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खेलों में बजता है हरियाणा का डंका, आखिर हरियाणा कैसे बना खेलों का सिरमौर ? - Why Haryana Dominates Sports

why did Haryana become the leader of sports ? : "देशा में देश हरियाणा, जित दूध दही का खाना" ये कहावत हरियाणा के बारे में हर स्तर पर कही जाती है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी खेल प्रतियोगिता की बात हो, ओलंपिक्स, कॉमनवेल्थ या एशियन गेम्स, इन सभी खेलों में देश को सर्वाधिक मेडल दिलाने में देश के करीब दो फीसदी आबादी वाले इस राज्य का अहम योगदान रहता है. कुछ ऐसा ही इस बार ओलिंपिक में भी देखने को मिला है. जानिए आखिर खेलों में क्यों बजता है हरियाणा का डंका ?

Haryana dominates sports why did Haryana become the leader of sports
खेलों का सिरमौर हरियाणा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 11, 2024, 10:04 PM IST

चंडीगढ़ : पेरिस ओलंपिक 2024 में हरियाणा छाया रहा और हरियाणा के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश के लिए मेडल जीते. देश के 6 मेडल में से 4 हरियाणा के खिलाड़ियों के नाम है, वहीं जिस हॉकी टीम ने मेडल जीता, उसमें भी हरियाणवी खिलाड़ियों ने अहम भूमिका निभाई है. आखिर क्यों हरियाणा के खिलाड़ी खेलों के मैदान में बाजी मार रहे हैं ?. वो कौन सी बातें हैं जिसके चलते देश में हरियाणा खेलों का सिरमौर बना हुआ है ?.

हरियाणा की खेल नीति का असर : खेलों के मैदान में हरियाणा के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के पीछे राज्य की लंबे वक्त से चल रही खेल नीति है, जो खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है. प्रदेश में जहां अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीतने वाले खिलाड़ियों को बड़ी रकम इनामी राशि के तौर पर दी जाती है, वहीं नौकरी के साथ साथ खेलों की तैयारी के दौरान भी वित्तीय मदद दी जाती है. इतना ही नहीं राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने के लिए भी सरकार बड़ी भूमिका निभाती है, जिसका असर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिलता है.

Haryana dominates sports why did Haryana become the leader of sports
हरियाणा में ओलंपिक मेडल के लिए पुरस्कार (Etv Bharat)

ओलंपिक खेलने वालों के लिए कितना पुरस्कार ? : हरियाणा देश का एक ऐसा राज्य है जो पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार के तौर पर सबसे ज्यादा राशि देता है. हरियाणा ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रत्येक प्रतियोगिता के मुताबिक पुरस्कार राशि तय की हुई है. ओलंपिक और पैरा ओलंपिक खेलों की बात करें तो इसमें गोल्ड मेडल जीतने वाले को छह करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले को चार करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को ढाई करोड़ की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाती है. इसके साथ ही सरकार ओलंपिक में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को भी 15 - 15 लाख की राशि देती है.

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एशियाई खेलों के लिए पुरस्कार (Etv Bharat)
एशियाई और कॉमनवेल्थ खेलों में दी जाती है कितनी राशि ? : हरियाणा में खेल नीति के मुताबिक हर प्रतियोगिता के हिसाब से पुरस्कार राशि दी जाती है. इस नीति के तहत एशियाई खेलों के लिए भी जो पुरस्कार राशि तय की गई है, वो भी अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा है. एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले को तीन करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले को डेढ़ करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को 75 लाख की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाती है. वहीं कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले को डेढ़ करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले को 75 लाख और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को 50 लाख की राशि दी जाती है.
Haryana dominates sports why did Haryana become the leader of sports
कॉमनवेल्थ खेलों के लिए पुरस्कार (Etv Bharat)

कई स्तरों पर खेलों को दिया जा रहा बढ़ावा : राज्य सरकार खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए कई और योजना पर भी काम करती है, जिसके तहत अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार के साथ ही ध्यानचंद पुरस्कार पाने वालों को 20 हजार का मानदेय हर महीने देती है. इतना ही मानदेय खेलरत्न अवार्ड, तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता को भी देती है. वहीं भीम पुरस्कार विजेताओं को भी पांच हजार का मानदेय हर महीने दिया जाता है. इसके साथ ही हरियाणा में सरकार ने स्टेट गवर्नमेंट फंड बनाया है. सरकार की ओर से ओलिंपिक और पैरा ओलिंपिक क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को तैयारी के लिए पांच लाख दिए जाते हैं.


नौकरियों में भी खिलाड़ियों के लिए मौके : हरियाणा सरकार ने उत्कृष्ठ खिलाडियों के प्रदर्शन को देखते हुए नौकरियों में भी प्रावधान किया हुआ है. जैसे हाल ही में ओलंपिक में शूटिंग में पदक जीतने वाली मनु भाकर और सरबजोत को डिप्टी डायरेक्टर की नौकरी का ऑफर दिया है. इसके लिए सेवा नियम 2021 बनाया गया है, जिसके तहत खेल विभाग में प्रथम से तृतीय वर्ग के पद सृजित किए गए हैं. नियमों के तहत योग्यता वाले खिलाड़ियों को प्रथम से तृतीय श्रेणी में तीन प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी में दस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है.


जमीनी स्तर पर भी किया जा रहा है काम : हरियाणा सरकार खेलों को लेकर कितना संजीदा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहां अलग-अलग खेलों के लिए एक्सीलेंस सेंटर बनाए गए हैं, वहीं 1100 के करीब खेल नर्सरियां, 1100 के करीब व्यायाम शालाएं खोली गई हैं. वहीं स्कूलों से ही खिलाड़ियों पर काम करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, जिसके तहत सात सौ से हजार रुपए तक छात्रवृति का भी प्रावधान है. इसके साथ ही ग्रामीण स्तर तक खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय खेल परिसर और स्टेडियम बनाए गए हैं, जिनमें हर तरह की सुविधाएं और कोच तक तैनात किए गए हैं.


अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हरियाणा का शानदार रिकॉर्ड : इस ओलंपिक में 4 पदक हरियाणा के नाम हैं. नीरज चोपड़ा ने जैवलिन में सिल्वर मेडल, मनु भाकर ने शूटर के तौर पर ब्रॉन्ज मेडल, सरबजोत ने मनु भाकर के साथ शूटर के तौर पर ब्रॉन्ज मेडल, अमन सहरावत ने कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. वहीं हरियाणा के संजय, अभिषेक, सुमित ने हॉकी टीम के साथ मिलकर ब्रॉन्ज मेडल जीता है. थोड़ा पीछे जाएं तो 2023 के एशियन गेम्स में 33 मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों के नाम रहे. वहीं कॉमनवेल्थ खेल 2022 में 17 पदक हरियाणा के नाम रहे. इसके अलावा 2020 में टोक्यो ओलंपिक में 3 मेडल हरियाणा के नाम रहे. ऐसा ही पैरा खेलों में भी देखने को मिलता है. वहीं खेलो इंडिया खेलो में भी हमेशा से यहां के खिलाड़ियों ने हरियाणा का परचम लहराया है.

17 अगस्त को होगा ओलंपिक खिलाड़ियों का सम्मान : हरियाणा सरकार ने इस बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के सम्मान के कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश सरकार 17 अगस्त को रोहतक में सभी खिलाड़ियों का सम्मान करेगी. इस बारे में खुद खेल मंत्री संजय सिंह जानकारी दे चुके हैं. संजय सिंह ने कहा कि ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए सरकार की तरफ से सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा.

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चंडीगढ़ : पेरिस ओलंपिक 2024 में हरियाणा छाया रहा और हरियाणा के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश के लिए मेडल जीते. देश के 6 मेडल में से 4 हरियाणा के खिलाड़ियों के नाम है, वहीं जिस हॉकी टीम ने मेडल जीता, उसमें भी हरियाणवी खिलाड़ियों ने अहम भूमिका निभाई है. आखिर क्यों हरियाणा के खिलाड़ी खेलों के मैदान में बाजी मार रहे हैं ?. वो कौन सी बातें हैं जिसके चलते देश में हरियाणा खेलों का सिरमौर बना हुआ है ?.

हरियाणा की खेल नीति का असर : खेलों के मैदान में हरियाणा के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन के पीछे राज्य की लंबे वक्त से चल रही खेल नीति है, जो खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है. प्रदेश में जहां अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीतने वाले खिलाड़ियों को बड़ी रकम इनामी राशि के तौर पर दी जाती है, वहीं नौकरी के साथ साथ खेलों की तैयारी के दौरान भी वित्तीय मदद दी जाती है. इतना ही नहीं राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने के लिए भी सरकार बड़ी भूमिका निभाती है, जिसका असर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिलता है.

Haryana dominates sports why did Haryana become the leader of sports
हरियाणा में ओलंपिक मेडल के लिए पुरस्कार (Etv Bharat)

ओलंपिक खेलने वालों के लिए कितना पुरस्कार ? : हरियाणा देश का एक ऐसा राज्य है जो पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार के तौर पर सबसे ज्यादा राशि देता है. हरियाणा ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रत्येक प्रतियोगिता के मुताबिक पुरस्कार राशि तय की हुई है. ओलंपिक और पैरा ओलंपिक खेलों की बात करें तो इसमें गोल्ड मेडल जीतने वाले को छह करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले को चार करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को ढाई करोड़ की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाती है. इसके साथ ही सरकार ओलंपिक में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को भी 15 - 15 लाख की राशि देती है.

Haryana dominates sports why did Haryana become the leader of sports
एशियाई खेलों के लिए पुरस्कार (Etv Bharat)
एशियाई और कॉमनवेल्थ खेलों में दी जाती है कितनी राशि ? : हरियाणा में खेल नीति के मुताबिक हर प्रतियोगिता के हिसाब से पुरस्कार राशि दी जाती है. इस नीति के तहत एशियाई खेलों के लिए भी जो पुरस्कार राशि तय की गई है, वो भी अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा है. एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले को तीन करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले को डेढ़ करोड़ और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को 75 लाख की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाती है. वहीं कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले को डेढ़ करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले को 75 लाख और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को 50 लाख की राशि दी जाती है.
Haryana dominates sports why did Haryana become the leader of sports
कॉमनवेल्थ खेलों के लिए पुरस्कार (Etv Bharat)

कई स्तरों पर खेलों को दिया जा रहा बढ़ावा : राज्य सरकार खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए कई और योजना पर भी काम करती है, जिसके तहत अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार के साथ ही ध्यानचंद पुरस्कार पाने वालों को 20 हजार का मानदेय हर महीने देती है. इतना ही मानदेय खेलरत्न अवार्ड, तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता को भी देती है. वहीं भीम पुरस्कार विजेताओं को भी पांच हजार का मानदेय हर महीने दिया जाता है. इसके साथ ही हरियाणा में सरकार ने स्टेट गवर्नमेंट फंड बनाया है. सरकार की ओर से ओलिंपिक और पैरा ओलिंपिक क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को तैयारी के लिए पांच लाख दिए जाते हैं.


नौकरियों में भी खिलाड़ियों के लिए मौके : हरियाणा सरकार ने उत्कृष्ठ खिलाडियों के प्रदर्शन को देखते हुए नौकरियों में भी प्रावधान किया हुआ है. जैसे हाल ही में ओलंपिक में शूटिंग में पदक जीतने वाली मनु भाकर और सरबजोत को डिप्टी डायरेक्टर की नौकरी का ऑफर दिया है. इसके लिए सेवा नियम 2021 बनाया गया है, जिसके तहत खेल विभाग में प्रथम से तृतीय वर्ग के पद सृजित किए गए हैं. नियमों के तहत योग्यता वाले खिलाड़ियों को प्रथम से तृतीय श्रेणी में तीन प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी में दस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है.


जमीनी स्तर पर भी किया जा रहा है काम : हरियाणा सरकार खेलों को लेकर कितना संजीदा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहां अलग-अलग खेलों के लिए एक्सीलेंस सेंटर बनाए गए हैं, वहीं 1100 के करीब खेल नर्सरियां, 1100 के करीब व्यायाम शालाएं खोली गई हैं. वहीं स्कूलों से ही खिलाड़ियों पर काम करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, जिसके तहत सात सौ से हजार रुपए तक छात्रवृति का भी प्रावधान है. इसके साथ ही ग्रामीण स्तर तक खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय खेल परिसर और स्टेडियम बनाए गए हैं, जिनमें हर तरह की सुविधाएं और कोच तक तैनात किए गए हैं.


अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हरियाणा का शानदार रिकॉर्ड : इस ओलंपिक में 4 पदक हरियाणा के नाम हैं. नीरज चोपड़ा ने जैवलिन में सिल्वर मेडल, मनु भाकर ने शूटर के तौर पर ब्रॉन्ज मेडल, सरबजोत ने मनु भाकर के साथ शूटर के तौर पर ब्रॉन्ज मेडल, अमन सहरावत ने कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. वहीं हरियाणा के संजय, अभिषेक, सुमित ने हॉकी टीम के साथ मिलकर ब्रॉन्ज मेडल जीता है. थोड़ा पीछे जाएं तो 2023 के एशियन गेम्स में 33 मेडल हरियाणा के खिलाड़ियों के नाम रहे. वहीं कॉमनवेल्थ खेल 2022 में 17 पदक हरियाणा के नाम रहे. इसके अलावा 2020 में टोक्यो ओलंपिक में 3 मेडल हरियाणा के नाम रहे. ऐसा ही पैरा खेलों में भी देखने को मिलता है. वहीं खेलो इंडिया खेलो में भी हमेशा से यहां के खिलाड़ियों ने हरियाणा का परचम लहराया है.

17 अगस्त को होगा ओलंपिक खिलाड़ियों का सम्मान : हरियाणा सरकार ने इस बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के सम्मान के कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश सरकार 17 अगस्त को रोहतक में सभी खिलाड़ियों का सम्मान करेगी. इस बारे में खुद खेल मंत्री संजय सिंह जानकारी दे चुके हैं. संजय सिंह ने कहा कि ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए सरकार की तरफ से सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा.

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