नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में भीषण गर्मी का कहर जारी है. इस गर्मी के चलते दिल्ली एनसीआर में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. हीटवेव का सबसे बड़ा असर बेघरों के ऊपर पड़ रहा है. बड़ी संख्या में शवों को पुलिस अस्पतालों में पहुंचा रही है. इसी बीच दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हीट वेव से बीमार हुए लोगों की संख्या पूरे उत्तर भारत में बढ़ी है. दिल्ली में भी ये संख्या बढ़ रही है. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 48 घंटे में 310 लोग भर्ती हुए, जिसमें 14 लोगों की मौत हुई है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज अस्पताल का औचक निरीक्षण यह देखने के लिए किया कि क्या हमारे अस्पतालों में सभी संसाधन मौजूद हैं. DDU अस्पताल का कहना है कि उनके यहां पुलिस बहुत सारे लावारिस शव लेकर आई है. हमने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को कल पत्र लिखा है कि यदि उन्हें सड़क पर कोई बीमार दिखाई दे तो आप उसे अस्पताल में छोड़ जाएं या फिर हमें सूचना दें.
सूत्रों के अनुसार, डीडीयू अस्पताल में एक के बाद एक 40 शव लाए गए हैं. इनमें से लगभग सभी की मौत लू के कारण होना बताया गया है. संजय गांधी अस्पताल में 16 मरीज भर्ती हुए थे. इनमें से 11 की मृत्यु हो गई है. मरने वालों में पांच लावारिस शव हैं. दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल आरएमएल में हीट वेव के कारण पांच लोगों की मौत हो गई है. यहां पिछले 24 घंटे में जिले के सरकारी अस्पताल की इमरजेंसी से 30 लोगों को मृत अवस्था में लाया गया है. इनमें से कुछ शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है और अन्य शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.
पिछले 24 घंटे में सफदरजंग अस्पताल में हीटवेव से पीड़ित 33 मरीज भर्ती हुए. अस्पताल की प्रवक्ता पूनम ढांडा ने बताया कि इन मरीजों में से 13 मरीजों की मौत हो गई. बता दें कि बुधवार को आरएमएल अस्पताल में भी हीट वेव के कारण पांच लोगों की मौत हो गई थी. अस्पताल में पिछले दो दिनों में हीट स्ट्रोक के कारण 40 लोगों को भर्ती कराया गया था. आज अस्पताल में इनमें से पांच लोगों की मौत हो गई है. आरएमएल अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सीमा बालकृष्ण वासनिक ने बताया कि 24 घंटे में हीट स्ट्रोक के शिकार मरीजों की संख्या अस्पताल में बढी है. अस्पताल में हीट स्ट्रोक के कारण लगातार मरीज भर्ती हो रहे हैं. बता दें कि दिल्ली में हीट वेव के चलते अभी तक 25 लोगों की मौत हो गई है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ली अस्पताल प्रमुखों की बैठक
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को अस्पतालों के प्रमुखों के साथ आपातकालीन बैठक की. भारद्वाज ने हीट स्ट्रोक के मरीजों के संबंध में की गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्णय लिया कि दिल्ली पुलिस के बीट अधिकारियों/गश्ती दलों से बेघरों को (जो खुले आसमान के नीचे हों) आश्रय गृहों में स्थानांतरित करने के लिए मदद मांगी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग दिल्ली पुलिस आयुक्त को एक पत्र भी भेज रहा है कि यदि उनकी टीमों को कोई बेसहारा व्यक्ति तेज बुखार या बीमार दिखाई दे तो वे अपने गश्ती दलों को एम्बुलेंस बुलाने के लिए कहें. मंत्री ने अस्पतालों को गर्मी से संबंधित बीमारियों के मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही नई एडवाइजरी का रेडियो और समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया जाएगा.
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सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पिछले दो दिनों में हीट स्ट्रोक के कारण 40 लोगों को भर्ती कराया गया था. जिनमें से पांच लोगों की मौत हो गई है. आरएमएल अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सीमा बालकृष्ण वासनिक ने बताया कि 24 घंटे में हीट स्ट्रोक के शिकार मरीजों की संख्या अस्पताल में बढी है और अस्पताल में लगातार मरीज भर्ती हो रहे हैं.
श्मशान घाट पर शवों की लगी कतार
दिल्ली के निगमबोध घाट पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए कतारें लगी हुई हैं. यहां मंगलवार को रिकॉर्ड 95 शवों का दाह संस्कार किया गया. घाट प्रबंधन से जुड़े लोगों के अनुसार, कोरोना महामारी के बाद यह नया रिकॉर्ड है. बुधवार को भी शवों के अंतिम संस्कार के लिए कतारें लगी हुई थी. निगमबोध घाट पर 40 से 50 शवों का अंतिम संस्कार रोज किया जाता है, जबकि कोरोना के दौरान यह संख्या 100 से अधिक थी. इसके अलावा कॉलोनी शमशान घाट में भी अंतिम संस्कार के लिए शवों की संख्या बढ़ गई है. गीता कॉलोनी शमशान घाट प्रबंधन के अनुसार, 19 जून को दोपहर तक 12 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था. इस श्मशान घाट पर हर दिन 7 से 8 शव आते हैं. 18 जून को 13 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था.
दिल्ली में हीट स्ट्रोक से 192 की मौत
दिल्ली में 11 जून से 19 जून के बीच हीट स्ट्रोक के कारण 192 लोगों की मौत हो गई है. यह दावा सेंटर फॉर हॉलिस्टिक डेवलपमेंट (सीएचडी) नामक एक गैर सरकारी संस्था के द्वारा किया गया है. संस्था के कार्यकारी निदेशक सुनील कुमार अलेडिया ने बताया है कि दिल्ली में लगातार जारी शहरीकरण और पेड़ों के कटान के कारण बेघर लोगों को आसरा नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में लोग लू लगने से जान गंवा दे रहे हैं. सरकार को ऐसे लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए. संस्था का कहना है कि लॉ एनफोर्समेंट और अन्य संस्थाओं द्वारा अलग-अलग इलाकों से इकट्ठे किए गए शवों में से 80 प्रतिशत शव बिना पहचान किए हुए लोगों के थे. संस्था ने दावा किया है कि पिछले 5 सालों में गर्मी के महीनों में अभी तक 4424 बेघर लोगों के शव संस्था को मिले हैं. इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को गर्मी से संबंधित बीमारियों के मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है.
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