बेंगलुरु: शिमोगा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व डीसीएम केएस ईश्वरप्पा को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. पार्टी से निष्कासित होने के बाद ईश्वरप्पा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद थी कि पार्टी मुझे निष्कासित कर देगी. मैं खुद निष्कासन का इंतजार कर रहा था. मैं किसी निष्कासन से नहीं डरता.
शिमोगा स्थित अपने आवास पर सोमवार शाम मीडिया से बात करते हुए ईश्वरप्पा ने कहा कि मैं शुरू से कह रहा हूं कि मैं चुनाव लड़ूंगा. यह स्पष्ट है कि मैं चुनाव लड़ूंगा और यह भी स्पष्ट है कि मैं जीतूंगा. उन्होंने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मुझे अभी तक निष्कासन पत्र नहीं मिला है.
पूर्व सीएम येदियुरप्पा की प्रतिक्रिया से संबंधित सवाल पर ईश्वरप्पा ने कहा कि वह मेरे बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते. मैं भाजपा को शुद्ध करने के लिए लड़ रहा हूं. लोग मेरी तारीफ कर रहे हैं. ईश्वरप्पा ने कहा कि मेरे चुनाव लड़ने से कई लोग खुश हैं.
इससे पहले सोमवार को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन पत्र वापस लेने का आखिरी दिन था. नामांकन वापस नहीं लेने की पुष्टि होने के बाद भाजपा ने ईश्वरप्पा को पार्टी से निष्कासित करने का आदेश जारी कर दिया. निष्कासन के आदेश में पार्टी की ओर से कहा गया है कि पार्टी के निर्देशों की अवहेलना करते हुए, उनके वर्तमान शिमोगा लोकसभा क्षेत्र से एक विद्रोही उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के कारण पार्टी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है. यह पार्टी अनुशासन का उल्लंघन है. राज्य अनुशासन समिति के अध्यक्ष लिंगराज पाटिल ने आदेश में कहा कि उन्हें तत्काल प्रभाव से सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है और छह (6) साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
परिवार के कब्जे में पार्टी, वफादारों के साथ अन्याय: नामांकन दाखिल करने के दौरान मीडिया से बात करते हुए ईश्वरप्पा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा पर हमला बोला था. उन्होंने बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए कहा था कि पार्टी की कमान येदियुरप्पा परिवार के हाथ में है. उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा गो बैक कैंपेन की टारगेट शोभा करंदलाजे को बेंगलुरु नॉर्थ से टिकट दिया गया है. पार्टी छोड़कर वापस आये जगदीश शेट्टर को भी टिकट भी दिया गया. हम जो पार्टी के वफादार रहे हैं उनके साथ अन्याय हुआ, आलाकमान पर दबाव बनाया गया और विजयेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया गया. एक बेटा सांसद, दूसरा विधायक सारी शक्ति एक परिवार के पास है.
विजयेंद्र पर विवाद, दिल्ली बुलाकर नहीं मिले थे अमित शाह : जानकारी के मुताबिक, प्रदेश भाजपा चुनाव प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने शिमोगा जाकर ईश्वरप्पा को मनाने की कोशिश की लेकिन असफल रहे. इससे पहले भी ईश्वरप्पा ने मांग की थी कि विजयेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. तब अमित शाह ने ईश्वरप्पा को दिल्ली बुलाया था लेकिन मुलाकात नहीं की. जिसके बाद ईश्वरप्पा ने एक विद्रोही उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने का फैसला लिया. हालांकि, बीजेपी नेताओं को उम्मीद थी कि ईश्वरप्पा अपना नामांकन वापस ले लेंगे. भाजपा आलाकमान ने आज नामांकन पत्र वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की.
गन्ना किसान ईश्वरप्पा की पहचान: बीजेपी के बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाले केएस ईश्वरप्पा को चुनाव आयोग ने गन्ना किसान की पहचान दी है. ईश्वरप्पा इस पहचान के साथ प्रचार कर करेंगे.