उसके जिम्मेवार की पहचान का मुद्दा उठाकर भाजपा के चुनावी मुद्दे को कुंद करने की तैयारी कर ली है. बंधु तिर्की ने कहा कि बाबूलाल मरांडी और अन्य भाजपा नेता सिर्फ जामताड़ा, पाकुड़ और साहिबगंज की डेमोग्राफिक चेंज के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं. लेकिन इसके असली जिम्मेदार कौन हैं, बीएसएफ की जिम्मेदारी किसकी है, 10 साल से केंद्र में किसकी सरकार है, इसका जवाब भाजपा को देना चाहिए. पूर्व मंत्री ने रांची के कई इलाकों का जिक्र करते हुए कहा कि रांची का डेमोग्राफिक चेंज के लिए जिम्मेदार कौन है.
जब लोगों के पास दिखाने को कुछ काम नहीं होता - तो वे धर्म की आड़ ले कर आम जनों को गुमराह करते हैं।
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) July 18, 2024
यही हाल इनका है।
- आदिवासी मुख्यमंत्री को चुनाव जीतने के बाद बेइज्जत कर पद से हटा ख़ुद जनता के जनादेश के विरुद्ध कुर्सी पर बैठ गये। https://t.co/Ig0yJ4zB7l
केंद्र के पास घुसपैठ रोकने का पावर तो जिम्मेदार हम कैसे- झामुमो
वहीं संथाल के कई जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से हो रहे डेमोग्राफिक चेंज के लिए भाजपा की केंद्र सरकार को ही जिम्मेदार करार दिया है. झामुमो नेता मनोज पांडेय ने कहा कि सीमा सुरक्षा केंद्र का विषय हैं, ऐसे में घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी भाजपा की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की थी लेकिन वह घुसपैठ रोकने में असफल रही. भाजपा राज्य में सिर्फ धार्मिक उन्माद पैदा करने के लिए यह मुद्दा चुनाव के वक्त उठा रही है.
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