चंडीगढ़: देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ हरियाणा से भी भारी संख्या में छात्र विदेश में पढ़ाई करने जाते हैं. लेकिन, हरियाणा के पंचकूला के विवेक सैनी का विदेश जाकर पढ़ाई करने का फैसला उनकी जिंदगी पर भारी पड़ गया. जानकारी के अनुसार विवेक सैनी बेघर जूलियन फॉकनर को खाने-पीने की चीजें दे रहा था. मृतक विवेक सैनी के दोस्तों के अनुसार 16 जनवरी को विवेक सैनी ने आरोपी को मुफ्त में सामान देने से मना किया तो गुस्से में आकर आरोपी ने हथौड़े से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. कुछ दिन पहले ही विवेक का उसके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार हो गया है.भारतीय दूतावास ने इस घटना की कड़ी निंदा की है.
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We are deeply anguished by the terrifying, brutal, & heinous incident that led to the death of 🇮🇳 National/student Mr Vivek Saini & condemns attack in the strongest terms. It is understood that the US authorities have arrested the accused & are investigating the case. 1/2
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2 साल पहले गया था अमेरिका: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई करने के बाद भविष्य को बेहतर बनाने के लिए विवेक सैनी 2 साल पहले अमेरिका चला गया था. अमेरिका में अलबामा विश्वविद्यालय से कुछ दिन पहले ही उसने एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी. जॉर्जिया के लिथोनिया में स्नैप फिंगर और क्लीवलैंड रोड पर शेवरॉन फूड मार्ट में पार्ट टाइम जॉब करता था.
24 जनवरी को होने वाली थी विवेक सैनी की सगाई: विवेक हरियाणा के पंचकूला के भगवानपुर गांव का रहने वाला था. जानकारी के अनुसार 24 जनवरी को विवेक सैनी की सगाई होने वाली थी. सगाई के लिए वह घर आने वाला था. सगाई समारोह को लेकर जमकर तैयारियां चल रही थीं. उसके घर आने को लेकर परिवार में खुशी का माहौल था. रिश्तेदारों को विवेक की सगाई बारे जानकारी भी दी जा चुकी थी. विवेक को अपनी सगाई के लिए भारत लौटना था, लेकिन इस शुभ दिन से पहले ही उसकी हत्या से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.
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The Consulate got in touch with the family of Mr Saini immediately after the incident, provided all consular assistance in sending the mortal remains back to India, and remains in touch with the family. 2/2@MEAIndia @IndianEmbassyUS
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25 जनवरी को हुआ विवेक सैनी का अंतिम संस्कार: अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय दूतावास को विवेक सैनी की हत्या की जानकारी दी गई. इसके बाद भारतीय अथॉरिटी ने विवेक के परिवार से संपर्क किया. बड़े बेटे की हत्या की खबर से किसान पिता जगजीत सैनी बेसुध हो गए. गली-मोहल्ले से लेकर पूरा गांव शोक में डूब गया. इसके बाद गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले गुरुवार, 25 जनवरी को विवेक सैनी का पार्थिव शरीर उसके गांव भगवानपुरा के घर पहुंचा. ढेरों सपने संजोए पिता जगजीत सिंह की आंखें बेटे विवेक के शव को देख बंद हो गई. क्योंकि हत्यारे के हथौड़े के वार से विवेक का सिर चकनाचूर हो चुका था.
विवेक की एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई: विवेक तीन भाई बहनों में मंझला था. विवेक से बड़ी उसकी एक बहन और एक छोटा भाई ललित है. किसान परिवार में विवेक सैनी ही पढ़ा लिखा था और अमेरिका में एमबीए करने गया था. विवेक सैनी के परिवार का खेतीबाड़ी का अच्छा काम है और परिवार करीब 40-45 किले की खेती करता है. खेती बाड़ी के सारे कामकाज को विवेक के पिता जगजीत सैनी छोटे बेटे ललित के साथ संभालते हैं.
घटना से सदमे में परिवार: पंचकूला के गांव भगवानपुर के रहने वाले विवेक सैनी के परिवार से मिलने के लिए ईटीवी भारत की टीम उनके गांव पहुंची. विवेक सैनी का अंतिम संस्कार भगवानपुर में ही किया गया था. विवेक सैनी के पिता गुरजीत सिंह और उनकी मां ललिता सैनी सदमे में है. अभी किसी से कुछ भी बात करने की स्थिति में नहीं हैं. जब हमारी टीम उनके घर पहुंची तो उनके भाई और बहन ने कैमरे के सामने न आने की शर्त पर जानकारी देते हुए कहा कि विवेक को मालूम नहीं था कि वो जिस शख्स की मदद कर रहा है, वो ही उसके जान का दुश्मन बन जाएगा. वो 2 साल के बाद पहली बार घर आने वाला था. ऐसे में घरवाले काफी खुश थे लेकिन उन्हें पता ना था कि वो इस तरह से भारत पहुंचेगा. अमेरिकी सरकार ने उनसे बयान मांगे हैं जो वो उन्हें देने वाले हैं और उन्हें उम्मीद है कि आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
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