डोईवाला (उत्तराखंड): जम्मू के कठुआ में सोमवार 8 जुलाई को हुए आतंकवादी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गए थे. बीते रोज सभी जवानों का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा. वहीं आज डोईवाला के 29 वर्षीय विनोद सिंह भंडारी (पुत्र वीर सिंह भंडारी) को उनके अठुरवाला पैतृक आवास से अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया, लोगों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी.
जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचा लोगों की भीड़ जुट गई और शहीद के परिवार के लोग विलाप करने लगे. इस दौरान पत्नी बेसुध हो गई, जिसे लोगों ने किसी तरह ढांढस बंधाया. इस दौरान 'जब तक सूरज चांद रहेगा विनोद तेरा नाम रहेगा' के नारों से क्षेत्र गूंज उठा. इससे पहले मंगलवार को सभी वीर जवानों के पार्थिव शरीर विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाए गए थे, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत तमाम लोगों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी.
भानियावाला निवासी विनोद सिंह का पार्थिव शरीर सैन्य सम्मान के साथ मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद घाट पर लाया गया. यहां गमगीन माहौल में शहीद विनोद सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए. चचेरे भाई पंकज भंडारी ने विनोद सिंह को मुखाग्नि दी. मौके पर गढ़वाल राइफल की तीन यूनिट सैन्य सम्मान से अंतिम विदाई दी. इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल समेत शहर के सैकड़ों लोग और जनप्रतिनिधि अपनी शोक संवेदनाएं लेकर घाट पर पहुंचे. दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने शहीद के परिजनों को सांत्वना दी और कहा कि सरकार उनके साथ खड़ी है. वहीं लोगों ने केंद्र सरकार से सैनिकों पर हमला करने वाले दुश्मनों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की.
बता दें कि, केवल 29 साल की उम्र में देश सेवा करते हुए विनोद सिंह भंडारी ने अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया है. विनोद के दो बच्चे हैं, जिनमें एक तीन महीने की बेटी और एक चार साल का बेटा है. विनोद सिंह भंडारी तीन बहनों में इकलौते भाई थे और उनके पिताजी भी फौज से रिटायर हैं. गौर हो कि टिहरी जिले के नायक विनोद सिंह भी कठुआ आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. शहीद विनोद सिंह जाखणीधार तालुक के चौंद जसपुर गांव के रहने वाले थे. जबकि उनका परिवार देहरादून के भनियावाला में रहता है.
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