नई दिल्ली: हाल ही में उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़िए ने जमकर आतंक मचाया और गांव के लोगों और बच्चों पर हमले किए. जुलाई से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में भेड़िए ने 11 लोगों की जान ले ली है. वहीं, दूसरी तरफ राजस्थान में तेंदुए ने भी आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की जान ले ली.
आम तौर पर प्राकृतिक आपदा में किसी भी शख्स की मौत होने पर सराकर मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाता है. ऐसे में सवाल है कि भेड़िए और तेंदुए के हमले में हताहात हुए लोगों के परिजनों को कितना सरकार की ओर से क्या सहायता मिलती है.
बता दें भेड़िया और तेंदुए जैसे जंगली जानवरों के हमले में अगर किसी शख्स की मौत हो जाती है तो सरकार की ओर से मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाता है. हालांकि हर राज्य की सरकार ऐसे मामलों में अलग-अलग मुआवजा देती हैं. साथ ही इसको लेकर सरकार ने कुछ नियम भी बनाए गए हैं.
कितना मुआवजा देती है केंद्र सरकार?
5 फरवरी 2024 को जारी मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज की प्रेस रिलीज के मुताबिक केंद्र सरकार जंगली जानवरों के हमलों में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देती है, जबकि गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख और मामूली रूप से घायलों को इलाज के लिए 25 हजार रूपये मुआवजे के रूप में देती है.
कितना मुआवजा देती है यूपी सरकार?
अगर बात करें उत्तर प्रदेश सरकार की तो राज्य में में किसी जंगली जानवर के हमले में अगर किसी इंसान की मौत हो जाती है. तो सरकार मृतक व्यक्ति के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा देती है. वहीं, यूपी सरकार जंगली जानवर के हमले में स्थाई तौर पर दिव्यांग होने पर सरकार 4 लाख रुपये, आंशिक अपंगता पर 1 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल होने पर भी 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद देती है.
बिहार में कितना मिलता है मुआवजा?
बिहार सरकार की ओर से ऐसे मामलों में 10 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाते हैं. वहीं, गंभीर रूप से घायल होने पर 1.44 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल शख्स को 24 हजार रुपये की सहायता राशि मिलती है. बता दें कि बिहार सरकार यह मुआवजा तेंदुआ, बाघ, भालू, हाथी, लकड़बग्घा, जंगली सूअ,र भेड़िया, सियार, गैंडा, जंगली कुत्ता और मगरमच्छ जैसे जानवरों के हमलों में हताहत हुए लोगों को ही देती है.
क्या है मुआवजे के नियम?
हालांकि, सरकार उन्हें जानवरों के हमलों में मारे गए लोगों को मुआवजा देती है, जो सरकार द्वारा तैयार की गई जंगली जानवरों की सूची में आते हैं. अगर कोई ऐसा जानवर किसी शख्स की जान ले ले, जो इस लिस्ट में न हो तो उसके परिवार वालों को सरकार की ओर मुआवजा नहीं मिलता.
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