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IIT मद्रास के प्रोफेसर को अंतरराष्ट्रीय कंस्ट्रक्शन मैटेरियल बॉडी ने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा - Professor Ravindra Gettu - PROFESSOR RAVINDRA GETTU

IIT Madras: आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर रवींद्र गेट्टू को RILEM के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया है. उनको कोविड-19 महामारी के दौरान वैज्ञानिक सहयोग जारी रखने में सहायता करने वाले बदलावों में RILEM का नेतृत्व करने का क्रेडिट दिया जाता है.

प्रोफेसर रवींद्र गेट्टू
प्रोफेसर रवींद्र गेट्टू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 25, 2024, 4:51 PM IST

चेन्नई: इंडियन इंस्टिटियूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास के प्रोफेसर रवींद्र गेट्टू को इंटरनेशमल यूनियन ऑफ लोबोरेटरीज एंड एक्सपर्ट इन कंस्ट्रक्शन मैटेरियल, सिस्टम एंड स्ट्रक्चर (RILEM) की सर्वोच्च मान्यता मानद सदस्य से सम्मानित किया गया है. प्रोफेसर गेट्टू RILEMकी तकनीकी गतिविधियों समिति के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष भी रहे हैं.

आईआईटी मद्रास में इंडस्ट्रियल कंसलटेंसी और स्पांसर रिसर्च के पूर्व डीन, प्रोफेसर गेट्टू ने 1984 में मद्रास विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में बीई (ऑनर्स) की डिग्री के साथ गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर से स्नातक किया.

नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से पीएचडी
इसके बाद उन्होंने यूएसए में अध्ययन किया और मार्क्वेट यूनिवर्सिटी, मिल्वौकी से सिविल इंजीनियरिंग में एम एस की डिग्री और इवानस्टन की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की.

वर्तमान में प्रोफेसर गेट्टू आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में वीएस राजू चेयर प्रोफेसर हैं और उन्होंने भारत में फाइबर प्रबलित कंक्रीट (FRC) के प्रौद्योगिकी विकास और कार्यान्वयन का नेतृत्व किया है.

कई परियोजनाओं पर कर रहे हैं काम
तकनीकी कार्यान्वयन पर गहन ध्यान देने के साथ प्रोफेसर गेट्टू वर्तमान में विविध परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, जिनमें कपड़ा-रीइनफोर्स कंक्रीट और निर्माण की स्थिरता का आकलन आदि शामिल हैं. उनके शोध में कंक्रीट और चट्टान की फ्रैक्चर मैकेनिक्स, सीमेंट-बेस्ड मैटेरियल का नॉन लीनियर बिहेवियर, हाई स्ट्रेंथ, फाइबर रीइन्फोर्स और सेल्फ कॉम्पैक्टिंग कंक्रीट, स्थिरता और रासायनिक मिश्रणों का प्रभावी उपयोग शामिल हैं.

RILEM के प्रति आभार व्यक्त किया
इस बीच सम्मान के लिए RILEM के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, प्रो. गेट्टू ने टिप्पणी की कि उन्हें बढ़ते वैश्विक पदचिह्न और दायरे के दौर में निर्माण सामग्री में शोधकर्ताओं के दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संगठन का नेतृत्व करने का अद्भुत अवसर मिला है.

अपने कार्यकाल पर प्रकाश डालते हुए प्रोफेसर गेट्टू ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया और ऑनलाइन मीटिंग्स पर बेस्ड कम्युनिकेशन और बातचीत में परिवर्तन देखा, विशेष रूप से महामारी के दौरान, जिसने दुनिया के दूरदराज के हिस्सों तक पहुंचने के लिए दरवाजे खोले और रिसर्चर्स को अपनी राय व्यक्त करने और अपनी जांच का प्रदर्शन करने का मौका दिया.

प्रो रवींद्र गेट्टू को बधाई देते हुए आईआईटी मद्रास के डीन और आरआईएलईएम के एक सक्रिय सदस्य प्रो मनु संथानम ने कहा, " प्रोफेसर गेट्टू के अध्यक्ष बनने के बाद आरआईएलईएम को वास्तव में अधिक अंतरराष्ट्रीय फ्लेवर मिला और उनके कार्यकाल में आरआईएलईएम युवा परिषद की स्थापना और ऑनलाइन वर्कशॉप सीरीज जैसी कई पहली चीजें शामिल थीं. कोविड महामारी के कठिन दौर में इस संगठन का उनका उत्कृष्ट नेतृत्व क्वालिटी रिसर्च और सहयोग को बनाए रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है."

यह भी पढ़ें- तमिलनाडु में भीषण सड़क हादसा, 6 लोगों की मौत, 14 घायल, मंदिर से दर्शन करके लौट रहे थे

चेन्नई: इंडियन इंस्टिटियूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मद्रास के प्रोफेसर रवींद्र गेट्टू को इंटरनेशमल यूनियन ऑफ लोबोरेटरीज एंड एक्सपर्ट इन कंस्ट्रक्शन मैटेरियल, सिस्टम एंड स्ट्रक्चर (RILEM) की सर्वोच्च मान्यता मानद सदस्य से सम्मानित किया गया है. प्रोफेसर गेट्टू RILEMकी तकनीकी गतिविधियों समिति के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष भी रहे हैं.

आईआईटी मद्रास में इंडस्ट्रियल कंसलटेंसी और स्पांसर रिसर्च के पूर्व डीन, प्रोफेसर गेट्टू ने 1984 में मद्रास विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में बीई (ऑनर्स) की डिग्री के साथ गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर से स्नातक किया.

नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से पीएचडी
इसके बाद उन्होंने यूएसए में अध्ययन किया और मार्क्वेट यूनिवर्सिटी, मिल्वौकी से सिविल इंजीनियरिंग में एम एस की डिग्री और इवानस्टन की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की.

वर्तमान में प्रोफेसर गेट्टू आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में वीएस राजू चेयर प्रोफेसर हैं और उन्होंने भारत में फाइबर प्रबलित कंक्रीट (FRC) के प्रौद्योगिकी विकास और कार्यान्वयन का नेतृत्व किया है.

कई परियोजनाओं पर कर रहे हैं काम
तकनीकी कार्यान्वयन पर गहन ध्यान देने के साथ प्रोफेसर गेट्टू वर्तमान में विविध परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, जिनमें कपड़ा-रीइनफोर्स कंक्रीट और निर्माण की स्थिरता का आकलन आदि शामिल हैं. उनके शोध में कंक्रीट और चट्टान की फ्रैक्चर मैकेनिक्स, सीमेंट-बेस्ड मैटेरियल का नॉन लीनियर बिहेवियर, हाई स्ट्रेंथ, फाइबर रीइन्फोर्स और सेल्फ कॉम्पैक्टिंग कंक्रीट, स्थिरता और रासायनिक मिश्रणों का प्रभावी उपयोग शामिल हैं.

RILEM के प्रति आभार व्यक्त किया
इस बीच सम्मान के लिए RILEM के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, प्रो. गेट्टू ने टिप्पणी की कि उन्हें बढ़ते वैश्विक पदचिह्न और दायरे के दौर में निर्माण सामग्री में शोधकर्ताओं के दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संगठन का नेतृत्व करने का अद्भुत अवसर मिला है.

अपने कार्यकाल पर प्रकाश डालते हुए प्रोफेसर गेट्टू ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया और ऑनलाइन मीटिंग्स पर बेस्ड कम्युनिकेशन और बातचीत में परिवर्तन देखा, विशेष रूप से महामारी के दौरान, जिसने दुनिया के दूरदराज के हिस्सों तक पहुंचने के लिए दरवाजे खोले और रिसर्चर्स को अपनी राय व्यक्त करने और अपनी जांच का प्रदर्शन करने का मौका दिया.

प्रो रवींद्र गेट्टू को बधाई देते हुए आईआईटी मद्रास के डीन और आरआईएलईएम के एक सक्रिय सदस्य प्रो मनु संथानम ने कहा, " प्रोफेसर गेट्टू के अध्यक्ष बनने के बाद आरआईएलईएम को वास्तव में अधिक अंतरराष्ट्रीय फ्लेवर मिला और उनके कार्यकाल में आरआईएलईएम युवा परिषद की स्थापना और ऑनलाइन वर्कशॉप सीरीज जैसी कई पहली चीजें शामिल थीं. कोविड महामारी के कठिन दौर में इस संगठन का उनका उत्कृष्ट नेतृत्व क्वालिटी रिसर्च और सहयोग को बनाए रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है."

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