नई दिल्ली: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार को 17 से 20 अप्रैल के दौरान ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तरी कोंकण, कच्छ-सौराष्ट्र और तटीय आंध्र प्रदेश, यनम और तेलंगाना में लू की भविष्यवाणी जारी की है.
पश्चिमी विक्षोभ के कारण, आईएमडी ने 18-21 अप्रैल, 2024 के दौरान जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में गरज, बिजली और तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की आशंका जताई है.
मौसम विभाग ने यह भी अनुमान लगाया है कि 18-20 अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश में गरज, बिजली और तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ छिटपुट बारिश होने की संभावना है. वहीं, 19 और 21 को पूर्वी राजस्थान और 18, 19 और 21 अप्रैल को पश्चिमी राजस्थान में भी हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है.
इसके अलावा IMD के द्वारा बुधवार को अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय में भी भारी बारिश की आशंका जताई गई है. इसमें कहा गया है कि असन, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में बिजली, गरज के साथ व्यापक रूप से मध्यम वर्षा हो सकती है.
मध्य भारत में आज अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की मामूली वृद्धि होगी और उसके बाद कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं होगा. यही पैटर्न 19 अप्रैल तक महाराष्ट्र और पूर्वी भारत में भी दिखने की संभावना है. आईएमडी द्वारा शेष भारत के लिए अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण संशोधन की चेतावनी नहीं दी गई है.
वहीं, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को कहा कि भारत में 2024 में औसत से अधिक मानसूनी बारिश होने की संभावना है. 2024 में मानसूनी बारिश दीर्घकालिक औसत की 106 फीसदी रहने का अनुमान है. आईएमडी ने कहा कि इस साल भारत में सामान्य से अधिक मॉनसून देखने की संभावना है और संचयी वर्षा 87 सेमी की लंबी अवधि के औसत का 106 प्रतिशत होने का अनुमान है.
आईएमडी के डीजीएम मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अल नीनो कमजोर हो रहा है, मानसून आने तक यह तटस्थ चरण में प्रवेश कर जाएगा. इस वर्ष मानसून सीजन के दूसरे भाग के दौरान ला नीना मौसम की स्थिति विकसित होती देखी जा रही है. आईएमडी ने कहा कि भारत में अच्छे मानसून से जुड़ी ला नीना की स्थिति अगस्त, सितंबर तक बनने की संभावना है.
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