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कितनी होती है लोकसभा स्पीकर की सैलरी? पेंशन से लेकर डेली भत्ते तक मिलती हैं कई सुविधाएं - Lok Sabha Speaker Salary

Lok Sabha Speaker Salary: लोकसभा स्पीकर संसद का ही एक सदस्य होता है. इसलिए उसको 1954 के संसद अधिनियम के तहत वेतन के साथ-साथ कई तरह के भत्ते और पेंशन भी मिलती है.

Lok Sabha Speaker
कितनी होती है लोकसभा स्पीकर की सैलरी? (सांकेतिक तस्वीर ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 19, 2024, 10:32 AM IST

नई दिल्ली: संसद का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने जा रहा है. यह सत्र 3 जुलाई तक चलेगा. हालांकि, हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पूर्ण बहुमत न मिलने के कारण उसके लिए स्पीकर पद का चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है. मोदी 3.0 सरकार एनडीए के सहयोगी दलों के सहारे ही चल सकती है. ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष काफी अहम हो गया है. यह ही कारण है कि बीजेपी हर हाल में स्पीकर पद अपने पास रखना चाहती है.

हालांकि, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की नजर भी स्पीकर पद पर है. वहीं, विपक्ष भी स्पीकर के पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार सकती है. दरअसल, विपक्षी गठबंधन डिप्टी स्पीकर का पद मांग रहा है. उसका कहना है कि अगर डिप्टी स्पीकर का पद नहीं मिलता है, तो फिर वो स्पीकर का चुनाव भी लड़ेंगे.

बता दें कि लोकसभा का स्पीकर, संसद का ही एक सदस्य होता है, इसलिए उसे 1954 के संसद अधिनियम के तहत वेतन, भत्ते और पेंशन भी मिलती हैं. इस अधिनियम को दिसंबर 2010 में संशोधित किया गया था.

कितनी मिलती है सैलरी?
लोकसभा स्पीकर को सांसद होने के नाते 1 लाख रुपये की सैलरी मिलती है. इसके अलावा उन्हें अतिरिक्त भत्ता भी मिलता है. स्पीकर को उनके पूरे कार्यकाल के लिए संसदीय सत्र या दूसरी समितियों की बैठक में भाग पर डेली आलाउंस दिया जाता है.

स्पीकर को मिलती है कितनी पेंशन?
कार्यकाल पूरा होने के बाद स्पीकर को संसद का सदस्य होने की वजह से पेंशन मिलती है. इसके अलावा स्पीकर को एडिशनल अलाउंस भी दिया जाता है. पेंशन के अलावा स्पीकर को देश-विदेश की यात्रा के लिए भत्ता भी मिलता है. साथ ही स्पीकर को रहने के लिए फ्री आवास, फ्री बिजली और फ्रील फोन कॉल की सुविधा भी मिलती है.

यह भी पढ़ें- नया लोकसभा अध्यक्ष कौन बनेगा, इन नामों की चर्चा, जानें क्यों BJP स्पीकर पद छोड़ने को तैयार नहीं

नई दिल्ली: संसद का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने जा रहा है. यह सत्र 3 जुलाई तक चलेगा. हालांकि, हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पूर्ण बहुमत न मिलने के कारण उसके लिए स्पीकर पद का चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है. मोदी 3.0 सरकार एनडीए के सहयोगी दलों के सहारे ही चल सकती है. ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष काफी अहम हो गया है. यह ही कारण है कि बीजेपी हर हाल में स्पीकर पद अपने पास रखना चाहती है.

हालांकि, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की नजर भी स्पीकर पद पर है. वहीं, विपक्ष भी स्पीकर के पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार सकती है. दरअसल, विपक्षी गठबंधन डिप्टी स्पीकर का पद मांग रहा है. उसका कहना है कि अगर डिप्टी स्पीकर का पद नहीं मिलता है, तो फिर वो स्पीकर का चुनाव भी लड़ेंगे.

बता दें कि लोकसभा का स्पीकर, संसद का ही एक सदस्य होता है, इसलिए उसे 1954 के संसद अधिनियम के तहत वेतन, भत्ते और पेंशन भी मिलती हैं. इस अधिनियम को दिसंबर 2010 में संशोधित किया गया था.

कितनी मिलती है सैलरी?
लोकसभा स्पीकर को सांसद होने के नाते 1 लाख रुपये की सैलरी मिलती है. इसके अलावा उन्हें अतिरिक्त भत्ता भी मिलता है. स्पीकर को उनके पूरे कार्यकाल के लिए संसदीय सत्र या दूसरी समितियों की बैठक में भाग पर डेली आलाउंस दिया जाता है.

स्पीकर को मिलती है कितनी पेंशन?
कार्यकाल पूरा होने के बाद स्पीकर को संसद का सदस्य होने की वजह से पेंशन मिलती है. इसके अलावा स्पीकर को एडिशनल अलाउंस भी दिया जाता है. पेंशन के अलावा स्पीकर को देश-विदेश की यात्रा के लिए भत्ता भी मिलता है. साथ ही स्पीकर को रहने के लिए फ्री आवास, फ्री बिजली और फ्रील फोन कॉल की सुविधा भी मिलती है.

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