पानीपत: हरियाणा पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी जोगेंद्र ग्योंग फिलीपींस में गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे अब भारत डिपोर्ट किया जायेगा. भारत में डिपोर्ट करने के बाद कैथल पुलिस जोगेंद्र को गिरफ्तार करेगी. उसके बाद पानीपत पुलिस भी प्रोडक्शन वारंट पर उसे लाएगी. गैंगस्टर जोगेंद्र पर पानीपत के सेक्टर 18 में रिटायरमेंट पार्टी में आए जयदेव की हत्या का आरोप है.
गैंगस्टर जोगेंद्र पर 1 लाख का इनाम
वारदात के बाद आरोपी जोगिंदर पर पुलिस ने 1 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था. मर्डर के बाद से ही वो फरार चल रहा था. कैथल पुलिस ने जोगिंदर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था. खबर के मुताबिक 9 तारीख को फिलिपींस पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है. अब उसे भारत डिपोर्ट करने की तैयारी की जा रही है.
कौन है जोगेंद्र ग्योंग?
जोगेंद्र ग्योंग हरियाणा में आतंक का पर्याय बन चुके गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग का भाई है. सुरेंद्र को 2017 में करनाल पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था. बताया जा रहा है कि सुरेंद्र के एनकाउंटर में मुखबिरी का शक करनाल के रहने वाले जयदेव पर था. जय देव 30 दिसंबर 2017 को पुलिस इंस्पेक्टर से रिटायर हुए अपनी पत्नी की मौसा जिले सिंह के रिटायरमेंट पार्टी में परिवार के साथ आया था. रिटायरमेंट स्थल पर करीब 150 मीटर दूर बदमाशों ने जयदेव को 13 गोलियां मार कर मौत के घाट उतार दिया था.
इस मामले में पुलिस ने जोगेंद्र, लाभ सिंह और उसके भाई सुशील और अन्य चार लोगों पर मामला दर्ज किया था. जयदेव को सुरेंद्र ग्योंग के एनकाउंटर के बाद गन का लाइसेंस मिला था. उसे पुलिस द्वारा सिक्योरिटी भी दी गई थी लेकिन उसने सिक्योरिटी लेने से इनकार कर दिया था. जयदेव की हत्या के बाद से ही जोगेंद्र फरार चल रहा था. लंबे समय के बाद पुलिस को सूचना मिली थी कि जोगेंद्र फिलीपींस में रह रहा है. जिसके बाद इंटरपोल की मदद से उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाई गई थी.
कौन था जोगेंद्र का भाई सुरेंद्र ग्योंग?
गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग कैथल का रहने वाला था. ग्योंग उसके गांव का नाम है. वो क्रिकेटर बनना चाहता था. 19 साल उम्र में सुरेंद्र ने पहला मर्डर किया था. सुरेंद्र पर चार राज्यों में लूट, हत्या, फिरौती जैसे 37 से ज्यादा मामले दर्ज थे. सुरेंद्र ने अकेले ही 50 से ज्यादा लोगों से रंगदारी भी वसूल की थी. सुरेंद्र ने 2005 में अंबाला जेल में रहते हुए सरपंची का चुनाव लड़ा और जीत भी गया था. 1999 में सुरेंद्र ने कैथल के पत्रकार परमानंद गोयल की भी हत्या की थी. सुरेंद्र भेष बदलने में बड़ा माहिर था. वह सड़क पर दिल्ली पुलिस की वर्दी में घूमता था.
वो देश बदलने में इतना माहिर था कि फर्जी पासपोर्ट के जरिए साउथ अफ्रीका निकल गया. जब करनाल पुलिस ने सुरेंदर का एनकाउंटर किया था तो वह सरदार की वेशभूषा में था. चर्चा यह थी की राजनीतिक दबाव के चलते सुरेंद्र ग्योंग का एनकाउंटर किया गया था.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी थे सुरेंद्र के निशाने पर
सुरेंद्र ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को जान से मारने की धमकी तक दे डाली थी. इस पूरे प्रकरण में कैथल पुलिस ने मामला भी दर्ज किया था. धमकी के बाद से ही रणदीप सुरजेवाला को सुरक्षा दी गई थी. शाम ढलते ही सुरेंद्र के नाम का खौफ इतना था कि सड़कों पर लोग निकलने से डरते थे. सुरेंद्र की एनकाउंटर का बदला लेने के लिए ही उसके भाई जोगेंद्र ने जयदेव की हत्या की थी. भारत में डिपोर्ट होने के बाद कैथल पुलिस उसे गिरफ्तार करेगी और उसके बाद पानीपत पुलिस जयदेव की हत्या मामले में उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी.