शिमला: मंगलवार को हिमाचल की एक राज्यसभा सीट पर हुए चुनाव के दौरान अभूतपूर्व सियासी घटनाक्रम के बाद अब सबकी नजरें बुधवार को हिमाचल विधानसभा की कार्यवाही पर टिक गई हैं. दरअसल इन दिनों हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. भाजपा ने आक्रामक तेवर अपनाते हुए सुखविंदर सरकार को सदन में घेरने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से उनके कक्ष में मुलाकात कर कट मोशन पर डिवीजन ऑफ वोट की मांग की है.
अल्पमत में आ सकती है सरकार
नेता प्रतिपक्ष ने विधायक दल के साथ मिलकर स्पीकर के कक्ष में जाकर मांग उठाई कि कटौती प्रस्ताव डिविजन ऑफ वोट से होना चाहिए. साथ ही ये भी कहा कि जब भी फाइनेंशियल बिल पारित हो तो फ्लोर टेस्ट होना चाहिए. इसके अलावा बुधवार को बजट भी पारित होना है, उसे लेकर भी भाजपा ने डिविजन ऑफ वोट की मांग की है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि सुखविंदर सरकार मझधार में फंस चुकी है और बुधवार को सदन में सरकार अल्पमत में आ सकती है.
सुखविंदर सिंह के हाथ खाली
मंगलवार को राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के दौरान कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी के अधिकृत कैंडिडेट को वोट नहीं डाला. क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी बाजी हार गए. तीन निर्दलीय विधायकों ने भी हर्ष महाजन को वोट दिया. इस तरह बाजी 34-34 पर आकर टिक गई. बाद में कांग्रेस के छह विधायक पंचकूला चले गए. उनके साथ ही निर्दलीय विधायक भी थे. ऐसे में सुखविंदर सिंह के हाथ खाली हैं. बेशक पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को वोट न डालने से क्रॉस वोट करने वाले विधायकों की स्थिति में सदन में कोई परिवर्तन नहीं आता, लेकिन पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह ने भी उन पर कार्रवाई से इनकार कर दिया है. पार्टी मुखिया चाहे तो हाईकमान से सलाह कर उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण एक्सपेल कर सकता है. मौजूदा स्थिति में सुखविंदर सिंह सुक्खू के हाथ में अब कोई ठोस उपाय नहीं रह गया है.
क्या कल सदन में आएंगे छह कांग्रेस विधायक
सीएम सुखविंदर सुक्खू ने 17 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया था. जो बुधवार को पारित होना है. भाजपा ने पहले ही इसके लिए स्पीकर के समक्ष डिविजन ऑफ वोट की मांग उठा दी है. अब सदन में बजट पारित होने के समय यदि स्पीकर डिविजन ऑफ वोट की प्रक्रिया की अनुमति देते हैं तो ये देखना दिलचस्प होगा कि सदन में कितने सदस्य कांग्रेस और कितने भाजपा के हैं. कहा ये जा रहा है कि क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह विधायक बुधवार को सदन में आएंगे, लेकिन परिस्थितियां इस ओर भी इशारा कर रही हैं कि वो अनुपस्थिति दर्शा सकते हैं. ऐसे में डिविजन ऑफ वोट की प्रक्रिया में सरकार हार जाएगी और अल्पमत में आ जाएगी.
क्या महाराष्ट्र की तर्ज पर होगा 'खेला'
जिस तरह से भाजपा हाईकमान की कार्यप्रणाली है, उससे कुछ अप्रत्याशित घटनाक्रम सामने आ सकता है. कांग्रेस से ही किसी एक नेता को सामने लाकर उन्हें सीएम पद के लिए तैयार किया जा सकता है. इस बीच, सियासी माहौल में कई दिलचस्प बातें तैर रही हैं. ये भी कहा जा रहा है कि विक्रमादित्य सिंह सरीखे किसी नेता को भाजपा आगे कर सकती है. चूंकि भाजपा नेताओं के पास हाईकमान के फैसले को मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता, लिहाजा बुधवार को हिमाचल की सियासी परिस्थितियों में नई घटनाएं देखने को मिलेंगी. भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और तेजतर्रार नेता सतपाल सिंह सत्ती का कहना है कि पार्टी अपनी रणनीति बनाएगी और उसी के अनुसार काम करेगी.
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