जयपुर: कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आदेश जारी करते हुए अशोक गहलोत को सीनियर पर्यवेक्षक बनाया है. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी आदेश के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गहलोत के अलावा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया.
मई में स्लिप डिस्क के बाद बेड रेस्ट पर रहे गहलोत 3 महीने बाद सक्रिय राजनीति में लौटे हैं. दो दिन पहले गहलोत दिल्ली पहुंचे थे, जहां लगातार राजनीतिक मुलाकात के बाद उन्हें शुक्रवार को पार्टी ने हरियाणा में स्टार प्रचारक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी थी और शनिवार को उन्हें सीनियर पर्यवेक्षक के रूप में एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी. गौरतलब है कि पंजाब में प्रचार के दौरान गहलोत की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद वे 4 सितंबर को स्वास्थ्य लाभ लेकर फिर से सक्रिय हुए थे.
Hon'ble Congress President Shri @kharge has appointed the following leaders as AICC Senior Observers for the ensuing assembly elections in Haryana with immediate effect. pic.twitter.com/bkmGRMlDqp
— Congress (@INCIndia) September 14, 2024
पहले भी रहे हैं हरियाणा के पर्यवेक्षक : पड़ोसी राज्य हरियाणा में पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने बतौर पर्यवेक्षक साल 2005 के चुनाव में भी कमान संभाली थी. तब 90 सीटों में से कांग्रेस ने 67 पर जीत हासिल की थी. उस वक्त अशोक गहलोत के साथ वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी और पीएम सईद ने चुनावी बागडोर संभाली थी और भजनलाल बिश्नोई का विजयी रथ हरियाणा में रोक दिया था. उस चुनाव में गहलोत की रिपोर्ट पर ही कांग्रेस आलाकमान ने भूपेंद्र हुड्डा को हरियाणा में मुख्यमंत्री बनाया था.
अशोक गहलोत और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल ने मुख्यमंत्री के फैसले को लेकर तब अहम भूमिका निभाई थी. माना जा रहा है कि गहलोत को सीनियर पर्यवेक्षक बनाए जाने के पीछे पार्टी आलाकमान की सोच एक बार फिर ऐतिहासिक करिश्मा दोहराने को लेकर है.