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पर्चा खारिज होते ही फूट-फूटकर रोने लगा निर्दलीय उम्मीदवार; घर-जेवर बेचकर लड़ रहा था चुनाव, 2 महीने से खाना भी नहीं खाया - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

जौनपुर लोकसभा सीट से दावेदारी पेश कर रहे निर्दलीय उम्मीदवार का पर्चा खारिज होते ही फूट-फूट कर रोने लगा. इसके साथ ही उसने धोखा देने वाले वकील और अधिकारियों को देख लेने की बात कही है.

निर्दलीय प्रत्याशी अमित सिंह.
निर्दलीय प्रत्याशी अमित सिंह. (Phtoto: Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 11:05 PM IST

कलेक्ट्रेट परिसर में रोते निर्दलीय प्रत्याशी अमित सिंह. (ETV BHARAT)

जौनपुर: लोकसभा चुनाव के दौरान अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. अब सबकुछ बेचकर चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया, जिससे वह फूट-फूट कर रोने लगा. जौनपुर लोकसभा उम्मीदवारों का नामाकंन का समय समाप्त होने के बाद मंगलवार की पर्चो का जांच हुई. जांच में जौनपुर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी अमित कुमार सिंह का पर्चा खारिज हो गया. पर्चा रद्द होते ही अमित सिंह कलेक्ट्रेट परिसर में फूट फूटकर रोने लगा. पर्चा खारिज होने का जिम्मेदार उसने अधिवक्ता और नामाकंन कराने वाले अधिकारियों को ठहराया है. इसके साथ ही कहा कि अब तांडव होगा, मैं किसी को नहीं छोड़ूंगा.


दरियावगंज गांव के निवासी अमित कुमार सिंह ने जौनपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए नामाकंन के अंतिम दिन यानी 6 मई को एक सेट में पर्चा दाखिल किया था. मंगलवार को नामाकंन पत्रों की जांच में उनके दस्तावेज में जमानत राशि का चलान न होने के कारण पर्चा निरस्त कर दिया. पर्चा खारिज होने के बाद अमित सिंह फूट फूटकर रो पड़े. उन्होने रोते हुए मीडिया को बताया कि 'मैने नामाकंन भरने के लिए बीते 30 अप्रैल को 25 हजार रुपये जमा किया था, जिसका चालान भी वकील को दिया था. वकील ने मेरे नामाकंन के साथ चालान नहीं लगाया. अमित सिंह ने कहा कि पर्चा लेते समय किसी अधिकारी ने नहीं बताया कि चालान नहीं लगाया गया है. यदि बताया होता तो मैं उसे लगा देता.

अमित ने कहा कि अधिवक्ता के कहने पर मैंने 25000 का ट्रेजरी जमा कर कर अपना नामांकन जौनपुर लोकसभा से किया था. लेकिन अधिवक्ता की लापरवाही से मेरे नामांकन में मूल प्रति ने नहीं लगाई गई, जिसके कारण हमारा नामांकन निरस्त कर दिया गया है. चुनाव लड़ने के लिए अपना घर बार सब कुछ बेच दिया था. अमित ने अपनी आवाज को पीएम मोदी और सीएम योगी तक पहुंचाने की बात कही है. वहीं डीएम कार्यालय में सीसीटीवी न लगे होने पर सवाल उठाया है. अमित ने कहा कि उसने चुनाव लड़ने के लिए 7 मार्च के बाद से खाना नहीं खाया है. मेरे 30 से 35 लाख रुपये बर्बाद हो गए.

इसे भी पढ़ें-भैंस पर सवार होकर का नामांकन करने निकले नेता जी; बीच रास्ते से गायब हो गए प्रस्तावक, अरमान रह गए अधूरे

कलेक्ट्रेट परिसर में रोते निर्दलीय प्रत्याशी अमित सिंह. (ETV BHARAT)

जौनपुर: लोकसभा चुनाव के दौरान अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. अब सबकुछ बेचकर चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया, जिससे वह फूट-फूट कर रोने लगा. जौनपुर लोकसभा उम्मीदवारों का नामाकंन का समय समाप्त होने के बाद मंगलवार की पर्चो का जांच हुई. जांच में जौनपुर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी अमित कुमार सिंह का पर्चा खारिज हो गया. पर्चा रद्द होते ही अमित सिंह कलेक्ट्रेट परिसर में फूट फूटकर रोने लगा. पर्चा खारिज होने का जिम्मेदार उसने अधिवक्ता और नामाकंन कराने वाले अधिकारियों को ठहराया है. इसके साथ ही कहा कि अब तांडव होगा, मैं किसी को नहीं छोड़ूंगा.


दरियावगंज गांव के निवासी अमित कुमार सिंह ने जौनपुर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए नामाकंन के अंतिम दिन यानी 6 मई को एक सेट में पर्चा दाखिल किया था. मंगलवार को नामाकंन पत्रों की जांच में उनके दस्तावेज में जमानत राशि का चलान न होने के कारण पर्चा निरस्त कर दिया. पर्चा खारिज होने के बाद अमित सिंह फूट फूटकर रो पड़े. उन्होने रोते हुए मीडिया को बताया कि 'मैने नामाकंन भरने के लिए बीते 30 अप्रैल को 25 हजार रुपये जमा किया था, जिसका चालान भी वकील को दिया था. वकील ने मेरे नामाकंन के साथ चालान नहीं लगाया. अमित सिंह ने कहा कि पर्चा लेते समय किसी अधिकारी ने नहीं बताया कि चालान नहीं लगाया गया है. यदि बताया होता तो मैं उसे लगा देता.

अमित ने कहा कि अधिवक्ता के कहने पर मैंने 25000 का ट्रेजरी जमा कर कर अपना नामांकन जौनपुर लोकसभा से किया था. लेकिन अधिवक्ता की लापरवाही से मेरे नामांकन में मूल प्रति ने नहीं लगाई गई, जिसके कारण हमारा नामांकन निरस्त कर दिया गया है. चुनाव लड़ने के लिए अपना घर बार सब कुछ बेच दिया था. अमित ने अपनी आवाज को पीएम मोदी और सीएम योगी तक पहुंचाने की बात कही है. वहीं डीएम कार्यालय में सीसीटीवी न लगे होने पर सवाल उठाया है. अमित ने कहा कि उसने चुनाव लड़ने के लिए 7 मार्च के बाद से खाना नहीं खाया है. मेरे 30 से 35 लाख रुपये बर्बाद हो गए.

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