नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आतंकवाद विरोधी प्रयासों को बढ़ाने के लिए एक विस्तृत रणनीति का प्रस्ताव रखा. इसमें अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए क्षमता बढ़ाना शामिल है.
नई दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन-2024 के समापन दिवस को संबोधित करते हुए शाह ने आतंकवाद विरोधी ढांचे को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और राज्य आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATSs) के बीच सहयोग और समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने माओवादी विरोधी प्रयासों में मिली सफलता पर संतोष व्यक्त किया. साथ ही हाल ही में सशस्त्र समूहों से क्षेत्रों को मुक्त कराने में सफलता प्राप्त करने वाले राज्यों को सतर्कता बनाए रखने के लिए आगाह किया.
अमित शाह ने कहा कि राज्य पुलिस महानिदेशकों (DGsP) को वर्ष 2047 तक समृद्ध, मजबूत और विकसित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में काम करना चाहिए. जम्मू-कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद (LWE) और पूर्वोत्तर जैसे विरासत में मिली राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को हल करने में पर्याप्त प्रगति हुई है. शाह ने कहा कि अब यह जरूरी है कि नशीले पदार्थों, दुष्ट ड्रोन और ऑनलाइन धोखाधड़ी सहित उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों की पहचान की जाए और उन्हें बड़ी चुनौती बनने से पहले ही निपटाया जाए.
तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के संदर्भ में गृह मंत्री ने पुलिस महानिदेशकों से नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने तथा पीड़ितों को शीघ्र एवं समय पर न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नए आपराधिक कानूनों का परिवर्तनकारी प्रभाव केवल मानसिकता में बदलाव, प्रौद्योगिकी को अपनाने तथा निर्बाध समन्वय के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है.
शाह ने पुलिस महानिदेशकों को युवा पुलिस अधिकारियों की टीमें गठित करने का निर्देश दिया ताकि नए आपराधिक कानूनों का अक्षरशः क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने युवा पुलिस अधिकारियों से क्रिप्टो से लेकर हवाला तक के धोखाधड़ी वाले वित्तीय लेनदेन के पूरे दायरे से निपटने के लिए रणनीतिक समाधान के लिए अपने दिमाग का इस्तेमाल करने का आह्वान किया.
शाह ने सभी पुलिस महानिदेशकों से बहुआयामी दृष्टिकोण, डेटा विश्लेषण और नई तकनीकों को अपनाकर आंतरिक सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने का आह्वान किया. शाह ने कहा, 'राज्य पुलिस महानिदेशकों को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा बनाए जा रहे डेटाबेस के अत्याधुनिक स्तर का उपयोग सुनिश्चित करने की आवश्यकता है.'