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हो भाषा को आठवीं अनुसूची में किया जाएगा शामिल! हिमंता बिस्वा सरमा ने कोल्हान में की बड़ी घोषणा - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION

असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने बड़ी घोषणा की है. उन्होंने हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर बड़ा बयान दिया है.

HO LANGUAGE
हिमंता बिस्वा सरमा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 30, 2024, 1:59 PM IST

Updated : Oct 30, 2024, 7:14 PM IST

चाईबासा: झारखंड के चाईबासा पहुंचे असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने एक बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की एनडीए पूरी कोशिश करेगी. इस दौरान उनके साथ झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा भी मौजूद थे.

दरअसल, करीब 25 लाख लोगों द्वारा हो भाषा बोली जाती है. हो भाषा मुख्य रूप से हो आदिवासी समुदाय द्वारा बोली जाती है. झारखंड के कोल्हान में हो समुदाय की एक बड़ी आबादी निवास करती है. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनकी पत्नी गीता कोड़ा भी हो समाज से आते हैं. गीता कोड़ा को बीजेपी ने जग्गनाथपुर से अपना प्रत्याशी बनाया है.

गौरतलब हो कि हिमंता बिस्वा सरमा बुधवार को चाईबासा पहुंचे. जहां वे पीएम मोदी के आगमन और उनके चुनावी सभी की तैयारियों को लेकर आहूत बैठक में शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात की.

इस दौरान उन्होंने सरना धर्म और हो भाषा को लेकर किए गए सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड पहले से था, इसे वापस कौन लाया?, कांग्रेस की सरकार ने इसे हटा दिया. इसके लिए कांग्रेस ही विलेन है. हम इस पर बात कर रहे हैं, इसके लिए जनगणना आने का इंतजार करें.

वहीं हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे लाना ही है, इसके लिए बातचीत हो चुकी है. वहीं इसे लेकर सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की एनडीए पूरी कोशिश करेगी.

किसी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के फायदे

किसी भी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने से उस भाषा की अस्मिता की पहचान मजबूत होती है. भाषा को संवैधानिक मान्यता प्राप्त हो जाती है. इसके अलावा भी कई फायदे हैं. जिनमें....

  • स्कूल और कॉलेज की किताबें उस भाषा में उपलब्ध होंगी, अपनी भाषा में पढ़ाई और परीक्षा देने के अपने फायदे हैं.
  • अकादमिक परीक्षाएं भी उसी भाषा में दी जा सकेंगी.
  • यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में उस भाषा को शामिल किया जाएगा. इससे उस भाषा के युवाओं को फायदा होगा.
  • 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं के विकास के लिए सरकार अनुदान देती है. अनुदान का इस्तेमाल भाषा को और लोकप्रिय बनाने और उससे जुड़ी नई चीजों को खोजने में किया जाता है.
  • अनुसूची में शामिल भाषाओं के कवियों और लेखकों को हर तरह से प्रोत्साहित किया जाता है. इससे बेहतरीन रचनाएं लोगों तक पहुंचती हैं. प्रोत्साहन से उस भाषा का साहित्य का स्तर और ऊपर उठेगा
  • अनुसूची में शामिल होने के बाद उस भाषा के कवि और लेखक साहित्य अकादमी जैसे पुरस्कारों के भी दावेदार होंगे.

यह भी पढ़ें:

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चाईबासा: झारखंड के चाईबासा पहुंचे असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने एक बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की एनडीए पूरी कोशिश करेगी. इस दौरान उनके साथ झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा भी मौजूद थे.

दरअसल, करीब 25 लाख लोगों द्वारा हो भाषा बोली जाती है. हो भाषा मुख्य रूप से हो आदिवासी समुदाय द्वारा बोली जाती है. झारखंड के कोल्हान में हो समुदाय की एक बड़ी आबादी निवास करती है. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनकी पत्नी गीता कोड़ा भी हो समाज से आते हैं. गीता कोड़ा को बीजेपी ने जग्गनाथपुर से अपना प्रत्याशी बनाया है.

गौरतलब हो कि हिमंता बिस्वा सरमा बुधवार को चाईबासा पहुंचे. जहां वे पीएम मोदी के आगमन और उनके चुनावी सभी की तैयारियों को लेकर आहूत बैठक में शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात की.

इस दौरान उन्होंने सरना धर्म और हो भाषा को लेकर किए गए सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड पहले से था, इसे वापस कौन लाया?, कांग्रेस की सरकार ने इसे हटा दिया. इसके लिए कांग्रेस ही विलेन है. हम इस पर बात कर रहे हैं, इसके लिए जनगणना आने का इंतजार करें.

वहीं हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे लाना ही है, इसके लिए बातचीत हो चुकी है. वहीं इसे लेकर सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि हो भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की एनडीए पूरी कोशिश करेगी.

किसी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के फायदे

किसी भी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने से उस भाषा की अस्मिता की पहचान मजबूत होती है. भाषा को संवैधानिक मान्यता प्राप्त हो जाती है. इसके अलावा भी कई फायदे हैं. जिनमें....

  • स्कूल और कॉलेज की किताबें उस भाषा में उपलब्ध होंगी, अपनी भाषा में पढ़ाई और परीक्षा देने के अपने फायदे हैं.
  • अकादमिक परीक्षाएं भी उसी भाषा में दी जा सकेंगी.
  • यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में उस भाषा को शामिल किया जाएगा. इससे उस भाषा के युवाओं को फायदा होगा.
  • 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं के विकास के लिए सरकार अनुदान देती है. अनुदान का इस्तेमाल भाषा को और लोकप्रिय बनाने और उससे जुड़ी नई चीजों को खोजने में किया जाता है.
  • अनुसूची में शामिल भाषाओं के कवियों और लेखकों को हर तरह से प्रोत्साहित किया जाता है. इससे बेहतरीन रचनाएं लोगों तक पहुंचती हैं. प्रोत्साहन से उस भाषा का साहित्य का स्तर और ऊपर उठेगा
  • अनुसूची में शामिल होने के बाद उस भाषा के कवि और लेखक साहित्य अकादमी जैसे पुरस्कारों के भी दावेदार होंगे.

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Last Updated : Oct 30, 2024, 7:14 PM IST
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