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दिल्ली में जल संकट गहराया, हिमाचल प्रदेश ने कहा- हमारे पास अतिरिक्त पानी नहीं - Supreme Court

Supreme Court On Delhi Water Crisis: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल संकट मामले दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान हिमाचल प्रदेश ने कहा कि उसके पास 136 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नहीं है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (ANI)
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By Sumit Saxena

Published : Jun 13, 2024, 5:02 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को वाटर सप्लाई के लिए अपर यमुना रिवर बोर्ड (UYRB) से संपर्क करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह निर्देश ऐसे समय में दिया है, जब हिमाचल प्रदेश ने यू-टर्न लेते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसके पास अतिरिक्त जल नहीं है.

जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की अवकाश पीठ ने दिल्ली सरकार से मानवीय आधार पर राष्ट्रीय राजधानी को वाटर सप्लाई के लिए शाम पांच बजे तक यूवाईआरबी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने को कहा.

हिमाचल प्रदेश सरकार पिछला बयान वापस लिया
हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके पास 136 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नहीं है. इसके साथ ही उसने अपना पिछला बयान भी वापस ले लिया. इस पर पीठ ने कहा कि राज्यों के बीच यमुना जल का बंटवारा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है और इस अदालत के पास इस पर अंतरिम आधार पर भी निर्णय लेने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता नहीं है.

यूवाईआरबी के सामने आवेदन करे दिल्ली सरकार
पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर 1994 के समझौता ज्ञापन में पक्षों की सहमति से गठित बॉडी को विचार करने के लिए छोड़ देना चाहिए. चूंकी यूवाईआरबी ने पहले ही दिल्ली को मानवीय आधार पर पानी की सप्लाई के लिए आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. अगर ऐसा आवेदन पहले से नहीं किया गया है, तो आज शाम 5 बजे तक किया जाना चाहिए. इस पर बोर्ड कल एक बैठक बुलाएगा और जल्द से जल्द इस मामले में निर्णय लेगा.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमें हरियाणा को हिमाचल प्रदेश की ओर से राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट को कम करने के लिए पानी को छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

इससे पहले दिल्ली सरकार ने आज एक हलफनामे में अदालत को सूचित किया कि पानी टैंकर माफिया हरियाणा की ओर से दिल्ली में प्रवेश कर रहे हैं और वह अधिकार क्षेत्र के मुद्दों के कारण कार्रवाई करने में असमर्थ है. हालांकि, वह पानी के लीकेज को नियंत्रित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है.

यह भी पढ़ें- NEET में ग्रेस अंक पाने वालों की 23 को दोबारा होगी परीक्षा

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को वाटर सप्लाई के लिए अपर यमुना रिवर बोर्ड (UYRB) से संपर्क करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह निर्देश ऐसे समय में दिया है, जब हिमाचल प्रदेश ने यू-टर्न लेते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसके पास अतिरिक्त जल नहीं है.

जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की अवकाश पीठ ने दिल्ली सरकार से मानवीय आधार पर राष्ट्रीय राजधानी को वाटर सप्लाई के लिए शाम पांच बजे तक यूवाईआरबी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने को कहा.

हिमाचल प्रदेश सरकार पिछला बयान वापस लिया
हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके पास 136 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नहीं है. इसके साथ ही उसने अपना पिछला बयान भी वापस ले लिया. इस पर पीठ ने कहा कि राज्यों के बीच यमुना जल का बंटवारा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है और इस अदालत के पास इस पर अंतरिम आधार पर भी निर्णय लेने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता नहीं है.

यूवाईआरबी के सामने आवेदन करे दिल्ली सरकार
पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर 1994 के समझौता ज्ञापन में पक्षों की सहमति से गठित बॉडी को विचार करने के लिए छोड़ देना चाहिए. चूंकी यूवाईआरबी ने पहले ही दिल्ली को मानवीय आधार पर पानी की सप्लाई के लिए आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. अगर ऐसा आवेदन पहले से नहीं किया गया है, तो आज शाम 5 बजे तक किया जाना चाहिए. इस पर बोर्ड कल एक बैठक बुलाएगा और जल्द से जल्द इस मामले में निर्णय लेगा.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमें हरियाणा को हिमाचल प्रदेश की ओर से राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट को कम करने के लिए पानी को छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

इससे पहले दिल्ली सरकार ने आज एक हलफनामे में अदालत को सूचित किया कि पानी टैंकर माफिया हरियाणा की ओर से दिल्ली में प्रवेश कर रहे हैं और वह अधिकार क्षेत्र के मुद्दों के कारण कार्रवाई करने में असमर्थ है. हालांकि, वह पानी के लीकेज को नियंत्रित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है.

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