रायपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के रायपुर दफ्तर का उदघाटन किया. अमित शाह ने कहा कि ''नशे के नेटवर्क के खिलाफ भारत लंबे वक्त से लड़ाई लड़ रहा है''. शाह ने कहा कि ''मादक पदार्थों के खिलाफ चल रही लड़ाई अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है. नशे के खिलाफ चल रही लड़ाई अब वैश्विक मुद्दा बन चुकी है. अब ये किसी एक देश की लड़ाई नहीं है. दुनिया के कई देश इस समस्या से जूझ रहे हैं. सभी को मिलकर इसके खिलाफ आगे बढ़ना होगा.'' शाह ने कहा कि ''अब रणनीति बनाकर इससे लड़ने की जरुरत है''.
'नशे के नेटवर्क के खिलाफ रणनीति बनाकर लड़ना होगा': केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि ''अवैध मादक पदार्थों का व्यापार न केवल भारत के लिए एक चुनौती है, बल्कि एक वैश्विक मुद्दा भी है. अगर सभी देश मिलकर इसके खिलाफ रणनीति के साथ लड़ें तो इस खतरे से निपटना आसान होगा.'' शाह ने ये भी कहा कि ''अवैध मादक पदार्थों के व्यापार से अर्जित धन का उपयोग आतंकवाद और नक्सलवाद फैलाने और देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने जैसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए भी किया जाता है.''
"मेरा मानना है कि समृद्ध, सुरक्षित और गौरवशाली भारत बनाने के लिए नशा मुक्त भारत का संकल्प बहुत महत्वपूर्ण है." नशीली दवाओं का व्यापार न केवल भारत के लिए एक चुनौती है, बल्कि एक वैश्विक मुद्दा भी है. यह लड़ाई ऐसे मोड़ पर है कि अगर हम दृढ़ संकल्प और रणनीति के साथ आगे बढ़ें तो हम इस लड़ाई को जीत सकते हैं. कई देश इसके खिलाफ अपनी लड़ाई हार चुके हैं. भारत में नशीले पदार्थों की समस्या सिर्फ अवैध दवाओं की समस्या नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ी है.'' - अमित शाह, केंद्रीय गृहमत्री
अमित शाह का चार सूत्र अपनाने पर जोर: मादक पदार्थों से होने वाले नुकसान और उसे खत्म करने पर अमित शाह ने जोर देते हुए कि ''हमें मादक पदार्थों की पहचान, नेटवर्क को नष्ट करने, अपराधियों को हिरासत में लेने और नशेड़ी पुनर्वास के चार सूत्रों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर देना होगा''.
युवाओं को बर्बाद करने के अलावा, व्यापार के माध्यम से अर्जित धन का उपयोग आतंकवाद और नक्सलवाद फैलाने और देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने जैसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए भी किया जाता है. जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ देश को नशा मुक्त बनाना भी हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है. - अमित शाह, केंद्रीय गृहमत्री
छत्तीसगढ़ में नशीले पदार्थों के इस्तेमाल पर जताई चिंता: शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नशीले पदार्थों के इस्तेमाल का प्रतिशत 1.45 है जो राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. छत्तीसगढ़ में गांजे का इस्तेमाल 4.98 फीसदी है जो राष्ट्रीय औसत 2.83 फीसदी से ज्यादा है और यह चिंता का विषय है. छत्तीसगढ़ की सीमा ओडिशा और आंध्र प्रदेश सहित सात राज्यों से लगती है, जहां से नशीले पदार्थों की तस्करी होती है. छत्तीसगढ़ बंगाल की खाड़ी के करीब है और ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश के तटीय संपर्क से मादक पदार्थों के व्यापार का मार्ग बनता है.
''मादक पदार्थों के तस्कर अपना रुख बदल रहे हैं और प्राकृतिक दवाओं से सिंथेटिक दवाओं की ओर जा रहे हैं, जो अधिकतम नुकसान पहुंचाती हैं. अगर किसी छोटी दुकान में मादक पदार्थों का एक पैकेट मिलता है, तो हमें जांच करनी होगी कि यह कहां से आया और कहां बनाया गया. इस पूरी व्यवस्था की पृष्ठभूमि को खत्म करने के लिए हमें वैज्ञानिक तरीके से जांच करने की आदत डालनी होगी. हमें ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर का दृष्टिकोण अपनाना होगा'' - अमित शाह, केंद्रीय गृहमत्री
'तस्करी में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ड्रोन की मदद ली जा रही': केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने नशीली दवाओं की पहचान की रणनीति को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि ''ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें नशीले पदार्थों के कारोबार में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, ड्रोन के जरिए डिलीवरी और टेलीहेल्थ सेवाओं का इस्तेमाल किया गया. पिछले 10 वर्षों में एनसीबी के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है और नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई मजबूत हुई है.''