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इफको ने भारत में नैनो-फर्टिलाइजर को बढ़ावा देने के लिए महा अभियान शुरू किया - IFFCO Mahaabhiyan

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 2, 2024, 10:29 PM IST

IFFCO Mahaabhiyan: 200 मॉडल नैनो विलेज क्लस्टर के माध्यम से 800 गांवों के किसानों को नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी और सागरिका के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए इफको की तरफ से अनुदान दिया जाएगा৷ 2.45 लाख एकड़ क्षेत्र में ड्रोन से छिड़काव के लिए 15 संस्थानों से अनुबंध किया गया है. इस विषय पर ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

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प्रतीकात्मक तस्वीर (ANI)

नई दिल्ली: नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) ने हरियाणा में 200 मॉडल नैनो ग्राम समूहों का चयन करके नैनो उर्वरक उपयोग प्रोत्साहन महाअभियान शुरू किया है. एक अधिकारी ने बताया कि क्लस्टर के माध्यम से हरियाणा के 800 गांवों के किसानों को इफको की तरफ से नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी और सागरिका की कीमत (एमआरपी) पर 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है ताकि किसान अपने खेतों में नैनो उर्वरकों का अधिक से अधिक उपयोग कर सकें. इसके साथ ही इफको ड्रोन उद्यमी को प्रति एकड़ 100 रुपये का अनुदान देगी ताकि किसानों को कम दरों पर छिड़काव की सुविधा मिल सके. इन मॉडल नैनो गांवों में फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि के बारे में किसानों को जागरूक किया जाएगा.

अधिकारी ने कहा कि, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि में नैनो उर्वरकों का उपयोग बढ़ाने के लिए 100 दिनों की कार्ययोजना शुरू की है. जिसके तहत 413 जिलों में नैनो डीएपी (तरल) के 1270 प्रदर्शन और 100 जिलों में नैनो यूरिया प्लस (तरल) के 200 परीक्षण किए जाएंगे. इन परीक्षणों में कृषि विज्ञान केंद्र, राज्य कृषि विश्वविद्यालय और अन्य अनुसंधान संस्थानों की मदद ली जाएगी और भारत सरकार द्वारा निगरानी की जाएगी. इफको द्वारा सहकारी समिति एवं अन्य विक्रय केन्द्रों को नैनो उर्वरक उपलब्ध कराया जाएगा. इफको किसानों को नैनो उर्वरकों के छिड़काव के लिए 2500 कृषि ड्रोन उपलब्ध करा रही है, जिसके लिए 300 'नमो ड्रोन दीदी' और ड्रोन उद्यमियों को तैयार किया गया है.

इसके अलावा अन्य प्रकार के स्प्रेयर भी उपलब्ध कराए गए हैं जिनके माध्यम से किसान अपने खेतों में नैनो उर्वरकों का छिड़काव आसानी से कर सकेंगे।.245 लाख एकड़ क्षेत्र में ड्रोन से छिड़काव करने के लिए 15 संस्थाओं से अनुबंध किया गया है, जो किसानों के खेतों में छिड़काव करेंगे। प्रत्येक स्प्रे पर प्रति एकड़ 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी.

अगस्त 2021 से 26 जून 2024 तक इफको द्वारा उत्पादित कुल 7৷55 करोड़ नैनो यूरिया और 0৷69 करोड़ नैनो डीएपी बोतलों का उपयोग किसानों द्वारा किया गया है. किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए इफको ने वर्ष 2024-25 में 4 करोड़ नैनो यूरिया प्लस और 2 करोड़ नैनो डीएपी बोतलों के उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इसी क्रम में अप्रैल 2024 से इफको ने किसानों को उच्च सांद्रता का नैनो यूरिया प्लस (तरल) 20 प्रतिशत w/v N उपलब्ध कराया है, जिससे गुणवत्तापूर्ण फसल उत्पादकता बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी.

अधिकारी ने आगे कहा कि, इस अभियान के तहत इफको ने देश के सभी जिलों में प्रचार-प्रसार, फील्ड टेस्टिंग, सहकारी समितियों के सचिवों के प्रशिक्षण आदि की भी योजना बनाई है। इस योजना को लागू करने में उर्वरक मंत्रालय भी सहयोग करेगा ताकि खेतों में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके. इस मेगा अभियान के तहत, नैनो उर्वरकों की 6 करोड़ बोतलें उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है, जिसे इफको और अन्य सहकारी समितियों की 36000 सदस्य सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित किया जाएगा,

अगस्त 2021 में, इफको ने नैनोटेक्नोलॉजी पर आधारित दुनिया का पहला स्वदेशी नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन किया, जिससे पूरी दुनिया को पारंपरिक यूरिया का एक बढ़िया विकल्प मिला. मार्च 2023 में, इफको ने डीएपी उर्वरक के उपयोग को कम करने के लिए किसानों को नैनो डीएपी (तरल) भी उपलब्ध कराया. दुनिया भर में पर्यावरण असंतुलन की गंभीर समस्या को देखते हुए खेती में पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करके नैनो उर्वरकों की आवश्यकता है. परिणामस्वरूप, पर्यावरण संरक्षण के साथ 'आत्मनिर्भर कृषि' और 'आत्मनिर्भर भारत' की अवधारणा को साकार करके देश को आर्थिक और वैश्विक स्तर पर मजबूत किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: रामधारी सिंह दिवाकर को मिला IFFCO साहित्य सम्मान

नई दिल्ली: नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) ने हरियाणा में 200 मॉडल नैनो ग्राम समूहों का चयन करके नैनो उर्वरक उपयोग प्रोत्साहन महाअभियान शुरू किया है. एक अधिकारी ने बताया कि क्लस्टर के माध्यम से हरियाणा के 800 गांवों के किसानों को इफको की तरफ से नैनो यूरिया प्लस, नैनो डीएपी और सागरिका की कीमत (एमआरपी) पर 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है ताकि किसान अपने खेतों में नैनो उर्वरकों का अधिक से अधिक उपयोग कर सकें. इसके साथ ही इफको ड्रोन उद्यमी को प्रति एकड़ 100 रुपये का अनुदान देगी ताकि किसानों को कम दरों पर छिड़काव की सुविधा मिल सके. इन मॉडल नैनो गांवों में फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि के बारे में किसानों को जागरूक किया जाएगा.

अधिकारी ने कहा कि, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि में नैनो उर्वरकों का उपयोग बढ़ाने के लिए 100 दिनों की कार्ययोजना शुरू की है. जिसके तहत 413 जिलों में नैनो डीएपी (तरल) के 1270 प्रदर्शन और 100 जिलों में नैनो यूरिया प्लस (तरल) के 200 परीक्षण किए जाएंगे. इन परीक्षणों में कृषि विज्ञान केंद्र, राज्य कृषि विश्वविद्यालय और अन्य अनुसंधान संस्थानों की मदद ली जाएगी और भारत सरकार द्वारा निगरानी की जाएगी. इफको द्वारा सहकारी समिति एवं अन्य विक्रय केन्द्रों को नैनो उर्वरक उपलब्ध कराया जाएगा. इफको किसानों को नैनो उर्वरकों के छिड़काव के लिए 2500 कृषि ड्रोन उपलब्ध करा रही है, जिसके लिए 300 'नमो ड्रोन दीदी' और ड्रोन उद्यमियों को तैयार किया गया है.

इसके अलावा अन्य प्रकार के स्प्रेयर भी उपलब्ध कराए गए हैं जिनके माध्यम से किसान अपने खेतों में नैनो उर्वरकों का छिड़काव आसानी से कर सकेंगे।.245 लाख एकड़ क्षेत्र में ड्रोन से छिड़काव करने के लिए 15 संस्थाओं से अनुबंध किया गया है, जो किसानों के खेतों में छिड़काव करेंगे। प्रत्येक स्प्रे पर प्रति एकड़ 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी.

अगस्त 2021 से 26 जून 2024 तक इफको द्वारा उत्पादित कुल 7৷55 करोड़ नैनो यूरिया और 0৷69 करोड़ नैनो डीएपी बोतलों का उपयोग किसानों द्वारा किया गया है. किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए इफको ने वर्ष 2024-25 में 4 करोड़ नैनो यूरिया प्लस और 2 करोड़ नैनो डीएपी बोतलों के उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इसी क्रम में अप्रैल 2024 से इफको ने किसानों को उच्च सांद्रता का नैनो यूरिया प्लस (तरल) 20 प्रतिशत w/v N उपलब्ध कराया है, जिससे गुणवत्तापूर्ण फसल उत्पादकता बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी.

अधिकारी ने आगे कहा कि, इस अभियान के तहत इफको ने देश के सभी जिलों में प्रचार-प्रसार, फील्ड टेस्टिंग, सहकारी समितियों के सचिवों के प्रशिक्षण आदि की भी योजना बनाई है। इस योजना को लागू करने में उर्वरक मंत्रालय भी सहयोग करेगा ताकि खेतों में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके. इस मेगा अभियान के तहत, नैनो उर्वरकों की 6 करोड़ बोतलें उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है, जिसे इफको और अन्य सहकारी समितियों की 36000 सदस्य सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित किया जाएगा,

अगस्त 2021 में, इफको ने नैनोटेक्नोलॉजी पर आधारित दुनिया का पहला स्वदेशी नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन किया, जिससे पूरी दुनिया को पारंपरिक यूरिया का एक बढ़िया विकल्प मिला. मार्च 2023 में, इफको ने डीएपी उर्वरक के उपयोग को कम करने के लिए किसानों को नैनो डीएपी (तरल) भी उपलब्ध कराया. दुनिया भर में पर्यावरण असंतुलन की गंभीर समस्या को देखते हुए खेती में पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करके नैनो उर्वरकों की आवश्यकता है. परिणामस्वरूप, पर्यावरण संरक्षण के साथ 'आत्मनिर्भर कृषि' और 'आत्मनिर्भर भारत' की अवधारणा को साकार करके देश को आर्थिक और वैश्विक स्तर पर मजबूत किया जा सकता है.

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