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टेरर फंडिंग के आरोपी रशीद इंजीनियर की जमानत याचिका पर 4 सितंबर को आएगा फैसला - RASHID ENGINEER

Rashid Engineer: इससे पहले 21 अगस्त को टेरर फंडिंग के आरोपी रशीद इंजीनियर की जमानत याचिका पर कोर्ट ने NIA को नोटिस जारी किया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान नियमित जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. 4 सितंबर को फैसला सुनाया जाएगा.

रशीद इंजीनियर की नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित
रशीद इंजीनियर की नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 28, 2024, 11:32 AM IST

Updated : Aug 28, 2024, 1:03 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आज जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के आरोपी और हालिया लोकसभा चुनाव में निर्वाचित सांसद रशीद इंजीनियर की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने नियमित जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने जमानत याचिका पर 4 सितंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने 21 अगस्त को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया था. बता दें कि कोर्ट ने रशीद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए 5 जुलाई को दो घंटे की कस्टडी पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था.

रशीद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. रशीद इंजीनियर फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है रशीद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

इन पर लगे हैं आरोप
बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, रशीद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

एनआईए के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

NIA के मुताबिक, हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए किया..इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

ये भी पढ़ें- पटियाला हाउस कोर्ट: टेरर फंडिंग के आरोपी रशीद इंजीनियर की जमानत याचिका पर NIA को नोटिस जारी

ये भी पढ़ें- 1984 सिख विरोधी दंगे के जनकपुरी मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दो गवाहों ने बयान कराया दर्ज

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आज जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के आरोपी और हालिया लोकसभा चुनाव में निर्वाचित सांसद रशीद इंजीनियर की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने नियमित जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने जमानत याचिका पर 4 सितंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने 21 अगस्त को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया था. बता दें कि कोर्ट ने रशीद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए 5 जुलाई को दो घंटे की कस्टडी पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था.

रशीद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. रशीद इंजीनियर फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है रशीद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

इन पर लगे हैं आरोप
बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, रशीद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

एनआईए के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

NIA के मुताबिक, हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए किया..इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

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Last Updated : Aug 28, 2024, 1:03 PM IST
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