नई दिल्ली: आयकर अपीलीय अधिकरण ने पिछले वर्षों के 'टैक्स रिटर्न' में विसंगतियों के लिए जुर्माना लगाने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की अपील को शुक्रवार को खारिज कर दिया. पार्टी ने कहा कि वह सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है और बहुत जल्द इसके खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेगी. सूत्रों ने बताया कि अधिकरण ने शुक्रवार को यहां आयकर विभाग द्वारा 210 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाए जाने के खिलाफ कांग्रेस की अपील खारिज कर दी.
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि पार्टी सभी कानूनी विकल्प तलाश रही है और बहुत जल्द उच्च न्यायालय का रुख करेगी. माकन ने कहा कि 'भाजपा सरकार ने जानबूझकर यह समय चुना जब आम चुनाव होने हैं.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कोष पर रोक लगाने का आदेश लोकतंत्र पर हमला है, क्योंकि यह लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आया है.
उनका कहना था कि 'ऐसी स्थिति में कोई निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद कैसे कर सकता है, जब आयकर अधिकारियों ने कांग्रेस पार्टी के खातों से 270 करोड़ रुपये की धनराशि जब्त कर ली है या निकाल ली है.' आदेश की पुष्टि करते हुए कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेक तन्खा ने कहा कि अधिकरण ने इस संबंध में पिछले उदाहरणों का भी अनुसरण नहीं किया है और पार्टी जल्द ही उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी.
तन्खा ने कहा कि 'हम आयकर अपीलीय अधिकरण के आदेश से निराश हैं. हम जल्द ही उच्च न्यायालय का रुख करेंगे. उन्होंने 20 प्रतिशत जुर्माने के भुगतान पर राहत देने में अपने पिछली परिपाटियों का पालन नहीं किया और वह भी एक राष्ट्रीय पार्टी के संदर्भ में जोकि लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है.'
आयकर विभाग ने पिछले दिनों 210 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रमुख खाते फ्रीज कर दिए थे. हालांकि बाद में आयकर अपीलीय अधिकरण ने अगली सुनवाई होने तक खातों पर रोक हटा दी थी. इस मामले में तन्खा ने बतौर अधिवक्ता कांग्रेस की पैरवी की.
कांग्रेस ने पिछले महीने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर 'आर्थिक आतंकवाद' शुरू करने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि उसके खातों से 65 करोड़ रुपये से अधिक की राशि 'डाका डालकर' निकाल ली गई, ताकि लोकसभा चुनाव से पहले उसे आर्थिक रूप से अपंग बनाया जा सके.