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सरकारी नौकरी में 65% आरक्षण के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में आज सुनवाई

पटना हाईकोर्ट बिहार में आरक्षण की सीमा 65 फीसदी करने पर सुनवाई करेगी. इस मामले में पहले भी पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इसपर रोक लगाने की मांग की गई थी लेकिन तब कोर्ट ने रोक से इंकार कर दिया था.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 4, 2024, 7:20 AM IST

Updated : Mar 4, 2024, 8:14 AM IST

पटना : बिहार की पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार द्वारा एससी, एसटी,ओबीसी, ईबीसी श्रेणियों की आरक्षण सीमा 50 फीसदी से बढ़ा कर 65 फीसदी कर देने पर सुनवाई की जाएगी. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ गौरव कुमार व अन्य की जनहित याचिकायों पर सुनवाई करेगी.

पटना हाईकोर्ट में आज सुनवाई : 9 नवंबर 2023 को राज्य सरकार ने एक कानून ला कर आरक्षण की सीमा बढ़ा दी थी. पटना हाईकोर्ट ने इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार का इस मामले पर जवाब भी देने का निर्देश दिया था.

बिहार में 75 फीसदी आरक्षण : बता दें कि बिहार में 75 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है. 65 फीसदी का आरक्षण SC, ST, OBC और EBC के लिए दिया जा रहा है जबकि 10 फीसदी आरक्षण का लाभ आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य श्रेणी यानी EWS को दिया जा रहा है. इस तरह सामान्य श्रेणी के लिए कुल 35 फीसदी ही आरक्षण है. इसलिए इसके खिलाफ याचिका लगाई गई है.

जातीय गणना, किसे किसे कितना आरक्षण? : बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट के मुताबिक, अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी, अति (ईबीसी) पिछड़ा वर्ग को 36 फिसदी, अनुसूचित जाति (एससी) को 19 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 1.68 फीसदी, सर्वण यामी अनारक्षित वर्ग को 15.52 फीसदी आरक्षण हैं. इसके अलावा 10 फीसदी आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिेए है. इस हिसाब से आरक्षण की सीमा 50 फीसदी के पार जा चुकी है.

बिहार में आबादी, धार्मिक आधार पर? : बिहार जातीय गणना रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक हिंदुओं की आबादी यानी कुल 81.9 फीसदी हैं. इसके बाद मुसलमानों की आबादी 17.7 फीसदी है. ईसाई0.05 फीसदी, बौद्ध 0.08 फीसदी और जैन की आबादी 0.009 फीसदी है.

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पटना : बिहार की पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार द्वारा एससी, एसटी,ओबीसी, ईबीसी श्रेणियों की आरक्षण सीमा 50 फीसदी से बढ़ा कर 65 फीसदी कर देने पर सुनवाई की जाएगी. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ गौरव कुमार व अन्य की जनहित याचिकायों पर सुनवाई करेगी.

पटना हाईकोर्ट में आज सुनवाई : 9 नवंबर 2023 को राज्य सरकार ने एक कानून ला कर आरक्षण की सीमा बढ़ा दी थी. पटना हाईकोर्ट ने इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार का इस मामले पर जवाब भी देने का निर्देश दिया था.

बिहार में 75 फीसदी आरक्षण : बता दें कि बिहार में 75 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है. 65 फीसदी का आरक्षण SC, ST, OBC और EBC के लिए दिया जा रहा है जबकि 10 फीसदी आरक्षण का लाभ आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य श्रेणी यानी EWS को दिया जा रहा है. इस तरह सामान्य श्रेणी के लिए कुल 35 फीसदी ही आरक्षण है. इसलिए इसके खिलाफ याचिका लगाई गई है.

जातीय गणना, किसे किसे कितना आरक्षण? : बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट के मुताबिक, अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी, अति (ईबीसी) पिछड़ा वर्ग को 36 फिसदी, अनुसूचित जाति (एससी) को 19 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 1.68 फीसदी, सर्वण यामी अनारक्षित वर्ग को 15.52 फीसदी आरक्षण हैं. इसके अलावा 10 फीसदी आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिेए है. इस हिसाब से आरक्षण की सीमा 50 फीसदी के पार जा चुकी है.

बिहार में आबादी, धार्मिक आधार पर? : बिहार जातीय गणना रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक हिंदुओं की आबादी यानी कुल 81.9 फीसदी हैं. इसके बाद मुसलमानों की आबादी 17.7 फीसदी है. ईसाई0.05 फीसदी, बौद्ध 0.08 फीसदी और जैन की आबादी 0.009 फीसदी है.

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Last Updated : Mar 4, 2024, 8:14 AM IST
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