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15 अगस्त तक एयर फोर्स को मिल जाएगा देश का पहला एलसीए मार्क 1ए फाइटर जेट - LCA Mark 1A fighter jet

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 12, 2024, 1:15 PM IST

Updated : Jul 12, 2024, 2:04 PM IST

LCA MARK 1A FIGHTER JET: भारतीय वायु सेना को पहला लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क 1A फाइटर जेट की डिलीवरी इस साल 15 अगस्त तक हो जायेगी. देरी को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने यह जानकारी दी है.

LCA MARK 1A FIGHTER JET
प्रतीकात्मक तस्वीर. (IANS)

नई दिल्ली: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इस साल 15 अगस्त तक पहला एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने का लक्ष्य बना रहा है. इससे पहले, भारतीय वायुसेना को पहले एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान की आपूर्ति में देरी को लेकर चिंताएं जतायी जा रही थीं.

गौरतलब है कि इस घोषणा के बाद कुल आपूर्ति कार्यक्रम में देरी में कमी आने की संभावना को बल मिला है. अमेरिकी इंजन निर्माता जीई ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक अपने जीई-404 इंजन की आपूर्ति शुरू करने का आश्वासन दिया है. रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि एकीकरण में कुछ सॉफ्टवेयर संबंधी समस्याएं हैं. हम इन समस्याओं को दूर करने की दिशा में काम कर रहे हैं और अब इस साल 15 अगस्त से पहले पहला विमान उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं.

LCA MARK 1A FIGHTER JET
प्रतीकात्मक तस्वीर. (HAL वेबसाइट से साभार)

पहले इस विमान को इस साल फरवरी-मार्च तक भारतीय वायुसेना को देने की योजना थी, लेकिन किसी न किसी कारण से समय-सारिणी में बदलाव होता रहा है. भारतीय वायुसेना चाहती है कि उसे एक ऐसा विमान मिले जिसमें सभी महत्वपूर्ण विनिर्देश हों. वायुसेना प्रमुख समेत भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारी इस प्रतिष्ठित परियोजना में हुई प्रगति पर करीबी नजर रख रहे हैं. वायुसेना के उप प्रमुख ने भी कार्यक्रम की समीक्षा के लिए हाल ही में एचएएल हैंगर का दौरा किया था. एचएएल ने कुछ महीने पहले लड़ाकू विमान की पहली उड़ान भरी थी.

शुरू में ऑर्डर किए गए 83 एलसीए मार्क1ए के समग्र वितरण कार्यक्रम में पहले ही कई महीनों की देरी हो चुकी है. इस देरी का कारण अमेरिका की ओर से जीई-404 इंजन की आपूर्ति में देरी रही. बताया गया कि संबंधित कंपनी के पास अन्य उच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाएं थीं. सूत्रों ने कहा कि अब अमेरिकी निर्माता ने सितंबर-अक्टूबर से हर महीने एक या दो इंजन की आपूर्ति शुरू करने का आश्वासन दिया है, लेकिन हम उनसे आपूर्ति में और तेजी लाने और हर महीने आपूर्ति की जाने वाली संख्या बढ़ाने के लिए कहेंगे.

LCA MARK 1A FIGHTER JET
प्रतीकात्मक तस्वीर. (HAL वेबसाइट से साभार)

अधिकारियों ने कहा कि सेना में स्वदेशी लड़ाकू विमान को शामिल करना सैन्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. इस अवसर पर प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया जा सकता है. एलसीए मार्क 1ए परियोजना की अवधारणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यभार संभालने के बाद बनाई गई थी. 83 विमानों के लिए 48,000 करोड़ रुपये का एक ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 97 विमानों के लिए 65,000 करोड़ रुपये का एक और ऑर्डर दिया जाएगा.

रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 97 मेड-इन-इंडिया LCA मार्क 1A फाइटर जेट की खरीद के लिए पहले ही एक टेंडर जारी कर दिया है. यह टेंडर भारत सरकार की ओर से दिया गया स्वदेशी सैन्य हार्डवेयर का अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय द्वारा HAL को जारी किए गए इस ऑर्डर में कंपनी को जवाब देने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है.

सरकारी अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय वायु सेना के मिग-21, मिग-23 और मिग-27 के बेड़े को बदलना है, जिन्हें या तो चरणबद्ध तरीके से हटाया जा चुका है या जल्द ही हटाया जाना है. रक्षा मंत्रालय और वायु सेना मुख्यालय दोनों की ओर से समर्थित, स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम से स्वदेशीकरण प्रयासों को काफी बढ़ावा मिलने और देश भर में रक्षा क्षेत्र में लगे छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए पर्याप्त व्यावसायिक अवसर प्रदान करने की उम्मीद है.

उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय और वायुसेना मुख्यालय की ओर से पूर्ण रूप से समर्थित स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश भर में रक्षा व्यवसाय में लगे छोटे और मध्यम उद्यमों को बड़ा कारोबार देने के लिए एक बड़ा बढ़ावा देने वाला है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एचएएल के पुनरुद्धार के लिए जोर दे रहे हैं, जिसने उनकी सरकार के तहत सभी प्रकार के स्वदेशी लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ उनके इंजन बनाने के ऑर्डर प्राप्त किए हैं. प्रधानमंत्री ने स्वदेशी लड़ाकू विमान के प्रशिक्षक संस्करण में भी उड़ान भरी, जो किसी भी लड़ाकू विमान में भारत के प्रधानमंत्री की ओर से की गई पहली उड़ान थी.

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नई दिल्ली: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इस साल 15 अगस्त तक पहला एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने का लक्ष्य बना रहा है. इससे पहले, भारतीय वायुसेना को पहले एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान की आपूर्ति में देरी को लेकर चिंताएं जतायी जा रही थीं.

गौरतलब है कि इस घोषणा के बाद कुल आपूर्ति कार्यक्रम में देरी में कमी आने की संभावना को बल मिला है. अमेरिकी इंजन निर्माता जीई ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक अपने जीई-404 इंजन की आपूर्ति शुरू करने का आश्वासन दिया है. रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि एकीकरण में कुछ सॉफ्टवेयर संबंधी समस्याएं हैं. हम इन समस्याओं को दूर करने की दिशा में काम कर रहे हैं और अब इस साल 15 अगस्त से पहले पहला विमान उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं.

LCA MARK 1A FIGHTER JET
प्रतीकात्मक तस्वीर. (HAL वेबसाइट से साभार)

पहले इस विमान को इस साल फरवरी-मार्च तक भारतीय वायुसेना को देने की योजना थी, लेकिन किसी न किसी कारण से समय-सारिणी में बदलाव होता रहा है. भारतीय वायुसेना चाहती है कि उसे एक ऐसा विमान मिले जिसमें सभी महत्वपूर्ण विनिर्देश हों. वायुसेना प्रमुख समेत भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारी इस प्रतिष्ठित परियोजना में हुई प्रगति पर करीबी नजर रख रहे हैं. वायुसेना के उप प्रमुख ने भी कार्यक्रम की समीक्षा के लिए हाल ही में एचएएल हैंगर का दौरा किया था. एचएएल ने कुछ महीने पहले लड़ाकू विमान की पहली उड़ान भरी थी.

शुरू में ऑर्डर किए गए 83 एलसीए मार्क1ए के समग्र वितरण कार्यक्रम में पहले ही कई महीनों की देरी हो चुकी है. इस देरी का कारण अमेरिका की ओर से जीई-404 इंजन की आपूर्ति में देरी रही. बताया गया कि संबंधित कंपनी के पास अन्य उच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाएं थीं. सूत्रों ने कहा कि अब अमेरिकी निर्माता ने सितंबर-अक्टूबर से हर महीने एक या दो इंजन की आपूर्ति शुरू करने का आश्वासन दिया है, लेकिन हम उनसे आपूर्ति में और तेजी लाने और हर महीने आपूर्ति की जाने वाली संख्या बढ़ाने के लिए कहेंगे.

LCA MARK 1A FIGHTER JET
प्रतीकात्मक तस्वीर. (HAL वेबसाइट से साभार)

अधिकारियों ने कहा कि सेना में स्वदेशी लड़ाकू विमान को शामिल करना सैन्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. इस अवसर पर प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया जा सकता है. एलसीए मार्क 1ए परियोजना की अवधारणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यभार संभालने के बाद बनाई गई थी. 83 विमानों के लिए 48,000 करोड़ रुपये का एक ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 97 विमानों के लिए 65,000 करोड़ रुपये का एक और ऑर्डर दिया जाएगा.

रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 97 मेड-इन-इंडिया LCA मार्क 1A फाइटर जेट की खरीद के लिए पहले ही एक टेंडर जारी कर दिया है. यह टेंडर भारत सरकार की ओर से दिया गया स्वदेशी सैन्य हार्डवेयर का अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय द्वारा HAL को जारी किए गए इस ऑर्डर में कंपनी को जवाब देने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है.

सरकारी अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय वायु सेना के मिग-21, मिग-23 और मिग-27 के बेड़े को बदलना है, जिन्हें या तो चरणबद्ध तरीके से हटाया जा चुका है या जल्द ही हटाया जाना है. रक्षा मंत्रालय और वायु सेना मुख्यालय दोनों की ओर से समर्थित, स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम से स्वदेशीकरण प्रयासों को काफी बढ़ावा मिलने और देश भर में रक्षा क्षेत्र में लगे छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए पर्याप्त व्यावसायिक अवसर प्रदान करने की उम्मीद है.

उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय और वायुसेना मुख्यालय की ओर से पूर्ण रूप से समर्थित स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश भर में रक्षा व्यवसाय में लगे छोटे और मध्यम उद्यमों को बड़ा कारोबार देने के लिए एक बड़ा बढ़ावा देने वाला है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एचएएल के पुनरुद्धार के लिए जोर दे रहे हैं, जिसने उनकी सरकार के तहत सभी प्रकार के स्वदेशी लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ उनके इंजन बनाने के ऑर्डर प्राप्त किए हैं. प्रधानमंत्री ने स्वदेशी लड़ाकू विमान के प्रशिक्षक संस्करण में भी उड़ान भरी, जो किसी भी लड़ाकू विमान में भारत के प्रधानमंत्री की ओर से की गई पहली उड़ान थी.

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Last Updated : Jul 12, 2024, 2:04 PM IST
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