मुंबई : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए विकलांगता प्रमाणपत्र में जालसाजी करने के आरोपों की जांच के बीच प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मंगलवार को महाराष्ट्र में ट्रेनिंग रोक दी गई. उन्हें 23 जुलाई तक मसूरी लौटने का आदेश दिया गया है. महाराष्ट्र सरकार ने प्रमाणपत्र विवाद में फंसीं आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से भी मुक्त कर दिया है.
Maharashtra: Trainee IAS officer Puja Khedkar relieved from District Training Program of State Government of Maharashtra.
— ANI (@ANI) July 16, 2024
The letter from Nitin Gadre, Additional Chief Secretary (P) reads, " ...lbsnaa, mussoorie has decided to keep your district training program on hold and… pic.twitter.com/IHXw8ZOhmw
महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव (पी) नितिन गद्रे ने मंगलवार को पूजा खेडकर को लिखे एक पत्र में कहा कि उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) ने आपके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित रखने और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का फैसला किया है.
पूजा खेडकर पर पद के दुरुपयोग के साथ विकलांगता और ओबीसी प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है. दावा किया गया है कि खेडकर ने कथित तौर पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र जमा किए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने मानसिक बीमारी का प्रमाणपत्र भी जमा किया था. अप्रैल 2022 में, पूजा को अपने विकलांगता प्रमाणपत्र के सत्यापन के लिए दिल्ली एम्स में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन कोविड-19 संक्रमण का हवाला देते हुए वह सत्यापन में शामिल नहीं हुईं.
रिपोर्ट के मुताबिक खेडकर अपनी विकलांगता की प्रमाणिकता के लिए अनिवार्य चिकित्सा परीक्षण में उपस्थित होने में विफल रही हैं, जबकि वह 'बेंचमार्क विकलांग व्यक्ति (PwBD)' श्रेणी में आईएएस बनी हैं.
समिति गठित करने के बाद हुई कार्रवाई
पूजा पर यह कार्रवाई केंद्र सरकार द्वारा उनकी उम्मीदवारी से जुड़े दावों और विवरणों की जांच करने के लिए एक सदस्यीय समिति गठित करने के बाद की गई है. कार्मिक मंत्रालय ने 13 जुलाई को कहा था कि अतिरिक्त सचिव स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अतिरिक्त सचिव मनोज द्विवेदी की समिति इस बात की जांच करेगा कि पूजा ने अपनी विकलांगता और ओबीसी के प्रमाणपत्र कैसे प्राप्त किए और क्या सिर्फिकेट जारी करने वाले प्राधिकारी द्वारा उचित जांच की गई थी.
वहीं, इस मामले पर महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि इस मामले में सरकार द्वारा एक समिति बनाई गई है जिसमें विवाद के पक्षकार भी अपने बयान देंगे और जिन पर आरोप लगे हैं वे भी अपनी गवाही देंगे. समिति का निर्णय सभी को स्वीकार्य होगा.
यह भी पढ़ें- खत्म नहीं हो रहा IAS पूजा खेडकर का फर्जीवाड़ा...अब मेडिकल सर्टिफिकेट पर उठे सवाल, डॉक्टरों की भी होगी जांच