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ओडिशा में BJP नेता के बयान से मरीज हुए बेहाल! प्राइवेट अस्पताल नहीं दे रही कैशलेस सुविधा? - Confusion Over BSKY Scheme In odisha

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 6, 2024, 7:46 PM IST

Updated : Jun 6, 2024, 7:54 PM IST

BSKY Scheme: चुनाव में जीत के एक दिन बाद ओडिशा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा कि, BSKY कार्ड राज्य में लागू नहीं होगा. उसके स्थान पर राज्य में आयुष्मान योजना की शुरुआत होगी. उनके इस बयान से मरीजों को कैशलेस सुविधा लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं कथित तौर पर कई प्राइवेट अस्पतालों ने बीएसकेवाई कार्ड से कैशलेस सुविधा देने से इनकार कर दिया है.

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भुवनेश्वर: ओडिशा में कुछ प्राइवेट अस्पतालों में कथित तौर पर लाभार्थियों को राज्य सरकार की तरफ से दी जाने वाली बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना के तहत कैशलेस इलाज सुविधा देने से इनकार करने का मामला सामने आया है. खबर के मुताबिक, कुछ निजी अस्पतालों ने कथित तौर पर सरकार में बदलाव का हवाला देते हुए बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना (BSKY) के लाभार्थियों को कैशलेस उपचार सुविधा देने से इनकार कर दिया. इस मामले के सामने आने के एक दिन बाद, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ओडिशा ने स्पष्ट किया है कि सभी बीएसकेवाई लाभार्थियों के लिए अस्पतालों में इलाज के दौरान कैशलेस सुविधाएं जारी रहेंगी. आखिर हेल्थ कार्ड को इतना बवाल क्यों मच गया. दरअसल, ओडिशा विधानसभा चुनाव में जीत के एक दिन बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा था कि, आगे से बीएसकेवाई कार्ड राज्य में लागू नहीं होगा. उन्होंने राज्य में बीजेपी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद ओडिशा में आयुष्मान योजना लाने की की बात कही. मनमोहन के हालिया बयान से मौजूदा बीएसकेवाई कार्ड विवाद को और हवा दे दी है.

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एक्स पोस्ट (X Post)

ओडिशा में BSKY को लेकर क्या है कन्फ्यूजन, बीजेपी नेता ने दिया था बयान
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि, बीएसकेवाई को लेकर राज्य सरकार ने निजी अस्पताल के साथ जो एमओयू साइन किया था, वह अभी भी लागू है, ताकि लाभार्थी को पहले की तरह इस योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके. अस्पताल यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि राज्य में किसी भी मरीज को स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो. बीएसकेवाई कार्ड को लेकर चल रहे विवाद में स्वास्थ्य विभाग ने ऐसी सफाई दी है. विभाग ने अस्पतालों को इस बीएसकेवाई हेल्थ कार्ड को स्वीकार करने का निर्देश दिया है.

प्रदीप जेना बोले कार्रवाई होगी
इस मामले में ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने सफाई देते हुए कहा कि, राज्य सरकार की वर्तमान बीएसकेवाई योजना चल रही है. संबद्ध अस्पतालों में मरीज का इलाज जारी रहेगा. जब तक नई सरकार कोई वैकल्पिक योजना नहीं लाती, तब तक बीएसकेवाई योजना बंद नहीं की जाएगी. उन्होंने चेतावनी दी कि अस्पताल में इलाज में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि, यदि कोई अस्पताल सहयोग नहीं करता है तो स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करें. उन्होंने आगे कहा कि, राज्य सरकार अस्पताल के परामर्श से सभी कार्यक्रमों को अपने हाथ में लेगी. यदि कोई अस्पताल इसमें लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि, नई सरकार कोई अन्य कार्यक्रम लाने का निर्णय भी लेती है तो मरीजों को तब तक चिकित्सा सुविधाएं दी जाएंगी, जब तक उन्हें नई व्यवस्था के तहत पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल जातीं. इसलिए जनता के मन में कोई डर नहीं होना चाहिए. मुख्य सचिव ने कहा, वैकल्पिक योजना बनने तक बीएसकेवाई योजना बंद नहीं की जायेगी.

नवीन सरकार ने शुरू की थी योजना
बता दें कि, नवीन पटनायक के कार्यकाल में सरकार ने राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुफ्त गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए 15 अगस्त, 2018 को बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना (बीएसकेवाई) शुरू की थी. चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कुछ मरीजों ने राज्य के विभिन्न निजी अस्पतालों पर बीएसकेवाई योजना के तहत नये मरीजों को भर्ती नहीं करने और पहले से इलाज करा चुके मरीजों को लौटाने का आरोप लगाया है. यहां तक ​कि डायलिसिस और कीमो के लिए जाने वाले मरीजों को भी लौटा दिए जाने की बात सामने आई है.

बता दें कि, ओडिशा में बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने बुधवार 5 जून को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने भुवनेश्वर में राजभवन जाकर राज्यपाल रघुवर दास को अपना इस्तीफा सौंपा. पटनायक पिछले 24 साल से राज्य के मुख्यमंत्री थे. मंगलवार 4 जून को लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आए. दोनों राज्यों में मौजूदा सरकारों को सत्ता गंवानी पड़ी. ओडिशा में BJP को 147 में से 78, तो BJD को 51 सीटें मिलीं.

ये भी पढ़ें: क्या सहयोगी दलों के दबाव में काम करेंगे पीएम मोदी, गठबंधन सरकार का कैसा रहा है इतिहास, जानें

भुवनेश्वर: ओडिशा में कुछ प्राइवेट अस्पतालों में कथित तौर पर लाभार्थियों को राज्य सरकार की तरफ से दी जाने वाली बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना के तहत कैशलेस इलाज सुविधा देने से इनकार करने का मामला सामने आया है. खबर के मुताबिक, कुछ निजी अस्पतालों ने कथित तौर पर सरकार में बदलाव का हवाला देते हुए बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना (BSKY) के लाभार्थियों को कैशलेस उपचार सुविधा देने से इनकार कर दिया. इस मामले के सामने आने के एक दिन बाद, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ओडिशा ने स्पष्ट किया है कि सभी बीएसकेवाई लाभार्थियों के लिए अस्पतालों में इलाज के दौरान कैशलेस सुविधाएं जारी रहेंगी. आखिर हेल्थ कार्ड को इतना बवाल क्यों मच गया. दरअसल, ओडिशा विधानसभा चुनाव में जीत के एक दिन बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा था कि, आगे से बीएसकेवाई कार्ड राज्य में लागू नहीं होगा. उन्होंने राज्य में बीजेपी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद ओडिशा में आयुष्मान योजना लाने की की बात कही. मनमोहन के हालिया बयान से मौजूदा बीएसकेवाई कार्ड विवाद को और हवा दे दी है.

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ओडिशा में BSKY को लेकर क्या है कन्फ्यूजन, बीजेपी नेता ने दिया था बयान
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि, बीएसकेवाई को लेकर राज्य सरकार ने निजी अस्पताल के साथ जो एमओयू साइन किया था, वह अभी भी लागू है, ताकि लाभार्थी को पहले की तरह इस योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके. अस्पताल यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि राज्य में किसी भी मरीज को स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो. बीएसकेवाई कार्ड को लेकर चल रहे विवाद में स्वास्थ्य विभाग ने ऐसी सफाई दी है. विभाग ने अस्पतालों को इस बीएसकेवाई हेल्थ कार्ड को स्वीकार करने का निर्देश दिया है.

प्रदीप जेना बोले कार्रवाई होगी
इस मामले में ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने सफाई देते हुए कहा कि, राज्य सरकार की वर्तमान बीएसकेवाई योजना चल रही है. संबद्ध अस्पतालों में मरीज का इलाज जारी रहेगा. जब तक नई सरकार कोई वैकल्पिक योजना नहीं लाती, तब तक बीएसकेवाई योजना बंद नहीं की जाएगी. उन्होंने चेतावनी दी कि अस्पताल में इलाज में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि, यदि कोई अस्पताल सहयोग नहीं करता है तो स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करें. उन्होंने आगे कहा कि, राज्य सरकार अस्पताल के परामर्श से सभी कार्यक्रमों को अपने हाथ में लेगी. यदि कोई अस्पताल इसमें लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि, नई सरकार कोई अन्य कार्यक्रम लाने का निर्णय भी लेती है तो मरीजों को तब तक चिकित्सा सुविधाएं दी जाएंगी, जब तक उन्हें नई व्यवस्था के तहत पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल जातीं. इसलिए जनता के मन में कोई डर नहीं होना चाहिए. मुख्य सचिव ने कहा, वैकल्पिक योजना बनने तक बीएसकेवाई योजना बंद नहीं की जायेगी.

नवीन सरकार ने शुरू की थी योजना
बता दें कि, नवीन पटनायक के कार्यकाल में सरकार ने राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुफ्त गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए 15 अगस्त, 2018 को बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना (बीएसकेवाई) शुरू की थी. चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कुछ मरीजों ने राज्य के विभिन्न निजी अस्पतालों पर बीएसकेवाई योजना के तहत नये मरीजों को भर्ती नहीं करने और पहले से इलाज करा चुके मरीजों को लौटाने का आरोप लगाया है. यहां तक ​कि डायलिसिस और कीमो के लिए जाने वाले मरीजों को भी लौटा दिए जाने की बात सामने आई है.

बता दें कि, ओडिशा में बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने बुधवार 5 जून को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने भुवनेश्वर में राजभवन जाकर राज्यपाल रघुवर दास को अपना इस्तीफा सौंपा. पटनायक पिछले 24 साल से राज्य के मुख्यमंत्री थे. मंगलवार 4 जून को लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आए. दोनों राज्यों में मौजूदा सरकारों को सत्ता गंवानी पड़ी. ओडिशा में BJP को 147 में से 78, तो BJD को 51 सीटें मिलीं.

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Last Updated : Jun 6, 2024, 7:54 PM IST
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