पुणे: प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के माता-पिता फरार बताए जा रहे हैं. पुणे ग्रामीण पुलिस ने सोमवार को कहा कि पूजा की मां मनोरमा खेडकर और पिता दिलीप खेडकर के खिलाफ एक किसान को कथित तौर पर धमकाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिसके बाद से आरोपी घर से गायब हैं और दोनों ने अपने फोन भी बंद कर लिए हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एसपी (पुणे ग्रामीण) पंकज देशमुख ने कहा, दोनों आरोपी भाग गए हैं. हम उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि उनके फोन बंद हैं. पुलिस टीम उनके घर भी गई थी, लेकिन वे वहां नहीं मिले. देशमुख ने कहा कि पुलिस की टीमें खेडकर के माता-पिता की तलाश कर रही हैं.
Maharashtra: On FIR filed against trainee IAS officer Pooja Khedkar's parents for allegedly threatening a local farmer, Pune Rural SP Pankaj Deshmukh says, " the accused are on the run, we are trying to contact them but they are not reachable as their phones are switched off. we… pic.twitter.com/K5wiHS3Woh
— ANI (@ANI) July 15, 2024
एसपी ने कहा कि स्थानीय अपराध शाखा और स्थानीय पुलिस थानों के अधिकारियों सहित कई टीमें पुणे और आसपास के स्थानों पर कुछ फार्महाउस और आवासों पर उनकी तलाश कर रही हैं. जब वे मिल जाएंगे, तो हम उनसे पूछताछ करेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे.
किसानों को धमकाने का वीडियो हुआ था वायरल
पुणे पुलिस ने एक स्थानीय किसान की शिकायत के आधार पर सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें मनोरमा और दिलीप खेडकर के नाम भी शामिल हैं. किसान का आरोप है कि प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा की मां मनोरमा खेडकर ने उसे धमकाया है. हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में मनोरमा खेडकर को बंदूक लहराते और ग्रामीणों को धमकाते हुए देखा गया था.
पुलिस के अनुसार, यह वीडियो जून 2023 में रिकॉर्ड किया गया था. जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और आर्म्स एक्ट की धारा 3 (25) के तहत मामला दर्ज किया गया.
पूजा खेडकर ने दो विकलांगता प्रमाण पत्र होने के बावजूद तीसरे के लिए दिया आवेदन:
प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पता चला है कि उनके पास पहले से दो विकलांगता प्रमाण पत्र होने के बाद भी उन्होंने तीसरे विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया. ऑडी कार में लाल बत्ती लगाकर घूमने और सरकारी सुविधाओं की अत्यधिक मांग करने वाली प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर दिन-ब-दिन मुश्किलों में घिरती जा रही हैं. इसी तरह पूजा खेडकर का एक और कारनामा सामने आया. पता चला कि उन्होंने दो विकलांगता प्रमाण पत्र होने के बाद तीसरे विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए पहले ही आवेदन कर दिया था. उन्होंने 22 अगस्त 2022 को पुणे के औंध जिला अस्पताल में आवेदन दिया था.
हालांकि अस्पताल प्रशासन ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया. इस बीच, पूजा खेडकर ने तीसरी बार आवेदन क्यों किया, जबकि उनके पास दो प्रमाण पत्र थे? ऐसा सवाल फिलहाल उठ रहा है. बताया गया है कि पूजा खेडकर को अहमदनगर के जिला सरकारी अस्पताल से विकलांगता प्रमाण पत्र दिया गया है. रिकॉर्ड जांच में यह बात सामने आई है और जानकारी सामने आई है कि जिला सरकारी अस्पताल ने 2018 में दृष्टिबाधित और 2020 में मानसिक रूप से बीमार होने का प्रमाण पत्र जारी किया था.
मीडिया ट्रायल के जरिए मुझे दोषी साबित करना गलत है: पूजा खेडकर
विवादों में उलझी अधिकारी पूजा खेडकर ने कहा कि मीडिया ट्रायल के जरिए उन्हें दोषी साबित करना पूरी तरह गलत है. पत्रकारों से बात करते हुए पूजा खेडकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि जो कुछ भी हो रहा है, उसे हर कोई देख सकता है. जैसा कि मैंने कहा, मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहती, क्योंकि मैं मीडिया और आम जनता में बहुत विश्वास करती हूं. सभी के पास इतनी समझ है और हर कोई जानता है कि क्या हो रहा है. इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकती. हमारा भारतीय संविधान यह कहता है कि आरोप सही साबित होने तक कोई भी दोषी नहीं होता. इसलिए मीडिया ट्रायल के जरिए मुझे दोषी साबित करना, वास्तव में हर तरह से गलत है.
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