शिमला: शनिवार को हिमाचल में तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आ गए. देहरा विधानसभा सीट से हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने चुनाव जीत लिया है. अब सुखविंदर सुक्खू और कमलेश ठाकुर एक ही सदन के सदस्य होंगे. हिमाचल में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई पति-पत्नी की जोड़ी एक ही सदन के सदस्य बने हों. लेकिन देश की संसद और राज्यों की विधानसभाओं में ऐसे उदाहरण पहले भी देखने को मिले हैं और आज भी मौजूद हैं. इनमें से आप कितनों को जानते हैं.
लोकसभा में पति-पत्नी की जोड़ी
1. अखिलेश यादव और डिंपल यादव
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के पति पत्नी की जोड़ी के रूप में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनकी पत्नी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. अखिलेश यादव कन्नौज और डिंपल यादव मैनपुरी सीट से सांसद चुने गए हैं. दोनों मौजूदा समय में 18वीं लोकसभा के सदस्य हैं. इससे पहले दोनों ही 17वीं लोकसभा में भी सांसद चुने गए थे लेकिन अलग-अलग समय में चुने गए. अखिलेश ने 2022 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सांसदी से इस्तीफा दिया और मुलायम सिंह के निधन के बाद उपचुनाव में डिंपल यादव मैनपुरी से सांसद बनी थीं.
2. पप्पू यादव और रंजीत रंजन
राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और रंजीत रंजन की जोड़ी भी एक साथ लोकसभा के सदस्य रहे हैं. इस मामले में ये जोड़ी खास है क्योंकि एक ही सदन में दो बार साथ-साथ रही ये जोड़ी दोनों बार अलग-अलग दलों से चुनाव जीते. साल 2004 में पप्पू यादव बिहार की मधेपुरा सीट से आरजेडी की टिकट पर उपचुनाव जीते. हालांकि इस दौरान उनका ज्यादातर वक्त जेल में ही बीता था. वहीं उनकी पत्नी रंजीत रंजन सहरसा से LJP की टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थी. 2014 में भी पति-पत्नी की ये जोड़ी फिर से लोकसभा पहुंची और इस बार भी दोनों अलग-अलग दलों के सांसद बने. पप्पू यादव कांग्रेस की टिकट पर मधेपुरा से ही सांसद चुने गए और रंजीत रंजन सुपौल से लोकसभा पहुंची.
3. एके गोपालन और सुशीला गोपालन
स्वतंत्रता सेनानी रहे एके गोपालन नंबियार AKG के नाम से विख्यात थे और वो संसद में पहले नेता विपक्ष थे. साल 1952 से 1977 तक वो केरल की कासरगोड से लगातार सांसद चुने गए. उनकी पत्नी सुशीला गोपालन भी साल 1967 लोकसभा चुनाव में केरल की अंबलपुरा सीट से सांसद चुनी गई. इस दौरान दोनों पति पत्नी एक ही सदन के सदस्य रहे. दोनों CPI(M) टिकट पर सांसद थे.
4. मधु दंडवते और प्रमिला दंडवते
प्रोफेसर मधु दंडवते भारत के रेल मंत्री और वित्त मंत्री रहे हैं. वो साल 1971 से 1991 तक 5 बार लोकसभा सांसद चुने गए. 1980 के लोकसभा चुनाव में वो महाराष्ट्र से जनता पार्टी की टिकट पर राजापुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. वहीं उनकी पत्नी प्रमिला दंडवते बॉम्बे नॉर्थ सेंट्रल सीट से जनता पार्टी की टिकट पर ही चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची.
5. चौधरी चरण सिंह और गायत्री देवी
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह तीन बार लोकसभा चुनाव जीते. साल 1980 में वो उत्तर प्रदेश की बागपत लोकसभा सीट से चुनाव जीते. उन्ही चुनावों में उनकी पत्नी गायत्री देवी भी कैराना सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची. दोनों पति-पत्नी 7वीं लोकसभा के दौरान 1980 से 1984 के दौरान एक ही सदन के सदस्य रहे.
6. सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और किशोरी सिन्हा
बिहार के औरंगाबाद की रॉयल फैमिली से संबंध रखने वाले सत्येंद्र नारायण सिन्हा ने 1952 में पहला चुनाव लड़ा था. वे कुल 6 बार लोकसभा चुनाव जीते थे. साल 1980 से 1989 के बीच उनकी पत्नी किशोरी सिन्हा भी वैशाली सीट से लोकसभा चुनाव जीती. इस दौरान दोनों पति पत्नी एक ही सदन के सदस्य थे.
विधानसभा में पति-पत्नी की जोड़ी:
1. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन
झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन दोनों ही वर्तमान में विधानसभा के सदस्य हैं. हेमंत सोरेन साल 2019 में विधानसभा का चुनाव जीते और राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. वहीं कल्पना सोरेन ने इसी साल हुए विधानसभा उपचुनाव में गांडेय विधानसभा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंची है.
2. उत्तम कुमार रेड्डी और पद्मावती रेड्डी
साल 2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता एन. उत्तम कुमार रेड्डी और उनकी पत्नी पद्मावती रेड्डी चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे. पति-पत्नी की ये जोड़ी कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने हैं. उत्तम कुमार रेड्डी तेलंगाना की हुजूरनगर विधानसभा सीट से चुनाव जीते और उनकी पत्नी पद्मावती रेड्डी कोडाद विधानसभा सीट से विधानसभा पहुंची हैं.
3. विश्वजीत राणे और दिव्या राणे
विश्वजीत राणे ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर वालपोई विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. वहीं, उनकी पत्नी दिव्या राणे भी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर पोरिम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थीं.
4. माइकल विन्सेंट लोबो और डिलाइला लोबो
कांग्रेस के माइकल लोबो ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव में विधानसभा क्षेत्र कलंगुट से जीत हासिल की थी. वहीं, उनकी पत्नी डिलाइला को भी कांग्रेस ने टिकट दिया था. डिलाइला लोबो ने सिओलिम विधानसभा सीट से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंची थीं. उन्होंने बीजेपी के 4 बार के विधायक को मात दी थी.
5. आतानासियो मोन्सेरात और जेनिफर मोन्सेरात
गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी के आतानासियो मोन्सेरात ने पणजी विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी. वहीं, उनकी पत्नी जेनिफर भाजपा के टिकट पर तलेगांव से जीती थीं. जेनिफर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के पहले कार्यकाल के दौरान गोवा कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री थीं.
6. कौशल यादव और पूर्णिमा यादव
कौशल यादव और पूर्णिमा यादव की जोड़ी तो सबसे अनोखी रही, क्योंकि ये दोनों ही पति पत्नी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर एक साथ विधानसभा पहुंचे थे. साल 2005 के विधानसभा चुनाव में कौशल यादव गोबिंदपुर विधानसभा क्षेत्र और पूर्णिमा यादव नवादा विधानसभा क्षेत्र से जीतकर विधायक बने.
7. कुलदीप बिश्नोई और रेणुका बिश्नोई
फिलहाल बीजेपी में शामिल हो चुके कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई भी एक साथ विधानसभा के सदस्य रहे हैं. कुलदीप बिश्नोई हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे हैं. उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस बनाई थी और इसी पार्टी से कुलदीप बिश्नोई और रेणुका बिश्नोई ने साल 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. कुलदीप बिश्नोई ने हिसार जिले के आदमपुर से और उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई हांसी विधानसभा सीट से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे थे.
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