नई दिल्लीः दिल्ली के साकेत कोर्ट ने राजस्थान में चुनावी रैली के दौरान 21 अप्रैल को कथित हेट स्पीच को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक शिकायत पर दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कार्तिक टपारिया ने मामले की अगली सुनवाई 5 जून को करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से ये बताने को कहा है कि क्या इस मामले में कोई शिकायत दर्ज की गई है और उसकी जांच हुई है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि क्या जांच के दौरान किसी संज्ञेय अपराध के घटित होने की पुष्टि हुई है और अगर संज्ञेय अपराध हुआ है तो क्या एफआईआर दर्ज की गई है.
याचिका कुर्बानी अली ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान में जो भाषण दिया वो दो समुदायों में वैमनस्य पैदा करने वाला है. याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने जानबूझकर अपने भाषण में मुस्लिमों को टारगेट किया. याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार में आ गई तो वो मुस्लिमों में मंगलसूत्र बांट देगी. प्रधानमंत्री के भाषण में मुस्लिमों को टारगेट कर उन्हें घुसपैठिया करार दिया गया. याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री का भाषण राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसा करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. बता दें कि 10 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित सांप्रदायिक भाषणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया था.
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